प्रयागराज (ब्यूरो)। एसआरएन हॉस्पिटल में लगे आग बुझाने के सारे उपकरण चालू हालत में हैं। मगर, जरूरत पडऩे पर उसे चलाने का तरीका यहां किसी को नहीं पता। ऐसे में किसी दिन आग लग गई तो उपकरण सही होने के बावजूद हालात बदतर हो सकते हैं। यह फैक्ट सोमवार को फायर अफसरों द्वारा की गई जांच में सामने आए हैं। हालात को देखते हुए फायर अफसर ने कम से कम छह फायर स्टूमेंट ऑपरेटर हॉस्पिटल में रखने के निर्देश दिए हैं।
झांसी केस के बाद जांच
एसआरएन हॉस्पिटल में न सिर्फ जनपद बल्कि गैर जनपदों के लोग भी इलाज कराने के लिए आते हैं। यहां हर रोज मरीजों का तांता लगा रहता है। एडमिट मरीजों की संख्या यहां सैकड़ों में होती है। ऐसी स्थिति में फायर सेफ्टी को लेकर यहां चारों तरफ उपकरण लगाए गए हैं। झांसी में हुई घटना के बाद सोमवार को फायर अफसरों ने हास्पिटल में उपकरणों की जांच की। जांच में सारे उपकरण सही व चालू हालत में पाए गए। मगर, उन उपकरणों को चलाने की जानकारी किसी के पास नहीं थी। कुछ लोगों से उपकरणों को अधिकारियों के जरिए चलाने का प्रयास किया गया। इनमें एक भी शख्स किसी भी उपकरण को नहीं चला सका। हालात को देखते हुए मौजूद कर्मचारियों को उपकरण चलाने की ट्रेनिंग दी गई। साथ ही जिम्मेदारों को हॉस्पिटल में कम से कम फायर उपकरणों को चलाने के लिए कम से कम छह फायर आपरेटर रखने की सलाह दिए हैं।
हॉस्पिटल में लगे सारे उपकरण चालू हालत में मिले हैं। मगर वह जरूरत पर चलाएंगे कैसे इस बात की जानकारी किसी को नहीं थी। ट्रेनिंग देते हुए हॉस्पिटल में फायर ऑपरेटर रखने के लिए कहा गया है।
आरके पांडेय, मुख्य अग्निशमन अधिकारी