थाना प्रभारी के फील्ड पर रहने के कारण पीडि़तों की नहीं हो पाती है सुनवाई
- हर थाने व कोतवाली पर डेस्क प्रभारी पीड़ा सुनने के बाद कार्रवाई के लिए करेंगे हेल्प
PRAYAGRAJ: अब थाने व कोतवाली में पुलिस की मनमानी नहीं चल सकेगी। थाने के प्रभारी के फील्ड में होने की बात कहकर किसी भी पीडि़त को नहीं भगाया जाएगा। अब हर थाने पर प्रतिदिन हर समय एक डेस्क प्रभारी मौजूद रहेगा। जिसकी पूरी जिम्मेदार होगी। इसके साथ ही वह थाने पर शिकायत लेकर पहुंचने वाले पब्लिक की पीड़ा सुनने के बाद उसमें मुकम्मल कार्रवाई करवाएगा। यह बहाना नहीं चलेगा कि प्रभारी साहब आएंगे तो कार्रवाई होगी। रविवार को आईजी/एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने यह आदेश दिया है।
थाना दिवस का करना पड़ता है इंतजार
अक्सर देखने में आता है कि थानों व कोतवाली पर पब्लिक जब अपनी फरियाद लेकर जाती है तो थाना प्रभारी थाने पर मौजूद नहीं होते हँै। पूछने पर फील्ड या फिर दबिश में रहते हैं। यहां तक कि उनका फोन भी कभी-कभी नहीं उठ पाता है। जिसके कारण शिकायत लेकर थाने पहुंचे पीडि़त की सुनवाई प्रभावी रूप से नहीं हो पाती है। इस बाबत डीआईजी/एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने हर थाने व कोतवाली में डेस्क अधिकारी प्रणाली लागू की है। जो थाने पर आने वाले पीडि़तों की शिकायत सुनने के बाद उनकी समस्याओं को दूर किया जाएगा।
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यह डेस्क अधिकारी एक कुर्सी पर बैठे मिलेंगे। इनके कुर्सी पर डेस्क प्रभारी लिखा हुआ होगा। इस डेस्क अधिकारी का उत्तरदायित्व होगा कि थाना प्रभारी के गैरमौजूदगी में थाने पर आने वाली जनता के लोगों द्वारा दिये गये प्रार्थना पत्र पर आवश्यक कार्रवाई करें।
थाने पर जाने वाले फरियादी डेस्क अधिकारी के बारे में पता कर अपना प्रार्थना पत्र दे सकते हैं। जिससे समस्याओं का प्रभावी ढंग से निस्तारण हो सके।
- सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी डीआईजी/एसएसपी