प्रयागराज ब्यूरो । गंगा और यमुना नदी में पानी कम होने की वजह से स्नानार्थियों के लिए खतरा अधिक बढ़ गया है। स्नान करते वक्त पानी में बरती जाने वाली लापरवाही लोगों की मौत का कारण बन जा रही है। मौत का यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले दो महीने के अंदर आधा दर्जन से अधिक लोगों की डूबने से मौत हो चुकी है। नदी में डूबे दो बालकों का आ तक पला नहीं चल सका है। उनकी तलाश में एनडीआरएफ व जल पुलिस हर रोज सर्च ऑपरेशन चला रही है। नदियों में डूबने की बढ़ती घटनाओं के पीछे पानी के अंदर उठने वाले भंवर और इससे जगह-जगह होने वाले गड्ढे अहम कारण माने जा रहे हैं। इसी भंवर व गड्ढे में अचानक फंसने से लोगों के डूबने की घटनाएं हो रही हैं। हालात को देखते हुए जल पुलिस स्नानार्थियों को अलर्ट करने में जुट गई है। घाट पर जल पुलिस व गोताखोरों के जरिए लोगों को बचाव के उपाय बताए जा रहे हैं।
पानी में लापरवाही बन रही मौत
नदियों के पानी में छिपी मौत थोड़ी सी लापरवाही लोगों को अपना ग्रास बना सकती है। जल पुलिस एक्सपर्ट व नाविकों एवं गोताखोर बताते हैं कि पानी कम होने से खतरा अधिक बढ़ गया है। कहते हैं कि नदियों में पानी कम होने पर जल के ऊपरी सतह पर सब कुछ ठीक दिखाई देता है। मगर, अंदर पानी रेत से टकरा कर चक्र के आकार में तेजी से घूमता रहता है। इससे जगह-जगह जान लेवा गड्ढे बन जाते हैं। इस गड््ढे में फंसने के बाद डूबने से बच पाना मुश्किल हो जाता है। पानी के अंदर उठाने वाले अदृष्य भंवर को भी व एक्सपर्ट डेंजर बता रहे हैं। एक्सपर्ट कहते हैं पानी में इंसान का गुरुत्वाकर्षण पूरी तरह काम नहीं कर पाता। इस लिए पानी में एक बार बैलेंस डिस्टर्ब हो जाने के बाद लोगों का संभल पाना मुश्किल हो जाता है। ऐसी स्थिति में चाह कर भी लोग पानी में डूबने से नहीं बच पाते। एक बार पानी में डूबने पर आदमी दहशत में आ जाता है। जब तक वह कुछ डर के मारे वह दिमाग से काम नहीं कर पाते, ऐसी स्थिति में ही आदमी डूब जाता है।
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केस वन
गुरुवार को शिवकुटी थाना क्षेत्र के तेलियरगंज फाफामऊ ब्रिज के नीचे दो बालक मलखान का 14 वर्षीय बेटा प्रियांशु और 13 वर्षीय कृष्णा कसेरा पुत्र नवीन कसेरा था। डूब गए थे। कृष्णा की बॉडी शुक्रवार को दारागंज शास्त्री ब्रिज के नीचे मिली थी। दूसरे का अब तक पता नहीं चल सका है। उसकी तलाश में पुलिस और गोताखोर सर्च ऑपरेशन चलाने में जुटे हैं। रविवार को भी तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। मगर वह नहीं मिल सके।
केस दो
दारागंज संगम जोन पर 22 अप्रैल को स्नान करते समय छात्र अमन वर्मा व संदीप वर्मा की डूबने से मौत हो गई थी। दोनों सुल्तानपुर जिले के निवासी थे और यहां बघाड़ा में रूम लेकर पढ़ाई किया करते थे। दोनों दोस्तों के साथ स्नान के लिए पहुंचे थे। साथ रहे दोस्त स्नान बाद बाहर आ गए जबकि वे दोनों स्नान करते करते गहरे पानी में चले गए और अचानक डूब गए। दूसरे दिन दोनों की बॉडी बरामद की गई थी।
केस तीन
आठ फरवरी को अरैल घाट पर नैनी निवासी पीएसी के जवान रुद्रप्रताप का इकलौता बेटा मारतंड प्रताप सिंह नाव पर सेल्फी लेने के चक्कर में गिरा और डूब गया। दूसरे दिन उसकी भी बॉडी बरामद की गई गई। इसी घाट पर पत्नी के साथ स्नान करने आए नैनी पारसकुंज अपार्टमेंट निवासी सीमेंट कंपनी के जीएम की मौत हो गई थी।
केस चार
चौथी घटना शनिवार को हंडिया इलाके बाहरपुर मवइया गंगा में स्नान करने गए 18 वर्षीय ऋषभ मिश्र व 22 वर्षीय सुनील मिश्रा अर्जुन पट्टी गांव निवासी 17 वर्षीय रंजत मिश्र व 21 साल के अभिनव मिश्रा स्नान करने गए थे। स्नान करते वक्त अभिवन व ऋषभ डूब गया और उसकी बॉडी बरामद की गईी। पुलिस ने बताया कि लापता एक युवक की तलाश में एनडीआरएफ की टीम द्वारा रविवार को भी सर्च ऑपरेशन चलाया गया। मगर पता नहीं चल सका।
स्नान के वक्त इन बातों का रखें ध्यान
जल पुलिस प्रभारी कहते हैं कि घाट पर स्नान के लिए आने वालों को लगाए गए गोताखोर जागरूक करते रहते हैं
लोगों को चाहिए कि किसी भी नदी में ऐसी जगह स्नान नहीं करें जहां पर गोताखोर या नाविक नहीं रहते रहते हों
स्नान के लिए प्रशासन के द्वारा बनाए गए घाट का ही प्रयोग करें, ध्यान यह भी दें कि कम पानी देखकर गहराई में नहीं जाएं
हार्टअटैक व मिर्गी एवं बीपी लो जैसी बीमारी से ग्रसित लोगों को कोशिश करनी चाहिए कि वे किनारे बैठ कर किसी पात्र से ही स्नान करें।
नदी में ड्रिंक करके खासकर शाम से रात आठ नौ बजे तक युवाओं की व छात्रों की संख्या बढ़ी है, उन्हें बमुश्किल भगाया जाता है
ड्रिंक करके नदी में स्नान बिल्कुल नहीं करें, यह स्थिति भी आप की मौत का कारण बन सकती है
छोटे बच्चों को नदी में स्नान के लिए अकेले नहीं जानें, उन्हें किनारे खड़ा करके खुद नहलाएं और बाहर लाएं
नदी में पानी कम है इसलिए सतर्कता बहुत ज्यादा बरतने की जरूरत है। पानी के नीचे ऐसी स्थिति में तमाम तरह की हलचल होती है और गड्ढे बन जाते हैं। उन स्थानों पर बिल्कुल स्नान न करें जहां घाट नहीं बने या गोताखार और पर्याप्त नाविक नहीं रहते।
कड़ेदीन यादव, प्रभारी जल पुलिस