प्रयागराज (ब्यूरो)। बड़ोखर गांव निवासी रमजान के पांच बेटे नौशाद अली, मुमताज, गुलसार, अतीक व छोटे हैं। ग्रामीण बताते हैं कि उसके पिछले वर्ष दीपावली के करीब उसके एक बेटे की हत्या हो गई थी। उसकी बॉडी कुएं में बरामद हुई थी। उसकी हत्या के बाद रमजान के चार बेटे बचे हैं। इनमें से एक परिवार के साथ सउदी अरब में रहता है। जबकि एक तीन भाइयों की पत्नी गांव में ही रहती थीं। इन तीनों के पति व पिता रमजान मुंबई में रहते हैं। एक की शादी गांव में ही रिश्तेदारी की गुडिय़ा से हुई थी। गुडिय़ा कई महीने से मायके में ही रह रही थी। घर पर नौशाद अली की पत्नी शबा बानो व भाभी शबनम व उसकी बेटी एवं बेटा और वृद्ध बाबा शाबिर ही रह रहे थे।

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खुद खोली थी पीछे रूम का दरवाजा
रमजान के पिता शाबिर शुक्रवार रात घर के बरामदे वाले कमरे में सो रहे थे। जबकि उसकी भाभी बच्चों के साथ आगे साइड बने एक कमरे में थी। शाबिर की पत्नी शबा बानो घर के अंदर आखिरी वाले कमरे में एक साल की बेटी संग सोई थी। जिस कमरे में शबा सोई थी उसके पीछे एक दरवाजा है। वह दरवाजा मकान के पीछे गली की तरफ खुलता है। घर के पीछे का यह दरवाजा खुला हुआ था। जबकि घर के अंदर खुलने वाला बंद था। माना जा रहा है कि घर के पीछे अपने रूम का दरवाजा शबा ही खोली होगी। रात में वह भी मकान के पीछे का दरवाजा शबा क्यों खोली थी? यह सवाल हर किसी के जेहन में पर तैर रहा था। कातिल इसी खुले हुए दरवाजे से उसके कमरे में दाखिल हुए और वारदात को अंजाम देकर भाग निकले।

गला रेतने में माहिर था हत्यारा
नौशाद की पत्नी शबा जिस कमरे में उस रूम का दरवाजा पिछे सूनसान गली की तरफ था।
इस गली में लोग दिन में भी जल्दी नहीं जाते। बावजूद इसके शबा रूम के इस दरवाजे को खोल कर सो रही थी।
इसी गली वाले खुले दरवाजे से कातिल उसके कमरे में दाखिल हुए।
शबा कमरे में बेटी के साथ चार पाई पर थी। हत्या के पहले कातिलों द्वारा उसके मुंह को तकिया से दबाया गया।
वह खुद को बचाने का पूरा प्रयास की थी। शायद यही वजह है कि जोर जबरदस्ती से उसे बिस्तर पर ही कातिल दबोच लिए।
इस संघर्ष में वह चारपाई पर पेट के बल पड़ गई। इसी बीच कातिलों द्वारा उसके सिर को दबा कर गले को चापड़ से किसी जानवर की तरह रेत दिया गया।
वारदात को अंजाम देने के बाद कातिल भाग खड़े हुए। गली में कीचड़ थे, लिहाजा कातिलों के पांव के निशान ग्रामीणों द्वारा देखे गए।

बाहरी नहीं हैं महिला के कातिल
प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो मौत के घाट उतारी गई शबा बानो की बॉडी चारपाई पर पेट के बल पड़ी थी। उसके नाल के नीचे मोबाइल लगा हुआ था। जिसे पुलिस अपने कब्जे में ले ली है। चारपाई के नीचे एक हंसिया भी मिली है। हालांकि वह हसिया उसके घर की ही बताई जा रही है। क्राइम सीन पर गौर करें तो कातिल बाहरी नहीं रहे होंगे। जिस तरह से उसका गला रेता गया उससे यह अनुमान लगाया जा रहा कि कातिल गला रेतने में माहिर हैं। गला रेतने का तरीका इस बात की तरफ इशारा करता है कि कातिल मवेशियों को काटने का काम करता होगा।

कातिलों को पता था खुला है दरवाजा
मीरजापुर जिले के लालगंज थाना क्षेत्र स्थित लायन गांव की रहने वाली शबा की शादी नौशाद से दो साल पूर्व हुई थी। नौशाद व उसका एवं दो भाई ज्यादातर मुंबई में ही रहते हैं। घर पर शबा व उसकी जेठानी एवं ससुर के वृद्ध पिता ही रहते थे। रात के वक्त घर के पीछे का दरवाजा खोला रखना घटना को आशनाई की तरफ भी मोड़ रही है। पुलिस इस एंगल पर भी जांच कर रही है। परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। मकान तक कच्चा है। इससे एक बात तय है कि कातिल लूट के इरादे से उसके रूम में नहीं गए थे। कातिलों को पता था कि मकान के पीछे जिस कमरे में शबा है उसका दरवाजा खुला है। तभी वह कीचड़ युक्त उस गली में रात के वक्त गए होंगे, शबा के मोबाइल की काल डिटेज कई रहस्यों से इस केस में पर्दा उठा सकती है।

अज्ञात व्यक्ति द्वारा धारदार हथियार से महिला का गला रेतकर हत्या की बात सामने आई है। प्रथम दृष्टया प्रतीत हो रहा कि महिला द्वारा ही दरवाजा खोला गया था और कातिल उसके पहचान का था। साक्ष्य संकलित करके आगे की कार्रवाई की जा रही है।
सौरभ दीक्षित, एसपी यमुनापार