प्रयागराज ब्यूरो ।मुट्ठीगंज के रहने वाले शेखर को पांच दिन से बुखार था। दवा खाने के बाद बुखार उतर रहा था और बाद में पुन: वापस आ रहा था। इससे वह परेशान हो गए हैं। डॉक्टर ने उन्हें डेंगू की जांच कराने को कहा, लेकिन जांच में पुष्टि नही हुइ्र। इससे उनका सिरदर्द बढ़ गया। तीन दिन बाद फिर जांच कराई तो टाइफाइड की पुष्टि हो गई। तब जाकर सही दिशा में इलाज होने से उनकी सेहत सुधरने लगी। हालांकि यह किस्सा केवल शेखर का नही है। तमाम बीमारियों के फैलने की वजह से हजारों लोग इस गफलत का शिकार हो रहे हैं।
नंबर वन पर चल रहा मौसम बुखार
वर्तमान में अस्पतालों में रोजाना 40 फीसदी मरीज बुखार के आ रहे हैं और इसमें से एक तिहाई मौसमी बुखार के हैं। पांच से सात दिन में इस बीमारी के लक्षण जाते हैं। तब मरीज को कई तरह की परेशानी से गुजरना पड़ता है। हालांकि मौसमी बुखार में मरीज अपने आप भी ठीक हो जाता है लेकिन तब तक उसे काफी परेशान होती है।
लक्षण
- तेज बुखार
- कमजोरी
- शरीर में दर्द
- पेशाब में जलन
- मांसपेशियों में दर्द
नंबर दो पर है टाइफाइड
गंदे खानपान की वजह से इस सीजन में टाइफाइड भी तेजी से फैल रहा है। इसके मरीजों की संख्या भी एक तिहाई के आसपास है। यह छुआछृत से फैलता है। गंदे पानी का सेवन भी एक बड़ा कारण है। टाइफाइड के जीवाणु के शरीर में जाने के एक से तीन सप्ताह बाद इसके लक्षण सामने आते हैं। चार में से एक मरीज की टाइफाइड से मौत हो जाती है।
लक्षण
- सिरदर्द
- कमजोरी
- मांसपेशियों में दर्द
- भूख नही लगना
- पेट में सूजन और दर्द
- पसीना आना
तीसरे नंबर पर है डेंगू
इस समय मौसमी बुखार और टाइफाइड के बाद तीसरा नंबर डेंगू का है। अब तक जिले में इसके मरीजों की संख्या 96 पहुंच चुकी है। जल्द ही यह शतक लगा देगा। इसके फैलने का मेन कारण मच्छरों की तादाद बढ़ जाना है। नगर निगम द्वारा साफ सफाई में ढिलाई बरतने की वजह से डेंगू तेजी से फैल रहा है। घर में कहीं भी ठहरे हुए पानी में डेंगू के लार्वा आसानी से पनप जाते हैं।
लक्षण
- तेज बुखार
- सिर में दर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- कमजोरी और थकान
- ब्लीडिंग शुरू हो जाना
- मरीज का बेहोशी में चले जाना
रफ्तार पकड़ रहा चिकनगुनिया
सबसे अंत में चिकन गुनिया का नंबर आता है। इसके लक्षण से मिलते जुलते मरीज तेजी से सामने आ रहे हैं। खासकर हड्डी तोड़ बुखार इसी बीमारी में आता है, जो आजकल तेजी से फैल रहा है। डॉक्टर्स का कहना है कि इस बीमारी के गंभीर मरीज और मौत काफी कम देखने में आते हैं। लक्षणों की वजह से मरीज को झेलना पड़ जाता है।
लक्षण
- बुखार
- जोड़ों में तेज दर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- सिरदर्द
- मतली
- थकान
- शरीर में दाने
कन्फ्यूजन में हैं लोग
इन चार तरह की बीमारियों के फैलने के बावजूद इनके लक्षण एक जैसे होने से लोग काफी कन्फ्यूज हैं। क्योंकि डेंगू में एंटी बायटिक बिना डॉक्टर की सलाह के लेने से प्लेटलेट की संख्या गिरने लगती हैं। यह गंभीर मामला हो जाता है। दूसरी ओर टाइफाइड का बुखार एंटी बायटिक लेने से ही ठीक हो जाता है। ऐसे में अनजाने में लोग कैसा इलाज लें यह तय करना मुश्किल है। डॉक्टर को भी रोग को समझने और जांच कराने में तीन से चार दिन का समय लग रहा है। जिससे मरीज देरी से ठीक हो रहे हैं और उनकी तादार बढ़ रही है.र्जडेंगू के गुरुवार को पांच नए मरीज सामने आए हैं। यह सिविल लाइंस, शांितपुरम, कालिदंीपुरम, बैरहना के हैं। हालांकि अभी तक किसी की मौत नही हुई है। पांच मरीजों का अस्पताल और तीन मरीजों का घर पर इलाज चल रहा है।
आनंद सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी प्रयागराज
इस समय चार तरह के बुखार फैले हुए हैं। सभी के लक्षण लगभग एक जैसे हैं। इसकी वजह से डॉक्टर्स को भी सोच समझकर दवा देना पड़ रहा है। मरीज भी परेशान हैं। जांच पर अधिक जोर दिया जा रहा है। पुष्टि होने के बाद उचित इलाज किया जा रहा है।
डॉ। मंंसूर, फिजीशियन, बेली अस्पताल प्रयागराज