- कोरोना काल में बदल गई लोगों की लाइफ स्टाइल

- खानपान में आया बदलाव, टहलना, घूमना और कसरत करना आदतों में हुआ शामिल

- शुगर और ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों को लेकर सतर्क हो गए लोग

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कोरोना संक्रमण पुन: अपने पैर पसार रहा है। पिछले साल मार्च से लेकर नवंबर तक चले कोरोना काल ने प्रयागराज के लोगों को स्वस्थ रहना सिखा दिया है। ऐसे में इस बार लोगों का हौसला बुलंद है। वह कोरोना से दो-दो हाथ करने को तैयार हैं। कोरोना से बचाव के लिए लोग खानपान में एहतियात बरतने के साथ एक्सरसाइज पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। लाइफ स्टाइल से जुड़ी बीमारियों से दूरी बनाने के साथ शुगर और ब्लड प्रेशर के रोगी अपनी नियमित जांच को लेकर भी सजग हो गए हैं।

डाइट पर ध्यान दे रहे लोग

अनाप शनाप खाने की आदत कोरोना काल में सुधर गई है। लोगों ने लिमिट में और पौष्टिक भोजन लेना शुरू कर दिया है। डाइटिशियन सरला सिंह बताती हैं कि पहले क्लीनिक में इक्का-दुक्का लोग ही अपनी डाइट के बारे में सलाह लेने आते थे। लेकिन कोरोना काल से लेकर अब तक मेरे पास कई गुना लोग बढ़ गए हैं। जरूरत के मुताबिक उनका डाइट चार्ट तैयार किया जा रहा है। लोगों का सवाल होता है कि क्या खाएं कि दिनभर चुस्त और फुर्तीले बने रहें। उनको जरूरत से अधिक नमक और चीनी के सेवन से बचने की सलाह दी जाती है।

बॉडी स्टेमिना बढ़ाने पर ध्यान

कोरोना काल में दूसरा सबसे बड़ा बदलाव लोगों की दिनचर्या में आया है। जो लोग देर तक सोते थे उन्होंने जल्दी उठने और मार्निग में आधे से एक घंटे एक्सरसाइज के लिए समय निकालना शुरू कर दिया है। इसमें वाकिंग भी शामिल है। हेल्थ एक्सपर्ट सुभाष बताते हैं कि पहले 50 साल से अधिक के लोग अपनी सेहत को लेकर एलर्ट थे लेकिन अब 30 प्लस वाले भी फिटनेस को लेकर सलाह मांगते हैं। यह सभी खुद को एक्टिव रखना चाहते हैं जिससे बॉडी इम्युनिटी बनी रहे।

मार्केट में हो गई शार्टेज

कोरोना काल के दौरान ही बीपी और शुगर नापने की मशीनो की शार्टेज हो गई थी। लोग इतने एलर्ट हो गए कि उन्होंने इनकी जांच अपनी रूटीन लाइफ में शामिल कर लिया है। मेडिकल इक्विपमेंट सेलर नवीन के मुताबिक इनकी बिक्री अभी भी जारी है। जिनको बीपी शुगर नहीं है वह भी रूटीन जांच के लिए मशीन खरीद रहे हैं। जिससे वह खुद को फिट रख सकें।

कोरोना से लड़ाई को तैयार हैं प्रयागराज के हॉस्पिटल

एसआरएन हॉस्पिटल- 270 बेड (एचडीयू व आईसीयू)

बेली हॉस्पिटल- 200 बेड (40 आईसीयू बेडड)

कालिंदीपुरम हॉस्पिटल- 100 बेड

कोटवा हॉस्पिटल- 60 बेड

(जरूरत पड़ने पर 100 बेड के रेलवे, 100 बेड के यूनानी हॉस्पिटल और 400 बेड के यूनाइटेड मेडिसिटी में भी मरीज भर्ती किए जा सकते हैं)

एंबुलेंस- 96

ये बन गए लाइफ का पार्ट

- इम्युनिटी बढ़ाने के लिए आयुर्वेद पद्धति पर आधारित काढ़ा, गिलोय, दालचीनी, काली मिर्च, हल्दी, लौंग, तुलसी,अदरक, नींबू का जमकर सेवन किया गया।

- साफ-सफाई के साथ सैनेटाइजर, साबुन से हाथ धोने और मास्क पहनना हजारों लोगों की आदत में शामिल हो गया।

- हाथ मिलाने और गले मिलने की जगह नमस्ते ने ले ली।

- बाजार में साफ सुथरे खानपान पर लोगों का ध्यान जाने लगा।

- सर्दी, जुकाम, बुखार आदि बीमारियों को लेकर लोग सतर्क रहने लगे हैं।

लडाई में हथियार बनी वैक्सीन

कोरोना के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीन का अहम रोल होने जा रहा है। अभी तक हेल्थ वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स को डोज लगी है। अब बुजुर्गो के बाद समाज के सभी वर्गो के लिए वैक्सीन उपलबध होने जा रही है। ऐसे में सभी को आगे आकर वैक्सीन लगवाना होगा जिससे हम कोरोना से दो-दो हाथ करने में खुद को काबिल बना सकें।

कोरोना महामारी से बचाव के लिए साफ सफाई का विशेष ध्यान देना जरूरी है। खानपान में सतर्कता बरतने के साथ मास्क का उपयोग करना चाहिए। इन चीजों का पालन मैंने स्वयं करना शुरू कर दिया है और दूसरों को यही सलाह देता हूं। हो सके तो भीड़ भाड़ वाले एरिया से दूरी बनाएं।

भानुचंद्र गोस्वामी, डीएम प्रयागराज

- कोरोना काल में लगातार साइकिलिंग करता रहा। यह मेरी आदत में शामिल हो गया है। इससे बॉडी की पूरी एक्सरसाइज होती है और फेफड़े भी मजबूत रहते हैं। कोरोना जैसी बीमारियों से लड़ने के लिए साइकिलिंग बेहतर हथियार है।

प्रेमप्रकाश, एडीजी जोन

एक डॉक्टर होने के नाते मैं यही कहूंगा कि खुद को संयमित रखें और नियमित रूप से टहलने और एक्सरसाइज की आदत का पालन करें। कोरोना काल में मेरी लाइफ स्टाइल में भी बदलाव हुए हैं, जो बेहद जरूरी है।

डॉ। प्रभाकर राय, सीएमओ प्रयागराज

इम्युनिटी पर विशेष ध्यान दिया है। दिनचर्या को रेगुलर किया गया। दो गज दूरी और मास्क है जरूरी का पालन किया गया है। दूसरों को भी स्वस्थ रहने की सलाह दी गई है। लाइफ स्टाइल बीमारियों को लेकर एलर्ट रहने लगा हूं।

आरएन विश्वकर्मा, डीआईओएस प्रयागराज

कोरोना से दो तरह की लड़ाई है। एक तो पब्लिक के लिए दूसरी अपने लिए। खुद भी दो गज दूरी का पालन कर रहा हूं और दूसरों को भी बता रहा हूं। भीड़ से खुद को दूर रखें और दूसरों को भी इससे बचाएं। हो सके तो सेनेटाइजर का नियमित उपयोग करें। खानपान को लेकर अलर्ट रहे।

सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी, एसएसपी प्रयागराज

महामारी के दौर में दूसरों को बचाने के लिए पहले खुद को फिट रखना जरूरी होता है। यही कारण है कि मार्निग में टहलना, ताजा खानपान और साफ सफाई का ध्यान रखने में मैंने विशेष ध्यान दिया। इसकी वजह से नियमित तौर कोरोना से लड़ाई में खुद को उपस्थित रखा।

एके कनौजिया, एडीएम सिटी

कोरोना काल में हम लोग का अधिकतर समय समाज सेवा में बीत रहा था ऐसे में खुद को फिट रखने के लिए खानपान पर विशेष ध्यान दिया। अभी भी इसका पालन हो रहा है। फ्रूट इनटेक अधिक किया। मास्क पालन भी नियमित रूप से किया जाता रहा।

शिवशंकर सिंह, महामंत्री, सिविल लाइंस व्यापार मंडल

कोरोना फिर से लौट रहा है लेकिन इससे डरने की जरूरत नही है। बस होशियार रहना है। हम लोग जान चुके हैं कैसे खुद को बचाकर रखना है। खुद को फिट रखें और कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते रहें।

सुशील खरबंदा, अध्यक्ष, सिविल लाइंस व्यापार मंडल