प्रयागराज (ब्यूरो)।केंद्र सरकार अगर सट्टे वाले गेम बंद भी कर देगी तो इनके यूजर को कोई फर्क नही पडऩे जा रहा है। वह वेबसाइट के जरिए इन गेम्स को फिर से खेल लेंगे। उन्होंने अभी से इसका तोड़ भी तलाशना शुरू कर दिया है। हालांकि सरकार ने अभी यह पक्का नही किया है कि कौन सा गेम वह बैन करने जा रही है। लेकिन माना जा रहा है कि वह सभी गेम बंद हो जाएंगे, जिनको खेलने में यूजर्स के रोजाना कई घंटे बर्बाद हो जाते हैं।
इन गेम्स पर लटकी तलवार
यूजर्स का कहना है कि वर्तमान में कई इंटरनेशनल गेम ऐसे हैं जिन्हे खेलने में लोगों के रोजाना कई घंटे बर्बाद हो जाते हैं। इनमे जरिए वह पैसा कमाते भी हैं और उनकी बर्बादी भी करते हैं। अब सरकार का कहना है कि सट्टेबाजी, उपयोग कर्ता को नुकसान पहुंचाने और लत लगने की संभावना वाले गेम बैन किए जाएंगे। तो इसकी जद में पबजी, कॉल आफ ड्यूटी, काउंटर स्ट्राइक, फ्री फायर, फोर्ट नाइट, एपेक्स मोबाइल गेम आ जाएंगे। यही इंटरनेशनल गेम हैं और काफी लोकप्रिय हैं। फिलहाल इन पर तलवार लटकती नजर आ रही है।
वीपीएन के थ्रू पूरी होगी लत
गेम खेलने वालों का कहना है कि अगर सरकार किसी गेम को बैन भी करती है तो इसका कोई अधिक फर्क नही पड़ेगा। वह वीपीएन वेबसाइट के जरिए गेम को किसी दूसरी कंट्री से डाउनलोड करके आसानी से खेल लेंगे। हालांकि वीपीएन एक पोर्न साइट है और उस पर सभी बैन गेम आसानी से उपलब्ध हैं। पूर्व में चाइना के पबजी को बैन किया गया था, तब भी लतियों ने वीपीएन के थ्रू इसे खेलना जारी रखा था।
आठ-आठ घंटे खेलते हैं गेम
बता दें कि पबजी को बनाने वाली कंपनी का नाम ब्लूहोल है। जो की दक्षिण कोरिया की कम्पनी है। फ्री-फायर बनाने वाली कम्पनी का नाम गरेना है। जो की सिंगापुर की कम्पनी है। इनके खेलने वालों की संख्या करोडों मे है। प्रयागराज जैसे शहर में लाखों की संख्या में लोग इन गेम्स पर रोजाना आठ आठ घंटे बर्बाद करते हैं। कुछ लोग बकायदा हर महीने हजारों कमा रहे हैं तो एक संख्या ऐसी भी लतियों की है जो केवल गेम वेपन खरीदने में जेब से पैसे लगा देते हैं।
कैसे खेले जाते हैं गेम्स
- यह सारे आनलाइन गेम टास्क बेस्ड होते है।
-इन गेमों को ग्रुप बनाकर के खेला जाता है।
- कम से कम एक और अधिक से अधिक चार लोग खेल सक ते है। गेम की भाषा मे जिसे स्क्वाड कहते है।
- इन्हे खेलने के लिए इंटरनेट की आवश्यकता होती है।
वर्जन-
- मुझे पब-जी खेलने मे मजा आता है। गेम का नाम पब-जी से बदल कर,बैटल फील्ड इंडिया रख दिया गया है। हालांकि कुछ वेबसाइट है जिनके जरिए इन गेम्स को बैन होने के बाद भी खेला जा सकता है। लोगों को इसकी जानकारी भी है।
- भानु प्रताप चौधरी, आईआईटी स्टूडेंट
यूजर्स लालच में आकर यह गेम खेलते हैं। इनके जरिए पैसे जीते जाते हैं। हारने के बाद फिर से खेलने का मन करता है। यही कारण है कि लत लगने लगती है। जिनको खेलना है वह किसी न किसी तरीके से अपना शौक जारी रखेंगे।
अनुभव गुप्ता
साइबर सिक्योरिटी इंजीनियर
टाइम पास के लिए खेलते है। इसमे कोई फायदा नहीं है। इन्हेें इस खेल का एडिक्शन सा हो गया है। नहीें खेलते है तो बेचैनी सी महसूस होती है। अगर बैन होता है तो कोई न कोई तरीका निकाला जाएगा।
आकाश केसरवानी, स्टूडेंट