प्रयागराज ब्यूरो आर्य कन्या डिग्री कॉलेज के सभागार में हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर बुधवार को संगोष्ठी एवम कवि सम्मेलन का आयोजित किया गया। चीफ गेस्ट के रूप में मेयर उमेश चंद्र गणेश केशरवानी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि भारत की कल्पना बिना हिंदी भाषा के संभव नहीं है। कवि सम्मेलन एवम रचनाकारों की पंक्तियों से देश की दिशा तथा दशा को परिवर्तित करता है। अध्यक्षता कर रहे आर्य कन्या ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन के चेयरमैन पंकज जायसवाल ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में दिशा बोध साहित्यकारों से ही होता है। हमें अपनी मातृ भाषा पे गर्व होना चाहिए। स्पेशल गेस्ट जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ वीके सिंह ने कहा की राष्ट्रभाषा के सम्मान हेतु हम सबको अग्रणी पंक्ति में खड़ा रहना चाहिए। विशिष्ट अतिथि रईस चंद शुक्ला उपस्थित रहे। संचालन चीफ प्राक्टर डॉक्टर रंजना त्रिपाठी ने किया। कवि सम्मेलन का शुभारंभ वाणी वंदना के साथ हुआ।
प्रख्यात कवियत्री प्रीता वाजपेई जी ने पढ़ा, अब आन बान शान से आती है बेटियां, खुद बोझ नहीं बोझ उठाए है बेटियां सुनाकर माहौल में जोश पैदा किया। गीतकार शैलेंद्र मधुर ने, मान सम्मान स्वाभिमान मेरी हिंदी है, मेरी कविता की भी पहचान मेरी हिंदी है। सुनाकर हिंदी को परिभाषित किया। राधेश्याम भारती, योगेश झमाझम, अमित जौनपुरी, नजर इलाहाबादी, राम कैलाश पाल प्रयागी ने अपनी रचनाएं पढ़ीं। स्वागत प्रो। अर्चना पाठक ने किया। उप प्राचार्या डॉक्टर इभा शिरोठिया जी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। डॉक्टर ममता गुप्ता, डॉ प्रियंका श्रीवास्तव के अलावा भारी संख्या में छात्राएं एवं शिक्षिकाएं मौजूद रहीं।