ज्यादातर पैरेंट्स बच्चों को अभी स्कूल भेजने को नहीं तैयार
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PRAYAGRAJ: कोरोना महामारी के कारण पिछले करीब एक साल से ऑनलाइन ही पढ़ाई पर जोर है। ऐसे में संक्रमण कम होने की रिपोर्ट के बीच भले ही सरकार ने स्कूल खोलने की इजाजत दे दी हो, लेकिन सिटी के स्कूलों में रौनक लौटने में अभी समय लगेगा। ये हम नहीं कर रहे है, बल्कि स्कूलों की ओर से पैरेंट्स को भेजे जा रहे कंसर्न लेटर पर मिल रहे रिस्पांस में दिख रहा है। ऐसे में 6वीं से 8वीं तक के बच्चों के लिए स्कूल खोलने की तैयारी में जुटे स्कूलों को अभी कोविड 19 वैक्सीन का इंतजार है। मार्केट में वैक्सीन आने के बाद ही पैरेंट्स का कंसर्न लेटर मिल पाएगा और पैरेंट्स बच्चों को भेजने के लिए तैयार हो पाएंगे।
10 परसेंट ही पैरेंट्स हो रहे तैयार
सिटी के विभिन्न स्कूलों की ओर से सरकार के आदेश के बाद से ही पैरेंट्स को ऑनलाइन व आफलाइन कंसर्न लेटर भेजने का सिलसिला शुरू हो गया। साथ ही कई स्कूलों ने पीटीएम रखकर भी पैरेंट्स को कन्वेंश करने का प्रयास किया, लेकिन उसका कोई खास असर नहीं दिखा। स्कूलों मैनेजमेंट के अनुसार 6वीं से 8वीं तक के बच्चों को स्कूल भेजने के मुद्दे पर महज 10 प्रतिशत पैरेंट्स ही तैयार हो रहे है। कुछ स्कूलों में ये संख्या 4 से 5 प्रतिशत तक ही सीमित है। ऐसे स्कूल भी पैरेंट्स की मंशा के अनुरूप जूनियर क्लासेस के लिए स्कूल खोलने को लेकर अभी कुछ भी निर्णय नहीं ले सके है। हालांकि स्कूलों ने बताया कि जो पैरेंट्स तैयार है। उन बच्चों को स्कूल आने की इजाजत होगी। लेकिन बच्चों के स्कूल आने पर कोविड 19 के प्रोटोकाल का पूरा पालन भी कराया जा जाएगा।
बच्चों की सेफ्टी पहले
सेंट जोसफ कालेज के प्रिंसिपल फादर थॉमस कुमार ने बताया कि सरकार के आदेश के बाद भी अभी स्कूल में बच्चों के आने का परसेंटेज कम है। स्कूल की ओर से बच्चों को दोनों आप्शन दिए गए थे। पैरेंट्स की ज्यादा संख्या ऐसा है कि वह कंसर्न नहीं देना चाहते है। वैसे भी जब तक वैक्सीन नहीं आएगी, तब तक रिस्क लेना ठीक नहीं। क्लास 1 से 8वीं तक ऑन लाइन परीक्षा होगी। 9वीं व 11वीं की परीक्षा आफ लाइन कराने की प्लानिंग है। हालांकि फरवरी के आखिरी में स्थिति देखकर कुछ बदलाव भी किया जा सकता है। हालांकि हर सेक्शन में पांच या दस बच्चों के पैरेंट्स ने स्कूल आने के लिए कंसर्न लेटर दिया है। ऐसे में अगर वह आना चाहते है, तो स्कूल में कोविड 19 को लेकर सरकार की ओर से जारी प्रोटोकाल को फॉलों करते हुए गाइड लाइन के अनुसार अरेंजमेंट किया जाएगा। उसके बाद अप्रैल में नए सेशन में उस समय की परिस्थिति के अनुसार मार्च के आखिरी में निर्णय लिया जाएगा।
- बच्चों से बड़ा एग्जाम नहीं है। इसलिए उनकी सेफ्टी स्कूल के लिए पहली प्राथमिकता है। 1 से 8वीं तक की ऑन लाइन परीक्षाएं ही होगी।
फादर थॉमस कुमार
प्रिंसिपल, सेंट जोसफ कालेज
- ज्यादा पैरेंट्स अपने बच्चों को नहीं भेज रहे है। पीटीएम में भी कुछ लोग ही बच्चों को भेजने के लिए तैयार है। वैसे ऑफ लाइन एग्जाम के लिए भी जूनियर क्लास के पैरेंट्स तैयार नहीं है। अमिता मिश्रा
प्रिंसिपल, एपीएस, चौफटका
- पैरेंट्स का कहना है कि वैक्सीनेशन की सुविधा मिलने के बाद ही वह अपने बच्चों को भेजेंगे। वैसे भी बच्चों की सुरक्षा स्कूलों के लिए महत्वपूर्ण है।
जया सिंह
प्रिंसिपल, डीपी पब्लिक स्कूल