प्रयागराज (ब्‍यूरो)। करेली के रहने वाले अफजल के घर के भीतर से बाढ़ का पानी लौट चुका है। लेकिन पीछे वह गंदगी छोड़ गया है। घर के भीतर कीचड़ और गंदगी पसरी हुई है। इसी तरह बघाड़ा के रहने वाली कोमल सचान के घर के भी गंदगी फैली हुई है। घर के बाहर निकलने का रास्ता नही बचा है। उन्होंने नगर निगम को सफाई के लिए सूचना दी थी लेकिन दोपहर तक कोई नही आया था। मजबूरन उन्होंने खुद साफ सफाई शुरू कर दी है। घर के दरवाजे से कचरा और कीचड़ हटाने में उनका पूरा परिवार लगा है। बता दें कि 2019 में आई बाढ़ के बाद चारों ओर गंदगी का अंबार लग गया था। ऐसे में नगर निगम की ओर से मोहल्लों में 15-15 अतिरिक्त सफाई कर्मियों को लगाया गया था। लकिन इस बार ऐसा नही है। अधिकारियों का कहना है कि पहले से तय संख्या में ही सफाई कर्मियों को तैनात किया गया है। अतिरिक्त सफाई कर्मी हमारे पास नही है। माना जा रहा है कि कछार के तमाम एरिया को साफ करने में खासा समय लग सकता है।

इन मोहल्लों में हैं सक्रमण का खतरा
समय रहते साफ सफाई नही होने पर संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ रहा है। नदियों के जरिए आए शव और गंदगी की वजह से दुर्गंध उठने लगी है। जलभराव भी जबरदस्त हो गया है। ऐसे में डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया, पीलिया, टाइफाइड, डायरिया बड़ी संख्या में फैल सकता है। वर्तमान में छोटा और बड़ा बघाड़ा, शिवकुटी नेवादा, मेहंदौरी, राजापुर, बेलीगांव, करेली के प्रभावित एरिया शम्स नगर, हड्डी गोदाम, गौस नगर, जेके आशियाना, सदियापुर, मीरापुर का निचला इलाका, बलुआघाट, गऊघाट, दारागंज पर संक्रमण का खतरा मंडराने लगा है। नगर निगम की ओर से कीटनाशक का छिड़काव करने की बात कहीं जा रही है लेकिन अभी तक वह जमीन पर नहीं दिखाई दे रहा। बाढ़ प्रभावित फाङ्क्षगग में लापरवाही की जा ररही है। लेकिन यह इंतजाम ऊंट मुंह में जीरा साबित हो रहे हैं। आंकड़ों पर जाएं तो पांच लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं और इनके मुकाबले सफाई कर्मियों की कमी बड़ीा समस्या बन सकती है। कछार एरिया के अंदरुनी इलाकों में भी राहत नही पहुंच पा रही है।

हमारे पास जितने सफाई कर्मी है सभी के बाढ़ प्रभावित इलाकों में तैनात कर दिया गया है। अतिरिक्त सफाई कर्मी नही हैं इसलिए उन्हें नह लगाया जा रहा है। किसी भी हाल में साफ सफाई में समझौता नही किया जाएगा।
उत्तम कुमार वर्मा पर्यावरण अभियंता नगर निगम