ऑफलाइन पढ़ाई शुरू हो जाने के बाद भी नहीं कम होगा ऑनलाइन पर हो रहे खर्च का बोझ
स्वतंत्रता दिवस पर प्रोग्राम के नाम पर स्कूलों ने मांग ली है बच्चे की फुल ड्रेस में फोटो
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PRAYAGRAJ: कोरोना महामारी के कारण बंद चल रहे स्कूलों को खोलने के लिए सरकार की मंजूरी मिल गई है। 16 अगस्त से सिटी के सभी स्कूल स्टूडेंट्स के लिए खुल जाएंगे। हालांकि भले ही अभी 9वीं से 12वीं तक के स्टूडेंट्स के लिए स्कूल खोलने का आदेश है, लेकिन स्कूल खुलने के साथ ही पैरेंट्स की जेब पर बोझ बढ़ने का सिलसिला भी शुरू हो जाएगा। क्योकि स्कूल खुलने के साथ ही बच्चों के यूनिफार्म से लेकर दूसरे अन्य खर्च का बोझ अचानक से पैरेंट्स के ऊपर आएगा। जबकि अभी तक ऑनलाइन क्लासेस के कारण पैरेंट्स पर इन सब का खर्च का बोझ नहीं पड़ रहा था। साथ ही बच्चों के स्कूल आने -जाने में होने वाले ट्रांसपोर्ट खर्च भी शुरू हो जाएंगे।
बुक्स और कापियों का बढ़ेगा खर्च
ऑनलाइन क्लासेस के दौरान ज्यादा स्टूडेंट्स किताबों को ऑनलाइन या पीडीएफ डाउनलोड करके अपना काम चला रहे थे। ऐसे में स्कूल खुलने पर स्टूडेंट्स के लिए पैरेंट्स को सभी विषयों की किताबों को खरीदना पड़ेगा। जबकि ऑनलाइन के दौरान ऐसी दिक्कत कम ही आती थी। साथ ही स्कूल में एसाइमेंट आदि व प्रोजेक्ट वर्क आदि के लिए भी लगातार खर्च बढ़ेंगे। वहीं यूनिफार्म के साथ स्कूल शूज, मोजे आदि के लिए भी खर्च करना होगा। स्कूलों के यूनिफार्म उनके द्वारा बताए जाने वाले दुकानों पर ही मिलते है। ऐसे में उनके रेट दूसरे कपड़ों के मुकाबले अधिक होते है। ऐसे में ये खर्च पहले से ज्यादा इस बार होने की उम्मीद है।
ऑनलाइन का खर्चा रहेगा बरकरार
सरकार के आदेश के अनुसार, स्कूलों को खोलने के लिए फार्मूला तय किया गया है। यानी स्कूलों को 50 प्रतिशत स्टूडेंट्स को ही एक बार में स्कूल में बुलाना होगा। ऐसे में शेष 50 प्रतिशत स्टूडेंट्स को घर पर ही रहकर ऑन लाइन क्लासेस करेंगे। इसीलिए स्कूलों ने आफलाइन के साथ ही ऑनलाइन क्लासेस की व्यवस्था भी कर रखी है। ऐसे में ऑन लाइन क्लासेस पर आने वाला खर्च भी पहले की तरह ही पैरेंट्स के जेब पर बना रहेगा।
फीस के लिए भी बनेगा प्रेसर
लॉकडाउन से शुरू हुए ऑनलाइन क्लासेस के बाद से स्कूल फीस के लिए पैरेंट्स पर ज्यादा प्रेसर नहीं बना पा रहे थे, लेकिन स्कूल खुलने के साथ ही पैरेंट्स पर बच्चों के जरिए प्रेसर बनने का सिलसिला भी शुरू हो जाएगा। ऐसे में पैरेंट्स पर पूरी फीस जमा करने का प्रेसर पड़ने से उनकी जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी।
कंसर्न लेटर देने को नहीं तैयार है पैरेंट्स
स्कूल में बच्चों को बुलाने से पहले स्कूलों को उनके पैरेंट्स का कंसर्न लेटर लेना होगा, जबकि कोरोना की थर्ड वेव की आशंका को देखते हुए ज्यादातर पैरेंट्स बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे है। पैरेंट्स का कहना है संभावित तीसरी लहर को देखते हुए स्कूलों को ऑनलाइन क्लासेस पर ही अधिक फोकस करना चाहिए। जिससे बच्चें सुरक्षित रहें।
- बच्चों को अभी स्कूल भेजना थोड़ा खतरे से भरा है। क्योकि थर्ड वेव आने की संभावना जताई जा रही है। जहां तक खर्च की बात है, तो वह तो बढ़ना लाजमी है।
अखिलेश मिश्रा
- अभी तक स्कूलों की मनमानी नहीं चल पा रही थी, लेकिन जब बच्चें स्कूल जाने लगेंगे, तब जो खर्च स्कूल कहेंगे। उसे करना होगा।
धनंजय सिंह
- यूनिफार्म से लेकर दूसरे खर्च अचानक से पैरेंट्स पर आ जाएंगे। इसको मना भी नहीं किया जा सकता है। जबकि पहले से बिजनेस कमजोर चल रहा है।
दीपेन्द्र शुक्ला
- ऑनलाइन क्लास में ही स्कूल क्वाटरली फीस लेने लगे हैं। ऐसे में बच्चों के ट्रांसपोर्ट से लेकर दूसरे खर्च भी बढ़ जाएंगे। ऑनलाइन का भी खर्च बना रहेगा।
अकील सैयद