प्रयागराज (ब्यूरो)। कैसी विडंबना है। पोलियो और टीबी को हमने हरा दिया और डेंगू से हर साल हारते आ रहे हैं। एक मच्छर पूरे सिस्टम पर भारी पड़ रहा है। एक दर्जन विभागों की फौज तैयार करने के बावजूद डेंगू आसानी से जीत जाता है। संसाधन और सिस्टम होने के बावजूद मच्छर क्यों भारी पड़ रहा है? यह सवाल सिस्टम पर भारी पडऩे लगा है।
एक-एक मरीज की तलाश
केंद्र सरकार द्वारा 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। स्वास्थ्य विभाग लगातार काम कर रहा है। वर्तमान में जिले में टीबी के नौ हजार एक्टिव मरीज हैं जिनका इलाज चल रहा है। मरीजों को घर घर जाकर सर्च किया गया है और जांच में पाजिटिव आने पर डाट्स सेंटर में इनका रजिस्ट्रेशन कराया गया है। हालांकि आंकड़े में भले ही हर साल टीबी के मरीज दस फीसदी बढ़ रहे हों लेकिन असलियत में छिपे हुए मरीजों को खोजकर निकाला जा रहा है।
12 साल बाद मिला पोलियो का म्यूटेंट 6 वायरस
2023 मई में गऊघाट एरिया के एक नाले के पानी की सैंपलिंग मेें पोलियो का म्यूटेंट 6 वायरस पाया गया। एक्सपट्र्स इसे अधिक खतरनाक नही मानते हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि पोलियो की खुराक पिलाने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। पहले पांच साल तक के बच्चे टारगेट होते हैं। इस पर 5 से 6 दर्जन टीमें काम करती हैं।
सिस्टम की बैंड बजा रहा डेंगू
डेंगू के फैलने का सीजन भले ही अगस्त से नवंबर हो लेकिन इसके रोकथाम की तैयारियां एक जुलाई से संचारी अभियान के साथ शुरू हो जाती हैं।
इस अभियान में एक दर्जन विभागों को शामिल कर अलग अलग काम सौंपा जाता है।
दस्तक अभियान भी अगस्त में शुरू किया जाता है। इस अभियान में हजारों टीमें घर घर जाकर बुखार के मरीजों की तलाश कर उनकी जांच करवाती हैं।
विभाग और उनकी जिम्मेदारी
किस विभाग की लगती हैं कितनी टीमें
स्वस्थ्य विभाग, पंचायती राज विभाग, नगर निगम, आईसीडीएस, माध्यमिक शिक्षा, प्राथमिक शिक्षा, कृषि रक्षा, पशू चिकित्सा अधिकारी और दिव्यांगजन अधिकारी कल्याण विभाग।
सबको मिलती है अलग जिम्मेदारी
ग्रामीण एरिया में साफ सफाई, नालियों की सफाई, झाडिय़ों की कटाई
एंटी लार्वा छिड़काव, हैंड पंप और उसके प्लेटफार्म क मरम्मत, शौचालय का निर्माण
फांिगंग कार्य
संचारी रोग से बचाव के लिए जागरुकता रैली
वाद विवाद प्रतियोगिता और निबंध प्रतियोगिता
सुअर पालकों का संवेदीकरण एवं प्रचार प्रसार
मच्छर से बचाव वाले पौधों का रोपण
इस साल फिर जोर मार सकता है डेंगू
प्रयागराज में हर साल डेंगू अप एंड डाउन स्थिति में रहता है। एक साल हाइप में मरीज आते हैं तो दूसरे साल कम हो जाते हैं। वर्ष 2023 में कुल 505 डेंगू के मरीज जिले में रजिस्टर्ड हुए थे। देखा जाए तो प्रयागराज में डेंगू के मामले 2018 से तेजी से बढ़े हैं। सर्वाधिक मरीज 2022 में सामने आए थे। इस साल डेंगू के मिक्स स्ट्रेन ने भी मरीजों पर धावा बोला था।
वर्ष मरीजों की संख्या
2018 830
2019 1121
2020 57
2021 1299
2022 1465
2023 505
विभागों के साथ समन्वय बनाकर डेंगू के रोकथाम की तैयारी शुरू हो गई है। अधिक से अधिक एफर्ट हो ताकि कम से कम मरीज सामने आएं, यही कोशिश है। एक दर्जन विभाग अभी से काम में जुट गए हैं। इनके कर्मचारी भी टीम की तरह काम कर रहे हैं। हमारा विभाग सभी के साथ सपोर्ट कर रहा है।
आनंद सिंह
जिला मलेरिया अधिकारी प्रयागराज
टीबी उन्मूलन अभियान के तहत एक एक मरीज को सर्च कर उनका इलाज किया जा रहा है। इसका असर भी दिखने लगा है। एमडीआर और एचडीआर के मरीजों की संख्या कम हो रही है। जल्द ही टीबी पर लगाम लगाने में सफल हो जाएंगे।
डॉ। एके तिवारी
जिला क्षय रोग अधिकारी प्रयागराज