-अलोपीबाग, बक्शी बांध में ओवरहेड टैंक, गोविंदपुर में भूमिगत जलाशय का निर्माण शुरू

अलोपीबाग व गोविंदपुर एरिया में पिछले गई साल से पानी का संकट गर्मी के दिनों में बढ़ जाता था, अब इस संकट को दूर करने की तैयारी शुरू हो गई है, उम्मीद है कि 2022 से लोगों पर्याप्त पानी मिलेगा। दरअसल अलोपीबाग, बक्शी बांध और गोविंददपुर क्षेत्रों में जलसंकट दूर करने के लिए ओवरहेड टैंकों एवं भूमिगत जलाशय का निर्माण अमृत योजना फेज टू के तहत शुरू हो गया है। यह कार्य जलनिगम करा रहा है। जलनिगम के अधिकारियों का दावा है कि दिसम्बर 2021 तक निर्माण कार्य पूरा हो जायेगा।

दो ओवरहेड व एक भूमिगत जलाशय का काम प्रगति पर

अल्लापुर से छोटा बघाड़ा जाने वाली पाइप लाइन बक्शी बांध रेलवे क्रासिंग के समीप क्षतिग्रस्त हो जाने से इस लाइन को जलकल विभाग द्वारा समाप्त कर दिया गया था। इसके लिये वहां पर ओवरहेड टैंक का निर्माण कार्य प्रस्तावित किया गया था। जलनिगम द्वारा अमृत योजना फेज टू के तहत बक्शी बांध पर 1150 किलोलीटर क्षमता का ओवरहेड टैंक का निर्माण शुरू करा दिया गया है। अलोपीबाग में रामलीला पार्क मैदान में 1100 किलोलीटर और गाविंदपुर में भी एक पार्क में ही 3700 किलोलीटर क्षमता का भूमिगत जलाशय का निर्माण भी शुरू करा दिया गया है। अलोपीबाग में पार्क में ही एक नलकूप की बोरिंग भी जलनिगम द्वारा कराई जा रही है। ताकि ओवरहेड टैंक में इससे पानी भरा जा सके।

91 करोड़ रुपये किये गये स्वीकृत

जलनिगम के अधिकारियों का कहना है कि अमृत योजना फेज टू के तहत करीब 91 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए थे। उसी धनराशि में से दोनों ओवरहेड टैंकों, एक भूमिगत जलाशय और नलकूप का काम कराया जा रहा है। इन कामों को पूरा कराने का दिसंबर रखा गया है। हालांकि, कोरोना के कारण इधर काम की रफ्तार धीमी है। जलनिगम के अधिशासी अभियंता आनंद दुबे ने बताया कि अलोपीबाग रामलीला पार्वस मैदान, बक्शीबांध और गोविंदपुर में दो ओवरटैंक, एक जलाशय का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। इससे पानी की क्षमता बढ़ेगी। अभी टेस्टिंग और डिजाइनिंग का काम हो रहा हैं। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद इसे जलकल विभाग को हैंडओवर कर दिया जायेगा। उम्मीद है कि दिसम्बर 2021 तक कार्य पूरा कर लिया जायेगा।

अलोपीबाग, बक्शीबांध में ओवरहेड टैंक व गोविंदपुर में एक भूमिगत जलाशय का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। इससे पानी की क्षमता बढ़ेगी। अभी टेस्टिंग और डिजाइनिंग का काम हो रहा हैं।

आनंद दुबे, अधिशासी अभियंता, जलनिगम