प्रयागराज (ब्‍यूरो)। कैण्ट पुलिस का खौफनाक चेहरा सामने आया है। कैण्ट पुलिस की लापरवाही ने एक प्रतियोगी छात्रा की जान ले ली। छात्रा अपनी बेइज्जती बर्दाश्त नहीं कर सकी। सरेआम छात्रा और उसकी मां की पिटाई की गई। छात्रा के घरवालों ने कैण्ट थाने में तहरीर दिया तो कार्रवाई के बजाए उल्टा आरोपितों की छेड़खानी की तहरीर पर पुलिस छात्रा के भाइयों को थाने में बैठा लिया। पिटाई से गंभीर रूप से घायल छात्रा अस्पताल में यह सब घटना सुनती रही। पुलिस ने दबाव बनाकर दोनों पक्षों में समझौता करा दिया। छात्रा अस्पताल से लौटी तो बेइज्जती बर्दाश्त नहीं कर सकी। बुधवार दोपहर में छात्रा ने फांसी लगा ली। वह घर में अकेली थी। छात्रा की मौत के बाद हंगामा हो गया। लोगों ने छात्रा की बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए नहीं ले जाने दिया। लोग कैण्ट थानेदार को निलंबित करने और आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे। पुलिस अफसर गुस्साए लोगों को समझाने में लगे रहे, मगर बात नहीं बनी। छात्रा के घर पर हंगामा चलता रहा। रात में छात्र की मां की तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया। इसके बाद मामला ठंडा हुआ।

पड़ोसी से चल रही थी अदावत
तोपखाना मोहल्ले के रहने वाले हिमांशु सोनकर के पिता संतोष सोनकर की मृत्यु हो चुकी है। हिमांशु अपनी मां रीना सोनकर, भाई कल्लू सोनकर के साथ रहता है। दोनों भाई प्राइवेट काम करते हैं। हिमांशु की बहन थी साक्षी सोनकर। हिमांशु के घर के सामने एक परिवार रहता है। परिवार में दो बहने हैं। दोनों बहनों और हिमांशु के परिवार के बीच न जाने किस बात को लेकर कई साल से अदावत चल रही है। आए दिन दोनों बहने साक्षी के साथ झगड़ा करती थीं। दोनों बहनों ने पड़ोस में आतंक फैला रखा है।

सड़क पर मां, बेटी को पीटा
पिछले गुरुवार को किसी बात को लेकर दोनों बहनों और साक्षी के बीच कहासुनी शुरू हुई। इसके बाद दोनों बहनों ने साक्षी को पीटना शुरू कर दिया। यह देखकर मां रीना बेटी साक्षी को बचाने आई। तो उसे भी दोनों बहनों ने पीटा। मां और बेटी को अंदरुनी चोटें आईं। खबर पाकर दोनों भाई घर पहुंचे। इसके बाद मां और बहन को एसआरएन अस्पताल ले गए। वहां पर उपचार के लिए दोनों को भर्ती कर लिया गया।

थाने पर नहीं हुई सुनवाई
घटना की तहरीर हिमांशु ने कैण्ट थाने में दी। मगर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। उल्टा घटना की आरोपित दो में से एक बहन की तहरीर ले ली। तहरीर में साक्षी के दो भाइयों पर छेड़खानी का आरोप था। दोनों भाई अपनी तहरीर पर कार्रवाई के लिए थाने पहुंचे तो कार्रवाई के बजाए पुलिस ने दोनों भाइयों को छेड़खानी के आरोप में थाने में बैठा लिया। आरोप तो ये भी है कि आरोपित युवती ने अपने साथ रेप का आरोप लगाते हुए तहरीर दी थी। हालांकि इस आरोप की पुष्टि पुलिस ने नहीं की। पुलिस ने जब दोनों भाइयों को थाने में बैठा लिया तो उनकी जान पहचान के कई लोग थाने पहुंच गए। मगर पुलिस पर कोई असर नहीं पड़ा। सच्चाई जानने के बजाए आरोपित युवती की तहरीर को आधार बनाकर पुलिस साक्षी के दोनों भाइयों पर कार्रवाई की धमकी देने लगी। साक्षी का एक भाई जोकि उसके बड़े पापा का बेटा है वह सर्विस में है। कार्रवाई के डर से साक्षी के दोनों भाइयों ने समझौता कर लिया।

सदमा लग गया साक्षी को
जब यह बात साक्षी को पता चली तो वह सदमे में आ गए। साक्षी पढ़ी लिखी थी। उसे पुलिस से नफरत हो गई। वह सदमे में चली गई। वह कहने लगी कि अगर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की तो वह फांसी लगा लेगी। मगर घरवालों ने उसे शांत कराना शुरू कर दिया। उसकी बात को गंभीरता से नहीं लिया।

फांसी के फंदे पर लटक गई
बुधवार को साक्षी घर में अकेले थी। मां रीना अपने मायके गई थी। दोनों भाई काम पर गए थे। सुबह करीब 11 बजे आरोपितों ने एक बार फिर साक्षी को डराया धमकाया और गाली गलौच की। करीब तीन बजे साक्षी के पड़ोस में परिवार की एक चार वर्षीय लड़की गई तो अंदर साक्षी फांसी के फंदे पर झूल रही थी। साक्षी ने फांसी लगा लिया था। लड़की ने बाहर आकर बताया तो हल्ला मच गया। मकान के ऊपर के हिस्से में साक्षी के दादा का परिवार रहता है। भाग कर सभी कमरे में पहुंचे तो अंदर साक्षी फांसी के फंदे पर लटक रही थी। आननफानन में उसे उतारा गया। परिवार के लोग उसे दो प्राइवेट अस्पताल ले गए। वहां से जवाब मिला तो उसे एसआरएन अस्पताल ले गए। वहां पर भी डॉक्टरों ने जवाब दे दिया तो साक्षी की बॉडी घर लाई गई।

घर पर शुरू हो गया हंगामा
साक्षी की बॉडी घर पहुंचते ही परिवार के लोग रोने बिलखने लगे। सूचना पर कैण्ट थाना प्रभारी सुनील कुमार पहुंच गए। गुस्साए लोगों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाना शुरू कर दिया। पुलिस पर आरोप है कि आरोपित लड़कियों के पक्ष में पुलिस ने जाकर समझौता कराया। पुलिस की जमकर फजीहत हुई। बवाल बढ़ता देख थाने से कई दारोगा और फोर्स पहुंच गई।

बॉडी नहीं ले गए मोर्चरी
पुलिस शाम को छह बजे बॉडी को मोर्चरी भेजने के लिए परिवार वालों से कहने लगी तो लोगों को आक्रोश फूट पड़ा। परिवार वालों ने पुलिस ने बहुत गंभीर आरोप लगा दिए। जिससे पुलिस के होश उड़ गए। परिवारवालों ने कहा कि कैण्ट थानेदार को निलंबित किया जाए और साक्षी की मौत की जिम्मेदार तीनों लड़कियों के खिलाफ केस दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार किया जाए, इसके बाद ही बॉडी पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भेजी जाएगी। इस मांग को लेकर पुलिस और परिवार के बीच काफी देर तक नोकझोंक और बहस चलती रही।

मां की तहरीर पर केस दर्ज
रात में जब बवाल ठंडा नहीं हुुआ तो पुलिस ने साक्षी की मां रीना से तहरीर दी। जिस पर रीना ने वर्षा यादव, तनुजा यादव, सरिता सोनकर, बबिता सोनकर, शनि सोनकर और रोहित सोनकर के खिलाफ नामजद तहरीर दी। पुलिस ने सभी के खिलाफ केस दर्ज किया। इसके बाद एसीपी श्वेताभ पांडेय ने परिवार वालों को थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया तब बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भेजा जा सका।

सिपाही बनना चाहती थी साक्षी
संतोष सोनकर छोटा मोटा काम करके अपने परिवार का भरण पोषण करते थे। उनकी मृत्यु के बाद बेटे हिमांश और कल्लू भी परिवार के लिए कमाने निकल पड़े। साक्षी पढऩा चाहती थी, मगर वह अपने भाइयों पर बोझ नहीं बनना चाहती थी, इसलिए उसने सिपाही बनने का सपना देखा। पिछली पुलिस भर्ती में साक्षी ने पेपर दिया था, मगर पेपर लीक होने की वजह से रद हो गया।

दो बहनों को पुलिस ने लिया हिरासत में
पुलिस ने केस दर्ज करने के बाद आरोपित दोनों बहनों को हिरासत में ले लिया। हिरासत में लेने के दौरान भी हंगामा हुआ, मगर पुलिस दोनों को हिरासत में लेकर थाने ले गई। पुलिस अन्य आरोपितों की भी तलाश कर रही है। हालांकि वह मिले नहीं।

तोपखाना मोहल्ले में एक छात्रा ने फांसी लगाई है। उसके परिवार वालों ने पड़ोसियों पर मारपीट का आरोप लगाया है। छात्रा की मां की तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
श्वेताभ पांडेय एसीपी कैण्ट