प्रयागराज ब्यूरो । महाकुंभ से पहले फाफामऊ से लाला लाजपत राय रोड सिक्सलेन पुल का पूरा होना मुश्किल होता नजर आ रहा है। क्योंकि इस बार इसका काम राख की कमी से रुक गया है। दरअसल, तमाम एनटीपीसी से इस पुल के निर्माण में बड़ी मात्रा में ऐश यानी राख की सप्लाई की जाती है, जो नहीं मिल पाने से दिक्कत पैदा हो गई है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही राख की आपूर्ति सुचारू हो जाएगी और पुल का काम फिर से रफ्तार पकड़ लेगा।
तीन जगह से होती है सप्लाई
महाकुंभ से पहले जाम के दृष्टिकोण से सिक्सलेन पुल का निर्माण काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस पुल के बन जाने से लखनऊ और प्रतापगढ़ से आने और जाने वालों को फाफामऊ नहीं जाना होगा। वह सीधे पुल के जरिए बिना किसी ट्रैफिक के निकल जाएंगे। लेकिन फिलहाल इसका काम रुक गया है। इसे राख की सप्लाई विंध्यनगर, मेजा और ऊंचाहार एनटीपीसी से की जाती है। जो ठप हो गई है। इसकी वजह से पुल का काम भी रोक दिया गया है।
अन्य कारण भी आए सामने
इसके अलावा सोर्सेज का कहना है कि इस पुल की कार्यदायी संस्था एसपी सिंघला द्वारा फंडिंग की कमी भी बड़ा कारण बन रही है। पैसा नही जुटा पाने से पुल का निर्माण धीमा हो गया है। मैन पावर भी पर्याप्त नही हो एकत्र हो पा रहा है। बता दें कि 16 फरवरी 2021 को फाफामऊ सिक्स लेन पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। मगर तीन वर्षों में सिर्फ 60 फीसदी ही निर्माण पूरा किया जा सका है। इस स्थिति में इसका समय से पूरा होना मुश्किल नजर आ रहा है।
फरवरी में किया जाना था चालू
इस पुल को फरवरी 2024 में चालू करने का लक्ष्य रखा गया था जो पूरा होता नही दिख रहा है। अधिकारियों का कहना है कि अब इसे महाकुंभ से पहले संचालित करने की योजना बनाई जा रही है। वहीं पुल के निर्माण के लिए प्रतिदिन लगभग 100 ट्रक ऐश चाहिए होती है। मगर एनटीपीसी द्वारा ऐश की सप्लाई ठप कर दिए जाने से स्थिति गंभीर हो गई है। इस मामले पर कई बार मेला प्राधिकरण की बैठक भी हो चुकी है, मगर कोई हल नहीं निकल सका। यही कारण है कि लगातार पुल को लेकर अधिकारियों की बैठकें चल रही हैं।
कहां से कहां तक जाएगा पुल
सिक्सलेन पुल मलाक हरहर उपहार तिराहे से लाला लाजपत राय मार्ग त्रिपाठी चौराहे तक जाएगा। यह राष्ट्रीय राजमार्ग 96 पर फाफामऊ में बने वर्तमान गंगा सेतु (चन्द्रशेखर आजाद सेतु) के समानान्तर बनेगा। पुल की कुल लंबाई (पहुंच मार्ग को सम्मिलित करते हुए) 9.90 किमी। है। जिसकी लागत 1948.25 करोड़ रूपए है। यह पुल प्रतापगढ़ मार्ग पर पांच सौ मीटर अंदर से स्टार्ट होगा। इसके बन जाने के बाद फाफामऊ गंगा पुल पर ट्रैफिक काफी हद तक कम हो जाएगा।उम्मीद है कि दिसंबर के पहले सप्ताह से पुल का काम फिर से शुरू हो जाएगा। हमें विंध्यनगर, मेजा और ऊंचाहार से राख उपलब्ध कराई जाने लगेगी। हमारी कोशिश है कि महाकुंभ से पहले पुल को शुरू करा दिया जाए।
नुसरत खान, परियोजना प्रबंधक, सिक्सलेन पुल