उमस से बढ़ी उल्टी-दस्त के मरीजों की संख्या, एक बेड पर तीन-तीन मरीज सुलाने की नौबत

42 डिग्री सेल्सियस रहा रविवार को अधिकतम तापमान

40 डग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था शनिवार को अधिकतम तापमान

50 प्रतिशत तक मरीज केवल उल्टी-दस्त के शिकार होकर आ रहे हॉस्पिटल

20 प्रतिशत मरीज तेज बुखार से पीडि़त होकर पहुंच रहे हॉस्पिटल

ALLAHABAD: मौसम की तल्खी मासूमों की सेहत पर भारी पड़ रही है। उनके सिर पर उल्टी-दस्त, डायरिया और बुखार का खतरा मंडरा रहा है। फिलहाल, शहर के तमाम सरकारी हॉस्पिटल्स के वार्ड ऐसे मरीजों से भरे पड़े हैं। हाल ये है कि एक बेड पर तीन-तीन मरीजों को सुलाया जा रहा है। उनका कहना है कि जैसे-जैसे ह्यूमिडिटी बढ़ रही है, बच्चों की सेहत पर खतरा बढ़ता जा रहा है।

ओपीडी से वार्ड तक हाउसफुल

गर्मी और उमस से भरा यह मौसम बच्चों पर कहर बनकर टूट रहा है। मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी होने से हॉस्पिटल्स की ओपीडी से लेकर वार्ड तक हाउसफुल हो चुके हैं। सौ बेड की क्षमता वाले चिल्ड्रेन हॉस्पिटल की इमरजेंसी में एक बेड पर दो से तीन मरीज भर्ती करने की नौबत आ गई है। हॉस्पिटल प्रशासन का कहना है कि मजबूरी के चलते ऐसा करना पड़ रहा है। मरीजों को वापस नहीं किया जा सकता, उनको भर्ती करना मजबूरी है। ऐसे में एक बेड पर मरीजों की संख्या बढ़ जाती है।

जान का दुश्मन बना इंफेक्शन

भीषण गर्मी में इंफेक्शन बच्चों की जान का दुश्मन बना हुआ है। खानपान में जरा सी लापरवाही होने पर बच्चों को उल्टी-दस्त शुरू हो जाती है और देखते ही देखते गंभीर होने पर उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ता है। जानकारी के मुताबिक ओपीडी में 40 से 50 फीसदी मरीज उल्टी-दस्त और डायरिया के आ रहे हैं। इसके अलावा 15 से 20 फीसदी मरीज तेज बुखार के भी हैं। लू लगने से बच्चे तेज बुखार की चपेट में आ रहे हैं।

ऐसे होगा बचाव

पांच साल तक के बच्चों को छह माह तक केवल मां का दूध दें

बाजार में बिकने वाला लूज वाटर या खानपान की चीजों को अवायड करें

बार-बार दस्त होने पर डॉक्टर को दिखाएं

बच्चे को नमक-चीनी या ओआरएस का घोल लगातार दें

बासी या तेल मसाले में बना खाना खाने से बचने का प्रयास करें

बच्चों को हर हाल में डायरिया से बचाव का टीका लगवाएं

ये हैं लक्षण

बार-बार दस्त और उल्टी, चिड़चिड़ापन, कमजोरी, तेज बुखार और बच्चे का लगातार रोना

तापमान के साथ बढ़ी उमस

रविवार को तापमान के साथ उमस बढ़ने से मरीजों की संख्या में भी खासा इजाफा हुआ। सरकारी हॉस्पिटल्स की ओपीडी में और दिनों के मुकाबले दस से बीस फीसदी मरीज अधिक थे। रविवार को अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज किया गया, जबकि शनिवार को यह 40 डिग्री के आसपास था। इसके साथ ही उमस में भी इजाफा हुआ। आसमान में छाए बादलों की मौजूदगी भी गर्मी से राहत नहीं दिला सकी। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि आने वाले दिनों में उमस में तेजी बनी रहेगी। तापमान में थेाड़ा-बहुत उतार-चढ़ाव रहेगा। ऐसे में बच्चों की सेहत को लेकर होशियार रहने की जरूरत है।

यह मौसम बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। परिजनों को चाहिए कि वे बच्चों को लेकर एलर्ट रहें। धूप में लेकर नहीं निकलें और खानपान को लेकर भी सतर्क रहें। नवजात को मां का दूध ही दिया जाए।

डॉ। मनीष चौरसिया, चाइल्ड स्पेशलिस्ट

बच्चा बार-बार दस्त कर रहा है तो उसे पानी के साथ ओआरएस का घोल जरूर दें। साथ ही डॉक्टर से भी संपर्क करें। लापरवाही कतई नहीं बरतें। शुरुआत में सावधानी बरतने से बच्चा जल्दी स्वस्थ हो जाता है।

डॉ। शैलेंद्र कुशवाहा, चाइल्ड स्पेशलिस्ट