प्रयागराज (ब्यूरो)। धूमनगंज के भोला का पुरवा इलाके में एक मकान के चार हिस्सेदार हैं। इसमें करण शुक्ला, अभिमन्यु शुक्ला, राजेश और सुरेश का नाम शामिल हैं। चारों सगे भाई हैं। इसमें से तीन भाइयों का परिवार तो यहीं रहता है लेकिन सुरेश शुक्ला अपने गांव फतेहपुर चले गए। उन्होंने अपने हिस्से के कमरे को किराये पर उठा रखा था। इसी में तीन साल से 36 वर्षीय संगीता सोनी पत्नी राम नारायण को किराए पर रहती थी। आरोपित के बड़े भाई करण का कहना है कि अभिमन्यु अपने छोटे भाई सुरेश की प्रापर्टी हथियाना चाहता था। इसलिए वह महिला पर मकान खाली कराने का दबाव बना रहा था। महिला ने उसे भरोसा दिलाया था कि जल्द ही वह घर खाली कर देगी। इसे लेकर विवाद भी होता था। लेकिन, मृतका ने कभी विवाद की बातों को इस स्तर पर सीरियसली नहीं लिया। वह रुटीन की तरह अपना काम करती रही। उसका पति ई-रिक्शा चलाता है। उसके तीन बच्चे तीन बच्चे हैं। बड़ा बेटा वंश 15 साल का है। बाकी दो बच्चे जुड़वा हैं। दिन में महिला का पति ई रिक्शा लेकर निकल गया था। बच्चे सभी घर पर ही थे। दोपहर में महिला ने खाना पकाने के बाद कपड़ा धोया और उसे सूखने के लिए छत पर डालने गयी थी। साथ में उसकी बेटी भी थी। लौटते समय बेटी छत पर ही रुक गयी। फस्र्ट फ्लोर पर उसका आरोपित अभिमन्यु से सामना हुआ और उसने वहीं तीन गोलियां संगीता को मार दीं। गोली लगने के बाद संगीता गिरकर छटपटाने लगी। चंद ही मिनट बाद उसकी मौत हो गयी। पुलिस ने उसे एसआरएन हॉस्पिटल भेजवाया तो डॉक्टर्स ने मृत घोषित कर दिया।
मकान खाली करने का प्रेशर
आरोपित के भाई ने बताया कि पिछले काफी दिनों से अभिमन्यु दबाव डाल रहा था कि संगीता मकान खाली कर दे। संगीता इसके लिए तैयार नहीं थी। इसी को लेकर दोनों परिवारो के बीच आए दिन झगड़ा होता रहता था। गुरुवार को फिर से अभिमन्यु ने मकान खाली करने को कहा। संगीता ने चार दिन का मौका मांगा तो उसने फायरिंग झोंक दी। उसने कुल तीन गोलियां संगीता को मारी। संयोग से एक गोली मिस कर गई। संगीता का ससुराल सोरांव एरिया के इस्माइलपुर में है जबकि मायका पूरामुफ्ती में है।
छत पर कपड़ा डाल नीच उतर रही थी
मृतका संगीता की उम्र 36 वर्ष के आसपास थी। वह मूल रूप से सोरांव तहसील के इस्माइलपुर गांव की थी। वर्तमान समय में भोला का पुरवा में सुरेश के मकान में तीन साल से किराये पर रह रही थी। तीन बच्चे अंश 15 वर्ष, विवेक और सारिका जुड़वा हैं। इनकी उम्र 10 वर्ष है। मृतका का मायका पुरामुफ्ती में है। पति राम नारायण ई रिक्शा चलाता है। घटना गुरुवार की सुबह पौने 11 बजे के करीब की है। संगीता छत पर कपड़ा फैलाकर नीचे उतर रही थी। इसी बीच अभिमन्यु पहुंचा और मकान खाली करके चले जाने को कहा। इस पर संगीता ने जवाब दिया कि वह अपने भाई सुरेश से बात करे। अभी वह घर खाली करने की स्थिति में नहीं है। इस पर कहासुनी हुई तो संगीता ने उसे वहां से जाने के लिए कह दिया। यह सुनकर अभिमन्यु का पारा चढ़ गया और वह नीचे उतरकर अपने कमरे में पहुंचा। वहां से लाइसेंसी पिस्टल लेकर निकला और संगीता को रास्ते में रोक कर असलहा तान दिया। इसके बाद संगीता ने चार दिन का मौका मांगा और कहा कि इस मकान खाली कर देगी। अभिमन्यु उसे एक दिन का भी मौका नहीं देना चाहता था। इसी पर बात बिगड़ी तो अभिमन्यू ने फायर झोंक दिया। उसने कुल चार फायर किये। संयोग से एक मिस हुआ और तीन गोलियां संगीता के शरीर में जा धंसी।
क्यों नहीं जमा कराया गया असलहा
हत्या की खबर पर मौके पर पहुंचे एसी क्राइम सतीश चंद्र और सीओ संतोष कुमार सिंह की मौजूदगी में पत्नी से लेकर परिजन ने बोले कि आरोपित अभिमन्यु सनकी है। परिवार के सदस्यों का आरोप है कि अभिमन्यु के पास दो लाइसेंसी बंदूक है। आये दिन वह सबको मारने की धमकी भी देता था। पत्नी विमला शुक्ला व आरोपित के भाई की बहू का आरोप है कि उसकी दिमागी हालत भी ठीक नहीं रहती है। पुलिस उसे कड़ी से कड़ी सजा दे। साथ ही असलहा का लाइसेंस भी निरस्त करने की मांग की। उनको डर है कि कहीं व छूटने के बाद कोई अन्य वारदात न कर दे। पूछताछ के दौरान आरोपित के परिजनों ने बताया कि एक बंदूक का लाइसेंस उसने फतेहपुर के पते से कराया जबकि पिस्टल का लाइसेंस धूमनगंज से करा रखा है। इससे सवाल यह भी उठा कि चुनाव आचार संहिता लागू हो जाने के बाद भी अभिमन्यु का असलहा पुलिस ने जमा क्यों नहीं कराया था। उसकी दिमागी हालत ठीक नहीं है तो उसका लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई क्यों नहीं शुरू की गयी।
प्रथम दृष्टया मकान खाली कराने का मामला सामने आया है। आरोपित को एसओजी टीम गिरफ्तार करके धूमनगंज थाना पहुंचा चुकी है। उससे पूछताछ की जा रही है। उसे जेल भेजने के साथ ही असलहा निरस्त करने के की संस्तुति की जाएगी।
संतोष कुमार सिंह
सीओ, सिविल लाइंस