वर्ल्ड ओबेसिटी डे स्पेशल
सोसायटी में तेजी से बढ़ रहा मोटापा, वजन अधिक होना है कई गंभीर बीमारियों की जड़
लाइफ स्टाइल और तनाव है मुख्य कारण, डॉक्टर्स भी देते हैं एक्टिव रहने की सलाह
ALLAHABAD: एक मोटापा कई बीमारियों का कारण बन सकता है। सोसायटी में मोटापे के केसेज तेजी से बढ़ रहे हैं। खासकर युवा इससे अधिक प्रभावित होते हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि हेल्दी लाइफ स्टाइल नहीं होने के साथ अधिक तनाव मोटापे की जड़ हैं। इसकी वजह से शरीर का वजन तेजी से बढ़ता है और पीडि़त को एक साथ कई रोग घेरने लगते हैं। अधिक मोटापे के लोगों की मौत तक हो जाती है। वर्तमान में एक बड़ा वर्ग मोटापे की समस्या से ग्रसित है।
रेड लाइन बन चुकी है 35 की उम्र
एक आंकड़े के मुताबिक 35 साल से अधिक उम्र के पचास फीसदी से अधिक लोग मोटापे से ग्रसित होते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है अनहेल्दी फूड का सेवन करना और एक्सरसाइज से दूरी बना लेना। कामकाज का तनाव भी शरीर के हार्मोस में चेंजेस कर मोटापे को दावत देता है। केवल पुरुष ही नही, एक उम्र सीमा के बाद महिलाओं में भी मोटापे की समस्या ने आकार लेना शुरू कर दिया है। डॉक्टर्स की माने तो 30 साल की उम्र पार करने के साथ लोगों को अपनी लाइफ स्टाइल पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
ये हैं विशेष कारण
मोटापा और शरीर का वजन बढ़ना, ऊर्जा के सेवन और ऊर्जा के उपयोग के बीच असंतुलन के कारण होता है।
अधिक चर्बी युक्त आहार का सेवन करना भी मोटापे का कारण है। इसमें जंक फूड का बड़ा योगदान है।
कम व्यायाम और स्थिर जीवन-यापन मोटापे का प्रमुख कारण है।
असंतुलित व्यवहार और मानसिक तनाव की वजह से लोग ज्यादा भोजन करने लगते हैं, जो मोटापे का कारण बनता है।
शारीरिक क्रियाओं के सही ढंग से नहीं होने पर भी शरीर में चर्बी जमा होने लगती है।
बाल्यावस्था और युवावस्था के समय का मोटापा व्यस्क होने पर भी रह सकता है।
जानिए अपनी बार्डर लाइन
आप मोटापे का शिकार हैं या नहीं। या आपका वजन शारीरिक लंबाई के अनुरूप अधिक तो नही है। इसकी जानकारी बॉडी मास इंडेक्स यानी बीएमआई के जरिए निकाली जाती है। इसमें शरीर की लंबाई को दुगुना कर उसमें वजन किलोग्राम से भाग दिया जाता है। इस पैमाने का वर्गीकरण भी किया गया है
भारर/लंबाई अनुपात वर्गीकरण
18.5 से कम कम भार
18.5 से 24.9 सामान्य भार
25 से 29.9 अधिक भार
30 से 34.9 श्रेणी एक मोटापा
35 से 39.9 श्रेणी दो मोटापा
40 से अधिक श्रेणी तीन मोटापा
दस्तक देने लगते हैं घातक रोग
एक बार मोटापे की चपेट में आने के बाद व्यक्ति के शरीर में कई गंभीर और घातक रोग दस्तक देने लगते हैं। इनमें हृदय रोग, डायबिटीज, अनिद्रा, सांस संबंधी रोग, कैंसर और जोड़ों का दर्द प्रमुख हैं। डॉक्टर्स कहते हैं कि बॉडी का मेटाबोलिक सिस्टम परफेक्ट होना चाहिए। अगर मोटापे के शिकार हैं तो खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। अधिक वजह से व्यक्ति का चलना-फिरना तक मुश्किल हो जाता है।
बचाव
बाजार में बिकने वाले अधिक कैलोरी युक्त जंक फूड से दूरी बनाना जरूरी।
धूम्रपान और शराब का सेवन शारीरिक बनावट को प्रभावित करता है।
अधिक व्यवस्तता के बावजूद चलना-फिरना जारी रखना चाहिए।
एक्सरसाइज और योगासन के जरिए भी शरीर के वजन को बढ़ने से रोका जा सकता है।
बहुत अधिक समय तक खाली पेट रहने से भी मोटापा बढ़ता है।
कामकाज के तनाव को खुद पर हावी न होने दें। इससे मोटापा बढ़ने के आसार होते हैं।
ओपीडी में बहुत से सांस के मरीज आते हैं जिनका वजन बहुत अधिक होता है। इनको सांस लेने में परेशानी होती है। ऐसे मरीजों को अधिक से अधिक एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है। लाइफ स्टाइल हेल्दी होना बेहद जरूरी है।
डॉ। आशुतोष गुप्ता, श्वांस रोग विशेषज्ञ
शरीर का वजन बढ़ जाने से चलना फिरना मुश्किल हो जाता है। शरीर के जोड़ों पर विशेष प्रभाव पड़ता है। घुटनों की तकलीफ बढ़ जाती है। इसलिए जरूरी है कि 30 साल की उम्र के बाद शारीरिक गतिविधियों में इजाफा करना चाहिए।
डॉ। जितेंद्र जैन, हड्डी रोग विशेषज्ञ