प्रयागराज (ब्यूरो)। पुराने शहर को नए शहर के बीच आवागमन को सुगम बनाने वाले निरंजन पुल के नीचे से सामान्य आवागमन 8 अगस्त से शुरू हो जायेगा। यह जानकारी बुधवार को डीआरएम हिमांशु बड़ोनी ने मीडिया से बातचीत के दौरान दी। उन्होंने बताया कि इस काम को पूरा कराने के लिए 100 दिन का ब्लाक लिया गया था, काम टारगेट के अनुरूप चल रहा है। इससे इसे समय से पूरा करा लिये जाने की पूरी कोशिश है। कहा कि, हम उम्मीद करते हैं कि 8 अगस्त से निरंजन पुल के नीचे से सामान्य आवागमन शुरू हो जाएगा। अपने आफिस में मीडियाकर्मियों से बातचीत में उन्होंने बताया कि इस बार महाकुंभ में रेलवे 1200 स्पेशल ट्रेनों का संचालन करेगा। 16 कोचों वाली स्पेशल ट्रेनें देश के विभिन्न रूटों से प्रयागराज के लिए चलाई जाएंगी। पूरब से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण को शहरों को यह ट्रेनें संगम नगरी से जुड़ेंगी। विशेष ट्रेनों और अन्य यात्री सुविधाओं की व्यवस्था व अपनी रणनीति साझा करने के लिए उत्तर मध्य रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक प्रयागराज हिमांशु बडोनी ने बुधवार को डीआरएम कार्यालय में अधिकारियों के साथ बैठक की।
16 कोच वाली ट्रेन चलेंगी
उन्होंने बताया कि कुंभ 2019 में आठ कोचों वाली 800 ट्रेनों का संचालन किया गया था। इस बार 16 कोचों वाली ट्रेन चलेंगी। ट्रेनों की संख्या डेढ़ गुनी, जबकि कोच की संख्या दोगुनी कर दी गई है। इसके अलावा भीड़ बढऩे पर इन ट्रेनों की संख्या बढ़ाने का भी इंतजाम रहेगा। प्रयागराज के नौ रेलवे स्टेशनों से इन सभी ट्रेनों का संचालन होगा। इसमें प्रयागराज जंक्शन, सूबेदारगंज, नैनी, छिवकी, प्रयागराज रामबाग, झूंसी, प्रयागराज संगम, प्रयाग, फाफामऊ स्टेशन शामिल है। महाकुंभ के दौरान करोड़ों श्रद्धालु संगम नगरी आएंगे। रेल पटिरयों से जुड़े सड़क मार्ग पर फाटक बंद होने से जाम की स्थिति न उत्पन्न हो इसके लिए जिले में आरओबी और आरयूबी का जाल बिछेगा।
19 आरओबी पर चल रहा काम
शहरी क्षेत्र के अलावा शहर से जुड़े क्षेत्र में भी रेलवे इसके लिए कार्य कर रहा है। कुल 19 आरओबी (रेल ओवर ब्रिज) और आरयूबी (रेल अंडर ब्रिज) बनाए जाएंगे। इसमें सर्वाधिक आठ आरओबी उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) बनाएगा। जबकि उत्तर रेलवे (एनआर) छह आरओबी व एक आरयूबी बनाएगा। जबकि पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) तीन आरओबी, एक आरयूबी बनाएगा। इनमें सात पर कार्य चल रहा है, चार पर कार्य खत्म हो गया है और इसी महीने में उन्हें कमीशन कर दिया जाएगा। जबकि आठ पर कार्य शुरू होना है। यात्री सुविधा और आरओबी-आरयूबी बनाने के लिए 837 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं। डीआरम ने बताया कि अक्टूबर 2024 तक सभी कार्य पूरा कर लेने का लक्ष्य तय किया गया है। छह मुख्य स्नान पर तीर्थयात्रियों की ज्यादा भीड़ रहती है।
15 करोड़ श्रद्धालु आने का अनुमान
इस दौरान 15 करोड़ से अधिक लोगों के इन छह दिनों में पहुंचने की उम्मीद है। ऐसे में श्रद्धालुओं के आने जाने में किसी तरह की असुविधा न हो इसके लिए विशेष ट्रेनों की संख्या और सुविधाएं सभी नौ स्टेशनों पर बढ़ेंगी। उत्तर मध्य रेलवे नोडल के रूप में रेलवे के सभी कार्य की निगरानी कर रहा है। प्रयागराज जंक्शन, सूबेदारगंज, छिवकी, नैनी, रामबाग, झूंसी, प्रयागराज संगम, प्रयाग व फाफामऊ स्टेशन को महाकुंभ के लिए विशेष रूप से तैयार किया जा रहा है। शहर आने वाले लोगों को स्टेशन पर ही दिव्य और भव्य प्रयागराज का दर्शन कराने के लिए स्टेशन व उसके निकट के क्षेत्रों व मार्गों का भी सौंदर्यीकरण किया जाएगा। बैठक में एडीआरएम संजय ङ्क्षसह, सीनियर डीसीएम शशि भूषण, सीनियर डीओएम श्रीकृष्ण शुक्ल, जनसंपर्क अधिकारी अमित कुमार ङ्क्षसह, इंजीनियङ्क्षरग व निर्माण विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
किस स्टेशन से किस रूट के लिए मिलेगी ट्रेन
स्टेशन - रूट
प्रयागराज जंक्शन - कानपुर, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, सतना और झांसी रूट के लिए।
नैनी-छिवकी - मानिकपुर, बांदा, झांसी व सतना रूट के लिए ।
सूबेदारगंज स्टेशन - कानपुर व नई दिल्ली की ओर जाने के लिए।
प्रयागराज रामबाग - वाराणसी, मऊ व गोरखपुर रूट के लिए ।
झूंसी स्टेशन- वाराणसी, मऊ व गोरखपुर रूट के लिए
प्रयाग व प्रयागराज संगम स्टेशन से- रायबरेली, लखनऊ, प्रतापगढ़, अयोध्या कैंट, ऊंचाहार व जौनपुर रूट के लिए ।
यहां बनेंगे आरओबी
लेवल क्राङ्क्षसग संख्या 34ए छिवकी
बेगम बाजार
जसरा यार्ड
सुबेदारगंज में रोड ओवर ब्रिज,
जिगना - मांडा
मांडा - उंचाडीह
भीरपुर - करछना
78/एसपीएल प्रयाग
फाफामऊ - प्रयाग के मध्य लेवल क्राङ्क्षसग संख्या 75/ए
76/ एसपीएल प्रयाग यार्ड