यमुना का तेजी से घट रहा पानी जबकि गंगा नदी जल स्तर की गिरावट है धीमी
- जलस्तर कम होने के बाद सड़कों गलियों में सफाई की समस्या
PRAYAGRAJ: गंगा और यमुना में आई बाढ़ से जूझ रहे शहर के तराई बेल्ट में रहने वालों के लिए राहत भरी खबर है। दोनों ही नदियों में जल स्तर का लेवल डाउन होना शुरू हो गया। नदियों में पानी के घटने का क्रम जारी रहा तो जल्द ही बाढ़ की स्थिति खत्म हो जाएगी। जिन इलाकों में पानी कम हुआ है वहां पर गंदगी की एक नई समस्या खड़ी हो गई है। दुर्गध और सफाई कार्य में ढिलाई और दवाओं के छिड़काव में सुस्ती बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकती है। हालात पर गौर न किया गया तो लोगों को बीमारियों का भी सामना करना पड़ सकता है।
आंकड़ें दे रहे राहत के संदेश
प्रति दो घंटे पर छतनाग में 11 सेंटीमीटर की दर से यमुना का जल स्तर घट रहा है। जबकि नैनी में यमुना के पानी का लेवल हर दो घंटे पर 19 सेंटीमीटर डाउन हुआ है। बाढ़ के रेकार्ड पर गौर करें तो फाफामऊ यानी गंगा में बाढ़ के घटने की स्पीड काफी धीमी है। यहां प्रति दो घंटे पर मात्र छह सेंटीमीटर पानी घट रहा है। डेंजर लेवल से ऊपर नैनी में बह रही यमुना का पानी अब 84.79 मीटर पर आ गया है। जबकि इसके पहले यह यमुना नदी बाढ़ में 85.73 के आसपास बह रही थी। गंगा में पानी का लेवल काफी धीरे से घट रहा। लिहाजा शाम छह बजे तक गंगा नदी डेंजर लेवल 84.73 मीटर से ऊपर 85.19 मीटर पर पानी बह रहा था। जबकि इसके पहले उफान के वक्त गंगा में 85.73 मीटर तक वाटर लेवल रेकार्ड किया गया था। फिर भी राहत वाली बात यह है कि वाटर लेवर गंगा में धीरे ही सही घट रहा है। पानी का लेवल दोनों नदियों में इसी रेसियो से घटता रहा तो जल्द ही बाढ़ वाली स्थिति से लोगों को निजात मिल जाएगी।
तराई इलाकों में गंदगी
गंगा और यमुना नदी में पानी घटना तो गंदगी का समस्या उत्पन्न हो गई है। क्योंकि जैसे-जैसे पानी कम हो रहा गलियों व सड़कों पर गंदगी फैलती जा रही है। इसे उत्पन्न मच्छर और दुर्गध लोगों को परेशान करने लगा है। बेली कछार यादव बस्ती, राजापुर गंगा नगर और उचवागढ़ी, करेली के गड्ढा कॉलोनी, छोटा बघाड़ा, दारागंज, तेलियरगंज रसूलाबाद, म्योराबाद के तराई बेल्ट में गलियों की व सड़कों का पानी काफी घट गया है। लोग बताते हैं कि अब नई समस्या साफ सफाई की है। पानी घट रहा मतलब यह नहीं कि बाढ़ से लोगों को पूरी तरह राहत मिल गई। अभी भी हजारों घर ऐसे हैं जिनके एक फ्लोर के मकान पानी में डूबे हैं। लोगों के घरों में पानी आज भी भरा हुआ है। दूसरे व तीसरी मंजिल पर लोग रात बिता रहे हैं।