सेमिनार में इनकम टैक्स और जीएसटी पर एक्सपर्ट ने रखे विचार
अब सभी मामलों का मूल्यांकन फेसलेस तकनीक में किया जाएगा जिसमें लोगों को विभाग के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। यह बात दिल्ली से आए सीए राजेश कुमार ने कही। वह मंगलवार को सीए इंस्टीट्यूट की इलाहाबाद शाखा द्वारा आयकर और जीएसटी पर आधारित सेमिनार में बोल रहे थे। एज ए एक्सपर्ट उन्होंने
वित्त अधिनियम 2019 में फेसलेस आकलन और वित्त अधिनियम 2020 की अवधारणा को पेश किया, जो प्रथम अपील के समान था। उन्होंने कहा कि फेसलेस मूल्यांकन में मूल्यांकनकर्ता के साथ बिना किसी भौतिक इंटरफ़ेस के अधिकारियों की एक टीम द्वारा पूरी मूल्यांकन प्रक्रिया को दूरस्थ रूप से किया जाता है।
व्यापारियों को होगा फायदा
सीए ने कहा कि इस अधिनियम के तहत लोगों को टैक्स ऑफिस जाने की जरूरत नहीं है और अधिकारियों की विशेष टीम द्वारा पारदर्शी तकनीक से मामले का निपटारा किया जाएगा। सरकार स्वयं इस तकनीक को बढ़ावा देने जा रही है। जिससे व्यापारियों का शोषण कम होगा और भौतिक मूल्यांकन की जरूरत नहीं होगी। इस तकनीक में मूल्यांकनकर्ता अधिकारी को सामने वाले व्यापारी के बारे में पता नहीं होगा। इन दोनों के बीच एक अन्य अधिकारी डाटा प्रोवाइडर का काम करेगा।
सलाहकार से पूछकर भरिये टैक्स
दूसरे सत्र में कानपुर से आए सीए हिमांशु सिंह ने बताया की जीएसटी में हाल ही में बहुत सारे संशोधन हुए हैं जो की व्यापारियों को अपना जीएसटी रिटर्न फाइल करते समय ध्यान में रखना होगा। अपने जीएसटी सलाहकार के मार्गदर्शन में टैक्स भरना होगा। इसके पहले चीफ गेस्ट जस्टिस पंकज भाटिया, गेस्ट आफ आनर सीए अतुल मेहरेात्रा और विशेष अतिथि सीए मनु अग्रवाल ने सेमिनार का उदघाटन किया। कार्यक्रम में कानपुर, लखनऊ, दिल्ली, मिर्जापुर, भदोही आदि शहरों से बड़ी संख्या में चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ने उपस्थित दर्ज कराई। सीए इंस्टीट्यूट की लोकल शाखा के पदाधिकारियों ने गेस्ट्स का स्वागत किया ।