प्रयागराज ब्यूरो । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी लखनऊ से दो सप्ताह में हलफनामा मांगा है और पूछा है कि कोर्ट ने कई आदेशों में स्पष्ट किया है कि केवल आपराधिक केस दर्ज होने मात्र से किसी के पासपोर्ट का नवीनीकरण नहीं रोका जा सकता, इसके बावजूद भारी संख्या में ऐसी याचिकाएं क्यों दाखिल हो रही है। स्थिति स्पष्ट करें कि सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के आदेशों का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है।
कैसे रोकेंगे अनावश्यक केस
कोर्ट ने यह भी पूछा है कि अनावश्यक मुकद्दमों का बोझ बढऩे से रोकने के क्या कदम उठाए गए हैं। याचिका की सुनवाई 19 जनवरी को होगी। यह आदेश जस्टिस एसडी सिंह और जस्टिस शिवशंकर प्रसाद की बेंच ने मऊ जिले के पवन कुमार राजभर की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता चंद्र कांत त्रिपाठी ने बहस की। कोर्ट ने इस दौरान क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी को याची के मामले में नियमानुसार कार्रवाई करने की छूट दी है। स्पष्ट किया है कि आदेश का पालन न होने की दशा में कोर्ट में अधिकारी को तलब किया जा सकता है।