अवैध खनन रोके जाने से बेरोजगार हुए लोग मामा-भांजा चौराहे पर जुटे
अवैध खनन से नो डाउब्ट बालू माफिया अपनी तिजोरी भर रहे हैं। इस सच के साथ एक और कड़वा सच जुड़ा हुआ है, इसे रोजगार कहा जाता है। इस धंधे से सैकड़ों लोगों की रोजी-रोटी चलती है। पुलिस ने अवैध खनन बंद कराया तो इनकी रोजी-रोटी पर संकट आ गया। इस लोगों ने रोजगार के विकल्प की मांग में शुक्रवार को नैनी एरिया के मामा-भांजा चौराहे पर जाम लगा दिया। इसके चलते रीवा रोड पर आवागमन बाधित हो गया। मौके पर पहुंचे अफसरों ने वैकल्पिक रोजगार की व्यवस्था करने का भरोसा देकर जाम खुलवाया।
मुकदमा वापस लिया जाएगा
यमुना नदी से पूर्ण रूप से खनन बंद किये जाने के कोर्ट के निर्देश व सीबीआई द्वारा खनन माफिया पर कार्यवाही के बाद गुरुवार को नैनी के मोहब्बतगंज ठाकुरी के पुरवा में प्रशासन की टीम खनन रुकवाने पहुंची थी। कार्रवाई के दौरान नाव पर लदा बालू नदी में पलटवाया जाने लगा तो एक नाव टूट गयी। इसके बाद जमकर बवाल हुआ था। आरोप लगाया गया कि नाव तोड़ी गयी है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ गया था। इस मामले में देर रात चौकी इंचार्ज एग्रीकल्चर की तहरीर पर 200 अज्ञात मजदूरों के खिलाफ बलवा सहित कई धाराओं पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया था। पुलिस की गाड़ी का सायरन रातभर उन गावों में घूमता रहा जहां के मजदूर रहने वाले बताये गये हैं। इससे मजदूरों के साथ उनके परिवार के सदस्यों की रात की नींद उड़ गयी।
सुबह से ही होने लगा जमावड़ा
अपनी बात संगठित तरीके से रखने के लिए सुबह से ही मजदूर जुटने लगे थे। इनकी अनुवाई निषाद पार्टी के लोग कर रहे थे। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद डॉ। संजय निषाद भी यहां पहुंचे थे। सूचना पर नैनी, औद्योगिक, घूरपुर थाने की फोर्स के साथ सीओ करछना, एसडीएम करछना और एक पंटून पीएसी मौके पर पहुंच गई। जाम लगाने वाले मुकदमा वापसी, खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई और रोजगार की मांग कर रहे थे। एसडीएम ने मुकदमा वापसी का आश्वासन देने के साथ ही रोजगार की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए शासन तक मांग पहुंचने की बात करके चक्काजाम समाप्त कराया।