आर्थिक संकट से जूझ रहे डीजे, लाइट, बैंड और साउंड के व्यवसाय से जुड़े लोग
अधिकांश शादियां कैंसिल होने से बुकिंग भी कैंसिल
लास्ट इयर की तरह इस बार भी अप्रैल से लेकर मई तक के लगन पर कोरोना संक्रमण ने प्रभावित कर दिया है। खासतौर पर डीजे, लाइट, बैंड और साउंड के व्यवसाय से जुड़े लोगों की कमर तोड़ दी है। क्योंकि कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार की ओर से जारी गाइड लाइन के अनुसार बारात में शामिल होने वालों की संख्या को लिमिटेड कर दिया गया है। जिसके कारण ज्यादातर लोगों ने अपनी शादी को आगे बढ़ा दिया है। ऐसे में डीजे वालों की करीब 99 प्रतिशत बुकिंग अभी से कैंसिल हो गई है। इस बाबत दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट ने कुछ डीजे संचालकों से बात की तो पता चला कि वे अब आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।
मरम्मत में कर दिए लाखों खर्च, अब बुकिंग कैंसिल
सिटी के संजय लाइट हाउस के ओनर संजय कुमार ने बताया कि अप्रैल से शुरू हो रही लगन से बड़ी उम्मीद थी। यहीं कारण था कि जनवरी से शुरू हुई बुकिंग को देखते हुए नई लाइट, डीजे, व्हीकल आदि को मेंटेन करने में ही करीब 15 लाख रुपए खर्च कर दिए। लेकिन कोरोना के कारण करीब-करीब 99 प्रतिशत बुकिंग कैंसिल हो गए। पूरे परिवार का खर्च इन्हीं चार महीनों की कमाई से चलता है। ऐसे में आगे कैसे काम करेंगे। ये समझ नहीं आ रहा है। बताया कि एक लगन में 45 से 50 बुकिंग आती है। उसमें लेबर से लेकर सभी खर्च काटने के बार 12 से 15 हजार रुपए एक बुकिंग में बचत होती है। लेकिन इस बार तो सब डूब गया।
मिस्त्री से लेकर गोदाम तक का देना पड़ रहा खर्च
दिल्ली डीजे के ओनर शैलेन्द्र ने बताया कि इस बार तो पूरी बुकिंग कैंसिल हो गई। इस बार अप्रैल की लगन से उम्मीद थी। इसलिए डीजे, लाइट को मेंटेन करने में रखी पूरी पूंजी खर्च कर दी। अब तो कारीगर आदि को देने के लिए भी पूंजी नहीं बची है। ऊपर से गोदाम का किराया, मिस्त्री का खर्च, कारीगर और ऑपरेट का खर्च बना हुआ है। ऐसे में समझ नहीं आ रहा है कि आखिर इन खर्चो को कहां से पूरा किया जाए।
एडवांस भी करना पड़ा वापस
आकाश डीजे के ओनर आकाश पाल ने बताया कि लगन की तैयारी में जो खर्च हुआ वो तो पहले ही डूब गया। ऊपर से जो बुकिंग का एडवांस मिला, उसे भी वापस करना पड़ा। लेकिन जो कारीगर आदि को एडवांस दिया है, वो वापस नहीं ले सकते है। क्योंकि उसी से उनका भी खर्च चलना है। इस बार 1 लाख रुपए रिनोवोशन पर खर्च किया था। इस बार कुल 20 लगन का नुकसान हुआ है।
लेबर की भी खत्म हो गई रोजी- रोटी
हरि डीजे हाउस के ओनर अनिल कुमार सोनकर ने बताया कि सिर्फ हम लोगों का ही नुकसान नहीं हुआ। इसमें दिहाड़ी मजदूर भी परेशान हुए हैं। क्योंकि एक-एक दिन में 100 लेबर की जरूरत पड़ती है। लेकिन बुकिंग कैंसिल होने के कारण उनकी रोजी- रोटी भी खत्म हो गई। यहीं कारण है कि ज्यादातर लेबर अपने गांव लौट गए। इसके अलावा ड्राइवर, आपरेटर का भी भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि बुकिंग को देखते हुए मार्च में ही करीब 7 से 8 लाख रुपए इनवेंट किए थे। जिससे डीजे को रिनोवेट किया जा सके। ऐसे में सारी पूंजी डूब गई।
हर दिन बढ़ रही है मुश्किल
जनवरी में ही लाखों रुपए खर्च करके डीजे व लाइट का करा चुके है मेंटेन
आपरेटर और बैंड बजाने वालों का साल भर का होता है ठेका
जुलाई से जुलाई चलता है ठेका, लेते है एडवांस
99 प्रतिशत बुकिंग हो चुकी है कैंसिल
45 से 50 काम एक लगन में होता है बुक
पूरे साल में 4 महीने का ही होता है डीजे, लाइट और साउंड का बिजनेस
8 महीने इसी से चलता है सभी डीजे मालिकों के घर का खर्च
काम नहीं होने के कारण लेबर लौट गए हैं अपने गांव
एक लगन में कोई 7 से 8 तो कोई 12 से 15 हजार करता है बचत
शादियां कैंसिल होने से व्यवसाय चौपट हो गया है। मजदूरों व कारीगरों को जो एडवांस दिया गया वह वापस नहीं मिलना है। जनवरी में ही 15 लाख रुपए मेंटेनेंस पर खर्च किया था। अब तो घर का खर्च निकालना मुश्किल हो गया है।
संजय, ओनर
संजय लाइट हाउस
- मार्च में ही करीब 7 लाख रुपए रिनोवेशन पर खर्च किए थे। इसके अलावा कारीगर आदि को भी एडवांस दे चुके हैं। लेकिन पूरा इवेंस्टमेंट डूब गया। सारी बुकिंग लगभग कैंसिल हो चुकी है।
अनिल कुमार सोनकर, ओनर
हरि डीजे एंड लाइट हाउस
- बुकिंग जो कैंसिल हुई, उसके अलावा रिनोवेशन पर भी लंबा खर्च हुआ। साथ ही गोदाम का किराया, मिस्त्री का खर्च, कारीगर का खर्च आदि अलग है। ये सारे खर्च पहले की तरह ही बने हुए हैं। समझ नहीं आ रहा है कि कैसे सब मेंटेन किया जाए।
शैलेन्द्र, ओनर
देलही डीजे
- हर तरह की दिक्कत उठानी पड़ रही है। लाइटों की मरम्मत में काफी पूंजी लगा दी। लेबर को दिया गया एडवांस वापस नहीं ले सकते। जो बुकिंग का एडवांस मिला उसे भी वापस करना पड़ा।
आकाश पाल, ओनर
आकाश डीजे