प्रयागराज (ब्‍यूरो)। शहर में रौब गालिब करने वालों की कमी नहीं है। भले ही पकड़े जाने के बाद हाथ जोडऩे की नौबत आ जाए। मगर पकड़ा जाना भी कभी कभार ही होता है, क्योंकि पुलिस और यातायात विभाग को अपने कामों से फुर्सत ही नहीं है, खैर शहर की सड़कों पर दौडऩे वाले वाहनों पर लोग अपना परिचय लिखाए रहते हैं। इसे खुली आंखों से किसी भी सड़क पर हर दस पांच वाहन में देखा जा सकता है, मगर यातायात विभाग को फुर्सत नहीं और पुलिस के पास काम की कमी नहीं। ऐसे में शहर में लोग अपना रौब गालिब करने से बाज नहीं आ रहे हैं।

अवैध है वाहन पर कुछ भी लिखवाना
शहर की सड़कों पर फर्राटा भरने वाले वाहनों पर अक्सर हाईकोर्ट, न्याय विभाग, जिला कचहरी, कलेक्ट्रेट, पुलिस, पार्षद, पूर्व विधायक, विधायक, पूर्व सांसद, पूर्व जिलाध्यक्ष, पूर्व मंत्री, जिलाध्यक्ष, महामंत्री, भारत सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार, एसडीएम के अलावा न जाने क्या क्या लिखा देखा जा सकता है। वाहन स्वामी इस तरह क्यों लिखवाते हैं ये तो वही बता सकते हैं, पर इतना तो जाहिर है कि वाहन स्वामी अपना परिचय देना चाहते हैं ताकि सड़क पर जब उनका वाहन गुजरे तो लोग जान जाएं कि पुलिस वाले की गाड़ी जा रही है। न्याय विभाग की गाड़ी जा रही है। पूर्व विधायक की गाड़ी जा रही है। पूर्व सांसद की गाड़ी जा रही है। जबकि इस तरह वाहन पर कुछ भी लिखवाना अवैध है और इस पर यातायात नियमों के मुताबिक जुर्माना का प्रावधान है।

जुर्माना का है प्रावधान
यातायात विभाग के नियमों के मुताबिक प्राइवेट वाहन पर कोई भी परिचय नहीं लिखवाया जा सकता है। यदि चेकिंग में ऐसा किसी वाहन पर लिखा पाया जाता है तो वाहन स्वामी पर दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। पद नाम पट्टिका केवल सरकारी वाहनों पर लिख जा सकता है या फिर ऐसे प्राइवेट वाहन जोकि किसी सरकारी डिपार्टमेंट से अटैच हों उन पर पद नाम पट्टिका लिखा जा सकता है।

महज तीन सौ वाहनों पर कार्रवाई
वैसे तो नियम काफी पुराना है लेकिन यातायात विभाग इस मामले में कार्रवाई करने में काफी स्लो है। देखा जाए तो एक साल में महज तीन सौ वाहनों के खिलाफ ही ऐसी कार्रवाई की गई है। जबकि जिले में वाहनों की संख्या लाखों में हैं। कार्रवाई की गति धीमी होने की वजह से लोगों का वाहनों पर नाम पट्टिका लगवाने का हौसला बढ़ता जा रहा है। ये लोग कानून की भी परवाह नही करते हैं।

हास्यास्पद भी हो जाती हैं परिस्थितियां
वाहनों पर रौब झाडऩे के लिए नाम पट्टिका लगवाने के मामले में कभी कभी लोग खुद हास्यास्पद स्थिति में पहुंच जाते हैं। जैसे की प्रधान पति, पूर्व प्रधान के प्रतिनिधि, कोरोना योद्धा, पूर्व पार्षद प्रत्याशी आदि लिखवाने के बाद लोगों की नजर में आ जाते हैं। एक्पर्ट कहते हैं कि ऐसी हरकतें करने से ट्रैफिक न्यूसेंस पैदा होता है।

वाहनों पर पद नाम पट्टिका लिखवाना अवैध है। इस पर दो हजार रुपये जुर्माना का प्रावधान है। इस वर्ष करीब तीन सौ ऐसे वाहनों का चालान किया गया है, जिन पर पद नाम पट्टिका लिखी थी। चेकिंग अभियान जारी है। पद नाम पट्टिका लिखे वाहनों पर कार्रवाई की जा रही है।
अमित सिंह, ट्रैफिक इंस्पेक्टर