प्रयागराज ब्यूरो । हर साल दिसंबर के महीने में मरीजों की संख्या कम हो जाती है। कारण मौसम में ठंड का बढऩा होता है। लेकिन इस बार तापमान के लगातार कम और ज्यादा होने से बच्चों के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम हो रही है। जिससे मौसमी बीमारियां उन्हें आसानी से अपना शिकार बना रही है। वर्तमान में चार सौ से अधिक मरीज ओपीडी में पहुंच रहे हैं। इनमें 40 फीसदी मरीज जुकाम, बुखार, खांसी और निमोनिया आदि के हैं।
इनके लिए घातक है सिचुएशन
यह मौसम पांच साल तक के बच्चों के लिए वाकई खतरनाक साबित हो सकता है। इससे बचाव के लिए मासूमों को एक समान तापमान में रखने की जरूरत है। उन्हें एक्सपोजर से बचाना होगा। अगर लापरवाही बरती तो अस्पताल पहुंचना तय है। डॉक्टर्स का कहना है कि जब तक मौसम स्थिर नही हो जाता। बच्चों का विशेष ख्याल रखना होगा।
मौसम का अप डाउन
दिन अधिकतम न्यूनतम (तापमान)
9 दिसंबर 27.2 10
10 दिसंबर 27.5 10
11 दिसंबर 27.7 11
12 दिसंबर 30.2 11.8
13 दिसंबर 30.2 13.8
14 दिसंबर 28.8 12.4
15 दिसंबर 26.3 10.4
कम होने के बजाय बढ़ रहा तापमान
आमतौर पर दिसंबर में तापमान गिरता है लेकिन इस साल उल्टा हो रहा है। माह के शुरुआती सप्ताह में तापमान कम हुआ और फिर दूसरे सप्ताह में अचानक फिर अधिक हो गया। 14 दिसंबर से एक बार फिर तापमान कम हो रहा है, लेकिन इस समय अधिकतम तापमान का 30 डिग्री के आसपास होना वाकई चिंता की बात है। इस बॉडी की बायलाजिकल क्लाक डिस्टर्ब हो रही है, जिसके रिएक्शन बीमारियों के रूप में नजर आने लगे हैं।
बचाव के तरीके
- बच्चों केा हमेशा गर्म कपड़ों में रखें। मौसम के झांसे में न आएं।
- रात में पंखा चलाकर कतई न सोएं।
- बंद कमरे में बच्चों को नहलाएं।
- खुले में उनकी मालिश करने से बचें।
- अधिक से अधिक मां का दूध पिलाना जरूरी।
- किसी बीमार व्यक्ति की गोद में बच्चों को न जाने दें।