प्रयागराज (ब्‍यूरो)। हत्या के बाद तालाब में फेंकी गई 12 वर्षीय मोनू की बॉडी का मंगलवार को पोस्टमार्टम हुआ। उसके शरीर के धारदार हथियार के कई जख्म बताए जा रहे हैं। कत्ल की तहरीर उसके चाचा या चचेरे भाई की जगह चचेरे भाई की पत्नी रेखा द्वारा दी गई है। हत्या का आरोप उसी की बड़ी बहन सोनू व उसके कथित प्रेमी पर लगाए गए हैं। इस पूरे मामले को लेकर अब लोगों के बीच तरह तरह के सवाल उठने लगे हैं। लोगों का मानना है कि इस घटना में जो कहानी बताई जा रही उसकी निष्पक्षता से जांच की जरूरत है। क्योंकि दोनों ही बहनें नाबालिग हैं और उनके नाम करीब दो बीघा बेशकीमती जमीन भी है। ऐसे में बताई जा रही कहानी हकीकत से दूर भी हो सकती है।

कहानी में कई झोल मान रहे हैं लोग
खीरी थाना क्षेत्र के कैथवल गांव निवासी जिस 12 वर्षीय मोनू की हत्या हुई है वह सिर्फ दो बहने ही हैं। बड़ी बहन सोनू और मोनू अपने पिता और मां की मौत के बाद चाचा व दादा के संरक्षण में रहा करती थी। पिता और मां की मौत के बाद एक-एक बीघा जमीन दोनों बेटियों के नाम आ गई। उनके खाते में करीब दो-दो लाख रुपये भी हैं। मोनू की के मामले में उसकी चचेरी भाई द्वारा जो तहरीर दी गई है उसमें बड़ी बहन सोनू व उसके प्रेमी पर ही कत्ल के आरोप लगाए गए हैं। दोनों आरोपितों को पुलिस पकड़ ले गई। लोगों का कहना है कि इस तरह दोनों बेटियों का परिवार पूरी तरह समाप्त हो गया। उसकी भाभी के आरोप हैं कि सोनू से उसका आशिक राम कैलाश मिला करता था। इस बात का मोनू विरोध करती थी। इसी लिए सोनू प्रेमी संग मिलकर उसकी हत्या कर दी। प्रश्न उठता है कि यदि उसे मालूम था कि सोनू प्रेमी से मिलती है और मोनू विरोध करती है तो खुद रेखा भतीजी के लिए उसके प्रेमी का विरोध क्यों नहीं की। यदि ऐसा वे खुद नहीं कर सकी तो बात पति या ससुर अथवा किसी और को बताने की जरूरत क्यों नहीं समझी। अगर उसके प्रेमी बात सब को मालूम थी तो चाचा या परिवार के दूसरे लोग मोनू की मदद में आगे क्यों नहीं आए। घटना के वक्त कहा गया था कि दोनों बहने घर पर ही रहा करती थीं। मतलब वह बाहर नहीं जाती थीं। फिर दूसरे गांव का रहने वाला सोनू का कथित प्रेमी उस तक कैसे पहुंचता था? तहरीर देने वाली रेखा के पति या उसके ससुर ने तहरीर क्यों नहीं दी? पुलिस इतनी आसानी से इस ब्लाइंड मर्डर केस में उस तहरीर देने वाली महिला की बात पर यकीन कैसे कर ली? यह तमाम सवाल ऐसे हैं जिसे लेकर लोग पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठा रहे हैं।

पुलिस की भूमिका पर भी उठ रहे सवाल
लोगों का कहना है कि मोनू और सोनू दोनों नाबालिग हैं। बहन मोनू की हत्या के बाद बिन मां बाप की नाबालिग सोनू के दिमाग पर गहरा असर पड़ा होगा। कहा जा रहा है कि हो सकता है उसे भी किसी ने कत्ल की बात न स्वीकारने में हत्या की धमकी दी हो। बहन के खून से सहमी सोनू मिली धमकी के चलते सब कुछ कबूल कर ली हो। जिस युवक को उसका कथित प्रेमी बताया जा रहा हो सकता है कि वह भी इस घटना में नहीं रहा हो और युवतियों के मां बाप थे नहीं वह मददगार रहा हो। पूरी घटना में कई सवाल ऐसे हैं जिनका जवाब लोग दिन भर टटोलने की कोशिश करते रहे। सबसे बड़ा प्रश्न है कि आखिर पुलिस इतनी आसानी से लोगों की नजर में गढ़ी गई स्क्रिप्ट पर भरोसा कैसे कर ली?

कत्ल के आरोप उसकी बड़ी बहन व प्रेमी पर लगाए गए हैं। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पोस्टमार्टम के बाद मोनू की बॉडी उसके चाचा व अन्य परिजनों को सौंप दी गई है।
संतोष कुमार मीना एडीसीपी यमुनानगर