प्रयागराज (ब्यूरो)। बोर्ड एग्जाम के नाम से ही स्टूडेंट़स को डर लगता है। जिनका हाई स्कूल का एग्जाम है उनका पहली बार है और जिनका इंटर का एग्जाम है उनको दूसरी बार बोर्ड एग्जाम को देना है। लेकिन, डर की सीमा कम नही होती है। उनको समझ ही नहीं आता है कि क्या करना है। उनका प्रेशर सामने आ जाता है। उनके डर से माता पिता और रिश्तेदार भी परेशान होते हैं। समय रहते इस प्रेशर को कम नहीं किया जाए तो परीक्षा में फेल होने का डर सताने लगता है। इस समय बोर्ड एग्जाम देने वाले 60 फीसदी स्टूडेंट इस समस्या का सामना कर रहे हैं। उनको समझ नहीं आ रहा है कि इस दबाव को कैसे झेल सकते हैं। बोर्ड परीक्षा को लेकर टेंशन में जी रहे छात्रों और उनके अभिभावकों को इससे बाहर निकालने के लिए ही दैनिक जागरण आई नेक्स्ट मनोवैज्ञानिक और मनोचिकित्सक के साथ मिलकर यह कैंपेन शुरू की है। उनसे आने वाली समस्याओं को हम इस प्लेटफॉर्म पर साल्यूशन भी देते हैं। आज पहुंचे सवालों का निष्कर्ष था कि टेंशन हावी होने लगी है। मनोवैज्ञानिक डॉ। कमलेश तिवारी ने गाइड किया कि इस हाल में करें क्या
सवाल- मुझे हाईस्कूल का पेपर देना है। काफी डर लग रहा है। समझ नही आ रहा है कि प्रेशर का सामना कैसे किया जाए?
शशांक, तेलियरगंज
जवाब- जीवन स्वयं एक परीक्षा है। जो निरंतर चलती रहती है। जीवन के प्रत्येक एग्जाम में हम पास होते हैं। फिर बोर्ड एग्जाम से कैसा डरना। आप निश्चिंत होकर तैयारी कीजिए। कही कोई समस्या होगी तो सामना करने के लिए तैयार रहिये। सेल्फ कांफीडेंट रहेंगे तो समाधान मिल जाएगा। लोग क्या कहते हैं ये मैटर नहीं करता। हम क्या सोचते हैं यह बड़ी बात है। बस आप मन लगाकर पढ़ते रहिए। कर्म करिए। फल की चिंता भगवान पर छोड़ दीजिए।
सवाल- जब भी कोई सवाल हल करता हूं तो लगता है कि इसका जवाब गलत न हो जाए। इस चक्कर में जो याद रहता है वह भी भूल जाता हूं। इससे छुटकारा कैसे पाया जा सकता है?
संघर्ष त्यागी, धूमनगंज
जवाब- हर सवाल पहली बार में ही समझ में आ जाए, यह ह्यूमन विहैबियर से जुड़ा है। सबको समझ में नहीं आता है। कई बार प्रेशर में भूल जाते हैं कि जवाब क्या होगा। यह बिल्कुल फैक्ट है कि हमें उसका जवाब पता होता है। प्रेशर से निकलने के लिए पहले उस सवाल को साल्व कीजिए तो आपको आता है। इससे आपका सेल्फ कांफीडेंस बढ़ेगा। इसके बाद वह सवाल भी समझ में आने लगेगा जिसका जवाब आपको नहीं आता है। बिना कुछ सोचे समझे अपनी याददाश्त पर भरोसा करिए। बस इसी से आपका रास्ता साफ होता चला जाएगा।
सवाल- मैं काफी देर रात तक पढ़ता हूं। इसकी वजह से नींद पूरी नही हो पाती है। भूख कम लगने लगी है और आंखों के आसपास काला घेरा बन जाता है। क्या करना होगा?
राहुल केसरवानी, सोरांव
जवाब- पहली बात तो आप देर रात तक मत पढि़ए। इससे आपका बाडी क्लाक डिस्टर्ब हो जाएगा। जो सोने का समय है उसे उसमें ही खर्च करिए। एक घंटा कम सोइए लेकिन इसका यह मतलब नही कि पूरी रात आप पढ़ते रहिए। सोना भी जरूरी है। ऐसा नही करने से आपका मेटोबोलिज्म सिस्टम खराब हो जाएगा। इससे अपच और अनिद्रा जैसी समस्या होने लगेगी। यह भी जान लीजिए कि एक अस्वस्थ व्यक्ति परीक्षा ठीक से नही दे सकता है।
सवाल- मैं पढऩे में बहुत अच्छा नहीं हूं। इससे लोग तरह तरह की बातें करते हैं। इससे मेरा मनोबल टूटता है। मैं इस स्थिति से बाहर कैसे निकलूं?
प्रतीक गुप्ता, झूंसी
जवाब- लोगों का काम कुछ न कुछ कहते रहना है। सोसायटी में ऐसे बहुत से लोग हैं जो दूसरों की समस्या को मजाक बनाते हैं या उस पर ध्यान ही देते हैं। आप अपने लक्ष्य पर नजर रखिए। अगर आप पढऩे में बेहतर नही है तो इसमें आपकी कोई गलती नही है। जमकर मेहनत करें और सही तरीके से पढ़ाई करें तो रिजल्ट को बेहतर बना सकते हैं। ऐसी विपरीत परिस्थ्िितयां व्यक्ति को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का मौका देती हैं। बस आप अपना कांफीडेंस बनाए रखें और लोग क्या कह रहे हैं इस पर कुछ भी सोचने से बचें।