प्रयागराज ब्यूरो । तेज फीवर, बदन दर्द, उल्टी, जी मिचलाना, कमजोरी और प्लेटलेट्स कम होना। इतने लक्षण होने के बावजूद मरीज की एलाइजा जांच में डेंगू की पुष्टि नही हो रही है। हालांकि यह सच है। वर्तमान में तेजी से फैल रहे वायरल फीवर में मरीज के ब्लड से प्लेटलेट तेजी से कम हो रही है। ऐसे मरीज भी भ्रमित हो रहा है। डॉक्टर्स का कहना है कि ऐसे में घबराने की जरूरत नही है, क्योंकि बुखार कम हो जाने पर तेजी से प्लेटलेट्स में इजाफा भी हो जाता है।
हर साल खुद को बदलता है वायरस
डॉक्टर्स की माने तो हर साल इस सीजन में वायरल इंफेक्शन तेजी से फैलता है। इनको फैलाने वाले वायरस भी खुद को हर साल तेजी से बदलते हैं। यही कारण है कि इस बार जो बुखार के मरीज आ रहे हैं उनमें डेंगू नही होने के बावजूद प्लेटलेट की संख्या में कमी देखी जा रही है। यह चिंता की बात भी है। शुरुआती जांच और समय पर इलाज नही कराने पर मरीज की हालत गंभीर भी हो सकती है।
24 से 25 सस्पेक्टेड केस रोजाना
जैसे जैसे ऊमस बढ़ रही है बुखार के केसेज भी बढ़ रहे हैं। इस समय रोजाना 24 से 25 ऐसे केस आ रहे है जिनको डेंगू की श्रेणी मे रखकर उसी तरह का इलाज किया जा रहा है। इन केसेज को अस्पतालों की ओर से सरकारी पोर्टल पर भी दर्ज किया जा रहा है। इन मरीजों की प्लेटलेट्स काउंट भी कम हो रहा है। खुद मलेरिया विभाग इन मरीजों की मानीटरिंग कर रहा है। पिछले साल डेंगू के सस्पेक्टेड केसेज की संख्या 65 से अधिक हो गई थी।
दस में एक केस डेंगू का
वर्तमान में एमएलएन मेडिकल कॉलेज की लैब में डेंगू पुष्टि वाले केसेज की संख्या दस फीसदी पहुंच चुकी है। अगर रोजाना दस सैंपल टेस्ट हो रहे हैं तो एक में डेंगू की पुष्टि हो रही है। लास्ट ईयर यह रेशियो 35 फीसदी तक पहुंच गया था। डॉक्टर्स का कहना है कि अभी डेंगू के केसेज में बढोतरी होना संभव है। क्योंकि बारिश बंद हो गई और उससे हुए जलभराव में डेंगू के लार्वा पनपने शुरू हो गए हैं।
पीक पर पहुंच रहा डेंगू
इस बीच डेंगू धीरे धीरे अपने पीक पर पहुंच रहा है। इस सीजन में सर्वाधिक एक दिन में छह केस गुरुवार को मिले हैं। इसके पहले बुधवार को पांच मामले सामने आए थे। पाए गए मरीजों में दो फीमेल और चार मेल हैं। यह सभी कीडगंज, नैनी, धूमनगंज, राजापुर, कालिंदीपुरम और सलोरी में मिले हैं। आंकड़ों के मुताबिक अब तक जिले में टोटल डेंगू केसेज 80 हो चुके हैं और इसमें से 60 मामले शहर के हैं। पांच मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बुखार के मामले बढ़ रहे हैं। जांच में प्लेटलेट्स भी कम आ रही हैं। ऐसे मरीजों को सस्पेक्टेड माना जा रहा है। डेंगू की गाइड लाइन के अनुसार इलाज भी अस्पतालों में किए जा रहे हैं। अगर मरीज जल्द ठीक नही होता तो फिर एलाइजा जांच कराई जाती है।
आनंद सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी प्रयागराज