प्रयागराज (ब्यूरो)। मेडिकल कॉलेज चौराहे से बाईं तरफ गेट की ओर टर्न होने पर दाहिने साइड पर बस स्टॉप बनाया गया है। यहां यात्रियों के बैठने के व बारिश एवं दूध से बचने के लिए छप्पर भी बनाए गए हैं। निश्चित रूप से सरकारी रजिस्टर पर इस इंतजाम में लाखों रुपये खर्च दिखाए गए हैं। मगर, लाखों रुपये से लागत से की गई इस सुविधा का लाभ पब्लिक को अफसरों की उपेक्षा के चलते नहीं मिल रहा है। बस स्टॉप सटकर एक दुकान लगाई गई है। इस दुकान पर कस्टमर को बैठने के लिए कुर्सिंर्या रोड की पटरी तक लगा दी जाती हैं। जिससे बस स्टॉप पूरी तरह से ढक जाता है। एक तो यह बस स्टॉप दिखाई नहीं देता दूसरी बात ये कि बस रोड से घूमकर स्टापेज पर नहीं पहुंच पाती। पैसेंजर बताते हैं कि उन्होंने आज तक सिटी बस को यहां रुकते हुए नहीं देखा है।
बस स्टॉप जगह-जगह बनाए तो गए हैं। मगर इसकी उपयोगिता व सार्थकता पर गौर नहीं किया जा रहा। जिस हालात में ये नजर आते हैं उसे देखकर कर हम ही नहीं कोई भी यही कहेगा कि यह सिर्फ पैसे की बर्बादी की गई है।
डॉ। प्रेमकृष्ण जायसवाल
सबसे अधिक सिटी बसों की जरूरत हम छात्रों को ही पड़ती है। सिटी बसें स्टॉपेज पर रुकने लगें तभी बस स्टैंड की उपयोगिता है। मगर ऐसा कुछ भी नहीं है। इसका कोई लाभ छात्रों व पब्लिक को नहीं मिल रहा। अधिकारी सब जानते हैं, पर करते कुछ नहीं।
वीरल सिंह छात्र इलाहाबाद यूनिवर्सिटी
मेडिकल कॉलेज के पास का बस स्टॉपेज हम भी देखते हैं। उसकी बदतर स्थिति हो गई है। यहां आसपास दुकानदारों का कब्जा हो चुका है। स्टैंडी दुकानदार बस स्टैंड के ठीक सामने लगा दिए हैं। बस यहां रुके भी तो कैसे। बसों को टर्न करने के लिए जगह ही कब्जे की वजह से नहीं बची है। इस स्थिति के बारे में अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए।
शशांक सिंह छात्र इलाहाबाद यूनिवर्सिटी