5327 कर्मचारियों को दूसरे विभागों में समायोजित करने पर गरजे
-छह माह से वेतन और पेंशन न मिलने के खिलाफ कर रहे प्रदर्शन
छह माह से वेतन और पेंशन न दिये जाने और 5327 कर्मचारियों को दूसरे विभागों में समायोजित करने की मंशा के खिलाफ जलनिगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने मंगलवार को मुख्य अभियंता कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन और सभा करने के बाद रैली निकालते हुये सुभाष चौराहे पहुंचे, जहां कर्मचारियों चम्मच से थाली बजाकर अपना विरोध दर्ज कराया।
तीस दिनों से आंदोलनरत है कर्मचारी
बता दें कि सिविल लाइंस स्थित मुख्य अभियंता कार्यालय पर पिछले करीब तीस दिनों से जलनिगम कर्मचारी आंदोलित हैं। इसी क्रम में मंगलवार को वक्ताओं ने कहा कि उत्तर प्रदेश जल निगम प्रशासन द्वारा 6 मार्च से अधिकारियों और कर्मचारियों का वेतन एवं पेंशन न दिए जाने से परिवार को हो रही समस्या को लेकर के भरण-पोषण की दुखद वेदना से तरस होकर पूरे प्रदेश के समस्त जिला उत्तर प्रदेश जल निगम के कार्यालय में महीनों से धरना चलाया जा रहा है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश जल निगम में उत्तर प्रदेश जल निगम में कार्यरत निमित्त फील्ड 5327 कर्मचारियों को सर प्लस दिखाते हुए दूसरे विभागों में समायोजित करने के लिये गलत सूचना संकलित कर एवं अनुकंपा नियुक्ति पर पाबंदी लगाने पर कर्मचारियों द्वारा रोष व्याप्त किया गया।
'डेरा डालो घेरा डालो' से घेरने की तैयारी
इस मौके पर सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि लखनऊ स्थित जलनिगम के प्रधान कार्यालय पर 23 मार्च से 24 मार्च तक प्रस्तावित 'डेरा डालो घेरा डालो' कार्यक्रम में शामिल होंगे। निर्णय के अलावा सभी कर्मचारियों को लखनऊ जाने के लिये शपथ भी दिलायी गयी। आंदोलन की अध्यक्षता कर रहे अरुण कुमार मालवीय ने शासन धनात्मक नीति की तीव्र निंदा की आंदोलन को तीव्र करने के लिए आवाहन किया। सभा में इंजीनियर आरके सिंह चौहान, इंजीनियर शिव, इंजीनियर दयाशंकर, इंजीनियर राजेश कुमार गोस्वामी, जय किशन सिंह जगदेव, आनंद दुबे, कृष्णा तिवारी, संतोष शुक्ला, रंजीत कुमार, अरुण कुमार पांडे, विजय कुमार गुप्ता आदि ने भी शासन की कर्मचारी नीति के खिलाफ संघर्ष को सफल बनाने पर बल दिया। सभा के बाद सभी कर्मचारी रैली निकालते हुये सुभाष चौराहे पर पहुंचे और शंखनाद के अलावा थाली बजाकर सरकार का ध्यान आकर्षण एवं पीडि़त कर्मचारियों की जटिल समस्याओं का समाधान के लिये नया रास्ता अख्तियार किया।