प्रयागराज (ब्‍यूरो)। अंधेरी रात हो या दिन का उजाला, चौराहे हों या फिर गली मोहल्ले और स्कूल-कॉलेज व मार्केट। कहीं पर भी महिलाओं व छात्राओं को डरने अथवां किसी से घबराने की जरूरत नहीं हैं। बसर्ते हम जिन चार नंबरों बताने जा रहे हैं वह मोबाइल में फीड होने चाहिए बस। इन नंबरों का यूज करके वह किसी भी समस्या का सामना वह बाहुबली की तरह कर सकती हैं। एक कॉल पर कहीं भी किसी भी वक्त पुलिस मदद के लिए खड़ी मिलेगी। ध्यान देने वाली बात यह है कि पुलिस को पहुंचने के लिए अपने मौजूदगी वाले स्थान की लोकेशन सही व सटीक तरीके से बताना होगा। हम इन नंबरों के बारे में विस्तार से बताएं, इसके पहले आप जान लीजिए कि इन नंबरों के बारे में पुलिस खुद वूमेन सेफ्टी के तहत महिलाओं व छात्राओं को जागरूक करने में जुटी है। सभी एक-एक नंबर से मदद के लिए तरीकों के बारे में भी पुलिस के जवान स्कूल व कॉलेज ही नहीं पार्कों में भी महिलाओं एवं युवतियों को बता रहे हैं। इसके लिए मिशन शक्ति फेज-5 के तहत पूरे शहर में अभियान चलाया जा रहा है।

जानिए कैसे और कब लें मदद
सरकार से लेकर पुलिस प्रशासन तक महिला सुरक्षा को लेकर सख्त रुख अपना रहा है। वह शहर हो या गांव, खुद को सुरक्षित महसूस करें इसके लिए तमाम तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। इसी प्रयास के तहत सरकार के जरिए चार मोबाइल नंबर जारी किए गए हैं। इन नंबरों के जरिए महिलाओं व युवतियां एवं छात्राएं कहीं भी किसी भी वक्त असुरक्षा महसूस होने पर मदद ले सकती हैं। इसके लिए उन्हें अपने मोबाइल में इन नंबरों को फीड करके रखना होगा। ताकि जरूरत पडऩे पर इन नंबरों को खोजने की जरूरत नहीं पड़े। वह फौरन कॉल करके समस्या बताते हुए मदद मांग लें। नंबरों पर की गई कॉल रिसीव होते ही समस्या या संभावित खतरे के बारे में बताना होगा। यह भी जानकारी देनी होगी कि कॉल के वक्त जिस जगह व लोकेशन पर वह मौजूद हैं। इतना बताते ही मदद के लिए पुलिस चंद मिनटों में मौके पर खड़ी मिलेगी। इसके बाद महिलाओं व युवतियों एवं छात्राओं को असुरक्षा से सम्बंधित समस्या को लेकर बेफिक्र हो जाना है। क्योंकि मौके पर पहुंचते ही सारी समस्या के निस्तारण का टेंशन खुद पुलिस ले लेगी। चार में से एक नंबर 1090 भी है। इसे वूमेन पॉवर का नाम दिया गया है। इस नंबर पर कॉल करते ही क्विक एक्शन होगा। क्योंकि यह नंबर महिलाओं को अराजकतत्वों से सुरक्षा के लिए ही जारी किए गए हैं। आम तौर पर यह नंबर 112 सभी जानते हैं। इस नंबर पर कॉल करने पर पुलिस से मिलने वाली मदद के बारे में भी शायद ही किसी को बताने की जरूरत हो। यदि किसी महिला के पास बच्चों से सम्बंधित या बच्चे के उत्पीडऩ जैसी समस्या है तो ऐसी स्थिति में 1098 नंबर डायल करना होगा। इस नंबर को चाइल्ड केयर का नाम दिया यगा है। इन तीनों नंबरों पर किए गए कॉल के बावजूद यदि कोई मदद नहीं मिले तो फिर चौथा नंबर 1076 डॉयल करें। इस नंबर पर कॉल करने के बाद हर हाल में आप को सुरक्षा मिलनी ही है। क्योंकि यह इस पर की गई कॉल सीधी मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचेगी। इसके बाद सीधे आप को सुरक्षा देने के लिए सीएम कार्यालय से फोन प्रशासन के पास आएगा।


1090 नंबर महिलाओं को बनाएगा पॉवर फुल
112 नंबर आपातकाल में हमेशा करेगा मदद
1098 नंबर बच्चों की समस्या को करेगा दूर
1076 नंबर कोई न सुने तो करें सीएम को कॉल

इन नंबरों पर कॉल करते वक्त रखें ध्यान
बताए गए नंबरों पर कॉल करने के बाद जब तक पुलिस के जवान मौके पर पहुंच नहीं जाएं आप उस लोकेशन पर मौजूद रहें। यदि लोकेशन चेंज कर रहीं हैं तो कॉल करके बताना भी होगा।
क्योंकि कॉल के बाद मौके पर पहुंची पुलिस को यदि आप नहीं मिलेंगी तो जवान मदद कैसे करेंगे, इस लिए जब पुलिस पहुंच जाए तब वहां समस्या बताने के लिए आप का मौजूद होना जरूरी है।
ध्यान यह देना है कि 1076 नंबर पर कॉल तभी करें जब आप को पहले बताए गए तीनों नंबरों में से किसी एक से भी मदद नहीं मिले। क्योंकि यह नंबर अंतिम और आखिरी हथियार के रूप में आप के पास है।
इन नंबरों पर कॉल तब करें जब आप सफर में हों या मार्केट अथवां स्कूल कॉलेज में हों और वहां आप को असुरक्षा जैसी स्थिति महसूस है। पर्सनल झगड़े हैं तो पुलिस से मदद के लिए 112 ही लगाएं।

मिशन शक्ति फेज-5 के तहत महिलाओं व युवतियों एवं छात्राओं को सुरक्षा के टिप्स दिए जा रहे हैं। जरूरी चार नंबरों के बारे में भी बताया जा रहा है। ताकि जरूरत पडऩे पर इन नंबरों पर कॉल करके वह पुलिस से मदद ले सकें। मार्केट हो या फिर गली मोहल्ले अथवां स्कूल और कॉलेज के आसपास व सफर में। कहीं पर भी असुरक्षा महसूस होने पर वह इन नंबरों पर कॉल करके मदद ले सकती हैं।
अभिषेक भारती, डीसीपी नगर