- आबादी में तेजी से प्रवेश कर रहा है बाढ़ का पानी

- आश्रय स्थलों में बढ़ने लगी बाढ़ पीडि़तों की संख्या

प्रयागराज- रात में सोने गए तो आसपास पानी नजर नही आ रहा था लेकिन सुबह आंख खुली तो घर के लॉन में गंगा का पानी भरा हुआ था। यह देखकर लोगों का माथा ठनक गया। गंगा किनारे रहने वालों के साथ शनिवार को यही हुआ। नदियों में लगातार बने उफान की वजह से पानी अब आबादी वाले इलाकों में प्रवेश कर रहा है जिससे लोगों की दिक्कतें बढ़ती जा रही है। उन्हे आनन फानन में आश्रय स्थलों के लिए पलायन करना पड़ रहा है।

पहले यमुना और अब गंगा

पिछले तीन दिन तक यमुना में जबरदस्त उफान बना हुआ था लेकिन शनिवार को गंगा ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। शाम तक गंगा का पानी चार सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा था। वही यमुना ढाई सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही थीं। इन दोनों नदियों को मिलाकर जलस्तर सात सेमी की रफ्तार से आबादी को अपनी चपेट में ले रहा था।

जलस्तर

नैनी- 83.93 मीटर

फाफामऊ- 84.17 मीटर

छतनाग- 83.38 मीटर

खतरे का निशान- 84.73 मीटर

भरने लगे आश्रय स्थल

जैसे जैसे गंगा यमुना में पानी बढ़ रहा है वैसे वैसे आश्रय स्थलों में भी रश बढ़ता जा रहा है। बघाड़ा में एनी बेसेंट और राजापुर कछार के नजदीक ऋषिकुल उच्चतर माध्यमिक स्कूल में बड़ी संख्या में बाढ़ पीडि़तों का आगमन शनिवार को हुआ। इसके बाद प्रशासन की ओर से यहां भोजन वितरण कराया गया। एनीबेसेंट में तैनात लेखपाल गेंदालाल ने बताया कि जो लोग यहां आ रहे हैं उनकी संख्या प्रशासनिक धिकारियों को बताई जा रही है।

लगानी पड़ी नाव

बताया गया कि ढरहरिया के कई घर गंगा के एकदम नजदीक बनाए गए हैं। यहां पर देर रात तक पानी पहुंच गया था। सुबह होते तक एक मीटर ऊंचाई तक पानी आ गया था। जब सुबह उठे तो घरों में हाहाकार मच गया। तत्काल लोगों ने प्रशासन को इसकी सूचना दी। बाढ़ में फंसे लोगों को नाव लगाकर बाहर निकाला गया। फिर इन्हे आश्रय स्थल पर शिफ्ट किया गया।

गंगा बैराज से छोड़ा गया पानी अब गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही यह रफ्तार कम हो जाएगी। पानी की निकासी के इंतजाम भी किए जा रहे हैं।

ब्रजेश कुमार, एक्सईएन, सिचाई विभाग बाढ़ प्रखंड प्रयागराज