प्रयागराज ब्यूरो । दीपावली की पूर्व संध्या पर केंद्रीय सांस्कृतिक समिति, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज द्वारा सुर संगम का आयोजन निराला आर्ट विलेज (मुक्तांगन )में किया गया। चीफ गेस्ट कमिश्नर विजय विश्वास पंत, स्पेशल गेस्ट पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा रहे। अध्यक्षता वीसी प्रो.संगीता श्रीवास्तव ने की। कुलसचिव ने गेस्ट्स का वेलकम किया। गायक आशुतोष श्रीवास्तव व उनके साथी कलाकारों ने जय गणपति वंदन गणनायक गणेश वंदना से सुर संगम में मंगलाचरण किया। समग्र भारत थीम पर दृश्यकला विभाग के 170 विद्यार्थियों 27 रंगोली बनाई। 250 विद्यार्थियों ने तीन हजार दिए जलाकर दीपोत्सव को यादगार बना दिया।
जब छिड़ी रात फूलों की
हुजूर आपका भी एहतराम करता चलूं, इधर से गुजरा तो सोचा सलाम करता चलूं गजल की प्रस्तुति ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। सुरमई शाम इस तरह आए, सांस लेते हैं जिस तरह साये, कोई आहट नहीं बदन की कहीं, फिर भी लगता है तू ,यहीं है कहीं गीत की प्रस्तुति ने श्रृंगार रस से पूरे मुक्तांगन को सराबोर कर दिया। जब छिड़ी रात फूलों की, रात है या बरात फूलों की, मखदूम मोहिद्दीन रचित इस गज़़ल ने मुक्तांगन में मौजूद श्रोताओं को खूब गुदगुदाया। हरिवंश राय बच्चन द्वारा लिखित मधुशाला से सजे न मस्जिद और नमाजी कहता है अल्लाताला, सजधजकर पर साकी आता,बनठन कर पीने वाला पंक्तियों को गाया गया तो दीपोत्सव की शाम संगीत के सुरों के साथ संगत करती हुई प्रतीत हुई।
जब आंचल रात का लहराये
जब आंचल रात का लहराये और सारा आलम सो जाए, तुम मुझसे मिलने शम्मा जलाकर, ताजमहल में आ जाना गीत पर श्रोता खूब झूमे संगीत एवं प्रदर्शन कला विभाग द्वारा समूह नृत्य व समूह गान प्रस्तुत किया गया। निर्देशन डॉ। विशाल जैन ने किया। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के कुलसचिव ने धन्यवाद ज्ञापित किया और संचालन डॉ। शेफाली नंदन ने किया। इस अवसर पर वित्ताधिकारी प्रो.जया कपूर, प्रो। अजय जैतली, प्रो.पंकज कुमार, प्रो। अनुराधा अग्रवाल, प्रो.हर्ष कुमार, प्रो। एआर सिद्दिकी, डॉ। राकेश सिंह, डॉ सचिन सैनी, डॉ। संदीप मेघवाल, डॉ। अदिति पटेल, डॉ। शौमिक नंदी, डॉ अमृता, डॉ। प्रिया केशरी, डॉ। फरीदा अहमद, डॉ। चितरंजन कुमार, डॉ कुमार बीरेंद्र, छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।