प्रयागराज ब्यूरो । मरहूम अतीक अहमद की बहन आयशा नूरी की आस
पर सोमवार को पानी फिर गया। उमेश पाल के कत्ल की साजिश में उसका भी नाम सामने आया था। कत्ल में शामिल रहे शूटर को गुड्डू मुस्लिम को उसके जरिए अपने घर पर पनाह दिया गया था। इसी मामले में उसके जरिए अदालत में सरेंडर अर्जी दी गई थी। सरेंडर अर्जी पर सुनवाई के दौरान न तो आयशा के अधिवक्ता मौजूद रहे और न ही वह अदालत पहुंची। ऐसी स्थिति में मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी दिनेश कुमार गौतम द्वारा उसकी सरेंडर अर्जी को खारिज कर दिया गया।
घर पर शूटर का की थी मेहमाननवाजी
धूमनगंज के सुलेमसराय जयंतीपुर में 24 फरवरी को विधायक राजूपाल मर्डर केस के गवाह उमेश पाल की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी। शूटरों के जरिए उमेश पाल के साथ उसके दो गनर संदीप निषाद एवं राघवेंद्र सिंह को भी मौत के घाट उतार दिया गया था। इस घटना में माफिया अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ और पत्नी शाइस्ता परवीन एवं मो। गुलाम और गुड्डू मुस्लिम व बेटों एवं अन्य साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। यह केस उमेश पाल की पत्नी जया पाल के द्वारा दी गई तहरीर पर लिखा गया था। बताते चलें कि कत्ल के बाद शूटर गुड्डू मुस्लिम भागकर मेरठ अतीक अहमद की बहन आयशा नूरी के घर पहुच गया था। घर पहुंचे शूटर की आयशा नूरी और उसके पति डॉ। अखलाख के द्वारा जमकर मेहमाननवाजी की गई थी। उसके इस आवभगत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। पुलिस सबसे पहले नूरी के पति डॉ। अखलाख को गिरफ्तार की थी। इसके बाद जांच में अतीक की बहन आयशा नूरी भी पुलिस को उमेश पाल हत्या कांड की साजिश में शामिल मिली थी। उमेश पाल मर्डर केस के साजिश में नाम आने के बाद अंडर ग्राउंड चल रही आयशा नूरी द्वारा कोर्ट में सरेंडर अर्जी दी गई थी। उसकी अर्जी पर अदालत द्वारा धूमनगंज थाना प्रभारी राजेश मौर्या से रिपोर्ट मांगी गई थी। विवेचक के जरिए दी गई रिपोर्ट में उसे घटना में साजिशकर्ता बताया गया है। सरेंडर अर्जी पर सुनवाई के लिए कोर्ट के द्वारा डेट पांच जून की डेट नियत की गई थी। नियत डेट पर सोमवार को उसके सरेंडर अर्जी पर सुनवाई होनी थी। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी ने बताया कि इस दौरान कोर्ट में न तो आरोपित आयशा नूरी उपस्थित हुई न ही कोई अधिवक्ता पहुंचा। ऐसी स्थिति में अदालत ने उसकी सरेंडर अर्जी को खारिज कर दिया है।

आयशा नूरी की तरफ से दी गई सरेंडर अर्जी पर सुनवाई के लिए नियत तिथि पर कोई नहीं पहुंचा। नॉट प्रजेंट की स्थिति न्यायाधीश के जरिए उसकी सरेंडर अर्जी को खारिज कर दिया गया।
गुलाबंचद्र अग्रहरि, जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी