पति-पत्‍‌नी हुए एक साथ पॉजिटिव, पर नहीं हारी हिम्मत, डटकर किया मुकाबला और दी कोरोना को मात

मुसीबत के क्षणों में अपनों का साथ मिल जाए तो फिर बड़ी से बड़ी समस्या का सामाना किया जा सकता है। रम्मन का पुरवा के रहने वाले प्रवीण केसरवानी इसका जीता जागता उदाहरण हैं। वह अपनी पत्नी को लेकर डॉक्टर की क्लीनिक गए थे। वहीं पर संक्रमण की जद में आ गए। घर आने के बाद पति और पत्नी दोनों को संक्रमण के लक्षण दिखने लगे। उन्होंने कोरोना जांच कराई तो यह भी पाजिटिव आई। डॉक्टर ने कहा कि आप लोग आइसोलेट हो जाइए। इसके बाद डीएम कार्यालय से कॉल आई। दोनों के बारे में पूरी पूछताछ की गई और फिर लक्षण के आधार पर घर रहने की परमिशन मिली।

ऊपर के कमरे में ली शरण

प्रवीण बताते हैं कि दो मंजिला मकान में ऊपर के कमरे में मैं और पत्नी रेखा ने खुद को आइसोलेट कर लिया। जांच में बेटे-बेटी और माता-पिता की रिपोर्ट निगेटिव आई थी। इसलिए उनको अलग कर दिया गया। 14 दिन तक दोनों आइसोलेट रहे और इसके बाद ठीक हो गए। हल्की दिक्कत हुई लेकिन उसे खानपान से दूर कर दिया गया। कई बार कंट्रोल रूम के नंबर पर कॉल करके सलाह भी ली गई। वह बताते हैं कि कोरोना जैसी बीमारी से बचाव के लिए नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है। अगर आप होम आइसोलेशन में है तो ताजा भोजन, फल, सलाद का अधिक से अधिक सेवन करना जरूरी है। संक्रमण के पीछे सबसे बड़ा कारण लापरवाही है। केवल मास्क लगाने से कुछ नहीं होता है। कौन सा मास्क लगाना है और कैसे लगाना है यह भी जरूरी है। नाक और मुंह अच्छी तरह ढका रहना चाहिए। भीड़ वाली जगहों पर मास्क को उतारना नहीं चाहिए।