प्रयागराज (ब्यूरो)।सेना के डिपो और वर्कशाप के कई कार्य निजी संस्थाओं के हवाले किए जा रहे हैं। साथ ही आउटसोर्सिंग को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। आल इंडिया डिफेंस इम्पलाइज फेडेरेशन (एआइडीएफ) इसका विरोध करेगा। प्रयागराज आए एआइडीएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंद मजदूर सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एसएन पाठक ने कहा कि निजीकरण और आउटसोर्सिंग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने के सेना के अफसरों से मुलाकात की और कर्मचारियों का मांग पत्र सौंपा।
रद हो आर्डिनेंस डिपो का प्राइवेटाइजेशन
उन्होंने बताया कि संगठन की छह प्रमुख मांगे हैं। बताया कि देशभर की 42 आर्डिनेंस डिपों का निजीकरण रद किया जाय। डिपो के सभी कर्मियों को केंद्र सरकार कर्मचारी का दर्जा दिया जाय। डिपो को मर्जर करने की प्रक्रिया चल रही है, इसे रोका जाय। आर्मी बेस वर्कशाप को गवर्नमेंट ओंड कंट्रैक्टर आपरेटेड (गोको) माडल पर संचालित न किया जाय। ऐसा प्रयोग जबलपुर में किया गया, जो सफल नहीं रहा। कहा कि सभी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन दी जाय। वह नई पेंशन का लगातार विरोध कर रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों ने केंद्र सरकार ने तीन लाख पदों को खत्म कर दिया है, उसे बहाल किया जाय। मृतक आश्रितों को 2012 से नौकरी नहीं दी गई। मृतक आश्रितों को नौकरी दी जाय। वह ओडी फोर्ट के कर्नल से मिले। साथ ही 508 वर्कशाप भी गए। इसके अलावा रेलवे के कर्मचारी नेताओं से मुलाकात की। इस मौके पर उनके साथ वायु सेना के स्टाफ साइड लीडर वीरेंद्र कुमार निषाद, आर्मी हेड काउंसिल के सदस्य जितेंद कुमार यादव, आयुध भंडार प्रयागराज के कर्मचारी नेता योगेश चंद यादव आदि थे।