- नीवां, सैनिक कॉलोनी की सड़कों पर जलभराव से लोगों को परेशानी

- घर से बाहर नहीं निकल पा रहे लोग

PRAYAGRAJ: पिछले कई दिनों से रूक-रूक कर हो रही बारिश से शहर के कई इलाकों की सड़कें व गलियां लबालब हो गई हैं। जलभराव होने से वह घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। शहर के उमरपुर नीवा, मधुबन बिहार और सैनिक कॉलोनी के निवासियों को फजीहत झेलनी पड़ रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार नगर निगम से लेकर डीएम, कमिश्नर ऑफिस में जलभराव से निजात दिलाने के लिए आवेदन दिया है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जलभराव के कारण करीब बीस हजार लोगों को परेशानी हो रही है।

वाट्सएप गु्रप पर बयां किया दर्द

शहर के उमरपुर नीवां,मधुबन बिहार और सैनिक कॉलोनी के लोगों ने इस तकलीफ को व्यापार मंडल, पार्षद एवं आम पब्लिक द्वारा बनाये गए वाट्सएप गु्रप पर दर्द को साझा किया। मैसेज कर बताया कि इलाके में समस्या का समाधान करने पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। जलभराव के कारण हालत बिगड़ते जा रहेंहै। सबसे ज्यादा बुरा हाल नीवा स्थित मंजू चंद्र गैस एजेंसी रोड का है। इस सड़क पर पानी भर गया। बारिश की वजह से कमजोर पड़ी सड़कों के बीच नए-नए गढ्डे उभरकर सामने आ रहे हैं। इसमे आए दिन लोग गिरकर घायल हो रहे हैं। यही नहीं इसके चलते लोग लंबा रास्ता यादवपुर और कंधईपुर को अपना रहे हैं।

बच्चे घर से निकलते हैं तो हमेशा डर बना रहता है। किसी तरह से बच्चे सुरक्षित घर वापस आ जाएं। क्योंकि रोजाना कोई न कोई इस सड़क पर गिरकर घायल होते रहते हैं। पिछले एक हफ्ते में कई लोग गिरकर घायल हो गए हैं। सड़कों पर पानी भर जाने के कारण रोड ही नहीं दिखाई पड़ती है।

नंदी नेगी

जलभराव के चलते सड़क और गढ्डे सब बराबर है। कई बार शिकायत के बावजूद जलनिकासी के लिए कोई ठोस इंतजाम नहीं किया गया। इसके चलते स्थानीय लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है.मजबूरी में लंबा रास्ता अपनाना पड़ता है। आरडी कांडपाल

बाइक लेकर मेरा दोस्त कुछ दिन पहले जा रहा था। गढ्डे में गिर गया। पैर फैक्चर हो गया। यहां कई दिनों से पानी भरा हुआ है। सड़कों का पानी निकलने का कोई रास्ता नहीं है। मजबूरी में रिस्क लेकर इन खतरों भरे रास्ता से गुजरना पड़ता है। कुछ लोग तो पानी देखकर घर से नहीं निकलते हैं।

- मनीष यादव

वोट लेने के समय पर सिर्फ नेता इन सड़कों पर दिखाई पड़ते है। इसके बाद तो कोई पूछने तक नहीं आता है। हर बार सड़क बनाने अश्वासन मिलता है। लेकिन यह अश्वासन भी हर बार अधूरा रह जाता है। बीस हजार से अधिक आबादी वाले क्षेत्र में इस तरह की समस्या है।

रघुराज सिंह, स्थानीय

इन सड़कों का पानी न निकलने से संक्रामक रोग फैलने का डर है। कोई छिड़काव तक नहीं होता है। सबसे ज्यादा दिक्कत इन एरिया में रहने वाली महिलाओं को होती है। सब्जी समेत अन्य जरूरी कामों के लिए उन्हें इसी पानी से होकर गुजरना पड़ता है। वहीं जलभराव होने के चलते यहां ठेले वाले भी नहीं आते हैं।

शुभम साहू, स्थानीय