- दिल्ली जाने वाली बसों में सीटें रही फुल, गोरखपुर, आजमगढ़ और जौनपुर रूट पर रही भीड़

- श्रमिकों ने कहा-अगर अनलॉक हुआ तो जरूर स्थितियां हो रही ठीक

PRAYAGRAJ: कोरोना की दूसरी लहर में काम धंधा छोड़कर अपने गांव व शहर लौटने वाले श्रमिक फिर अपने काम पर जाने के लिए महानगर का रुख कर रहे हैं। अनलॉक के पहले दिन मंगलवार को सिविल लाइंस बस स्टैंड पर प्रवासी श्रमिकों की रौनक देखने को मिली। परिवार व सामान संग काम पर लौटते नजर आये। जिसके चलते बसों में ठीक-ठाक भीड़ दिखने को मिली। रोडवेज अधिकारियों की माने तो इस महीने सरकारी आमदनी में बढ़ोतरी आएगी। वहीं दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट ने काम पर वापस लौट रहे तमाम प्रवासी श्रमिकों से बातचीत की। उन्होंने बताया कि अगर सरकार अनलॉक कर रही है तो जरूर हालत में काफी सुधार आया होगा।

दिल्ली रूट के लिए चली दस बसें

- अनलॉक के पहले दिन यात्रियों की भीड़ की आशंका पर रोडवेज अधिकारियों ने पहले से ही तैयारी कर रखी थी।

- दिल्ली रूट के लिए भी बसों का संचालन किया गया। पहले दिन दिल्ली रूट की दस बसें फुल रवाना हुई। - रोडवेज आरएम टीके एस बिसेन ने बताया कि 250 बसों का इससे पहले संचालन हो रहा था। एक बसों को फुल होने में काफी समय लग जा रहा था।

- अनलॉक व काम पर लौटने वालों की भीड़ को देखते 350 बसों का संचालन किया गया। दिल्ली के अलावा गोरखपुर, आजमगढ़ और जौनपुर रूट पर सबसे ज्यादा यात्रियों का आवागमन रहा।

केस 01

दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट से बताचीत में नैनी एरिया के रहने वाले बाबू राम ने बताया दिल्ली में पूरा परिवार मजदूरी करता है। पत्‍‌नी, भतीजा व साली सभी एक फैक्ट्री में काम करते हैं। मालिक ने वापस काम शुरू होने का सिग्नल दिया है। सभी लोग बैग बनाने की फैक्ट्री में काम करते हैं। पत्‍‌नी और साली बैग सिलाई का काम करते है।

केस 02

मांडा निवासी ममता देवी ने बताया कि पति अभी भी दिल्ली में रहकर काम कर रहे हैं। जब दिल्ली में हालत बिगड़े थे तो सभी को भेज दिया था। अब केस कम हो गये हैं तो हम सभी लोग दिल्ली जा रहे हैं। मालिक सभी को काम पर बुला रहे हैं। एक जून से अनलॉक होने की सूचना जब मंगलवार सुबह प्राप्त हुआ। सामान पैक कर सभी को लेकर बस से दिल्ली जा रहे है। ट्रेन में टिकट मिलना बड़ा मुश्किल हो रहा था।

केस 03

मेजा निवासी रेनू कुमारी ने बताया कि पति की पहले ही बीमारी से मौत हो गई थी। घर में मां-बाप और बच्चें है। जिनकी जिम्मेदारी मेरी कंधों पर है। दिल्ली में हालत बिगड़ी तो मालिक ने घर लौट जाने की राय दी। जिसके बाद मालिक द्वारा सभी का टिकट करा घर भेज दिया गया। अब मालिक ही टिकट करा सभी को काम पर बुला रहे हैं।

केस 04

उतरांव निवासी रमेश काला ने बताया कि रोज कमाने खाने वाले के लिए एक दिन भी घर चलाना पहाड़ जैसा होता है। डेढ़ महीने से ऊपर होने को आया है। कोई सरकार या फिर प्रशासन मदद तक करने नहीं आया। कम से कम वहां कमा कर दो वक्त का रोटी तो परिवार वालों को खिला सकता हूं, यहां अगर ज्यादा दिन तक रहा तो भूख से मर जाऊंगा।

अनलॉक व काम पर लौटने वालों की भीड़ को देखते हुए मंगलवार को 350 बसों का संचालन किया गया। दिल्ली के अलावा गोरखपुर, आजमगढ़ और जौनपुर रूट पर सबसे ज्यादा यात्रियों का आवागमन रहा।

टीके एस बिसेन, आरएम, रोडवेज प्रयागराज