प्रयागराज ब्यूरो । तम्बुओं के शहर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए वाटर एटीएम लगाए जाएंगे। यह व्यवस्था मेला क्षेत्र से कनेक्ट बाहरी हिस्सों में की जाएगी। व्यवस्था की जिम्मेदारी जलकल विभाग को सौंपी गई है। इनमें से कुछ एटीएम ऐसे होंगे जिनसे श्रद्धालुओं को बटन दबाते ही रेलवे स्टेशन की भांति आरओ का पानी मिलेगा। इसके अतिरिक्त बिछाई गई पाइप लाइन से शुद्ध पेयजल की सप्लाई की जाएगी। मेला के अंदर यानी संगम से लेकर गंगा किनारे तक वाटर सप्लाई का प्रबंधक जल निगम व सिंचाई विभाग मिलकर करेंगे। इस तरह सम्पूर्ण मेला एरिया में पेयजल की व्यवस्था इन्हीं विभागों के हवाले होगी।
जगह-जगह लगाई जाएंगी टोटियां
महाकुंभ को सकुशल सम्पन्न कराने की तैयारी व कवायद प्रशासनिक लेवल पर काफी तेजी से चल रही है। आस्था और विश्वास के इस मेले में शुद्ध पेयजल व्यवस्था करना किसी चुनौती से कम नहीं है। चूंकि महाकुंभ मेला क्षेत्र का दायरा इस बार काफी बढ़ गया है। लिहाजा वाटर सप्लाई की व्यवस्था तीन पार्ट में अलग-अलग विभागों को सौंपी गई है। बताते हैं कि मेला क्षेत्र के बाहर जैसे परेड नागवासुकी के आसपास पेयजल की कमान जलकल को सौंपी गई थी। जिम्मेदारी मिलने के बाद विभाग के द्वारा इंतजाम की लकीर खीची जा चुकी है। जलकल विभाग के अफसरों की मानें तो बाहरी हिस्सों में कुल 36 ट्यूबवेल से वाटर की सप्लाई की जाएगी। इनमें रिबोर के लायक छह ट्यूबवेल थे। जिन्हें दुरुस्त किया जा चुका है। विभाग के पास 05 पुराने होले की बॉडी वाले पांच हजार लीटर क्षमता के टैंकर मौजूद हैं। इसके अतिरिक्त स्टील बॉडी के 30 टैंकर भी मंगाए जा रहे हैं। इन टैंकरों की भी क्षमता 04 से 05 हजार लीटर की होगी। इन टैंकरों का प्रयोग मेला क्षेत्र में आयोजित होने वाले धार्मिक अनुष्ठान और भण्डारा आदि में डिमांड पर किया जाएगा। ऐसे आयोजनों में डिमांड नहीं होने की स्थिति में रोड किनारे इन्हें जगह-जगह पानी भरकर रखवाया जाएगा। साथ ही संगम और गंगा की गोद में बसने वाले मुख्य मेला क्षेत्र से हटकर बाहरी हिस्सों में चौराहों व जगह-जगह करीब 500 टोटियां लगाई जाएंगी। इसी के साथ 250 वाटर एटीएम का भी प्रबंध किया जाएगा। इनमें से करीब 50 वाटर एटीएम ऐसे होंगे जिनमें आरओ का पानी श्रद्धालु ले सकेंगे, वह भी बगैर पैसा दिए।
जल निगम देगा मेला के अंदर सप्लाई
गंगा और यमुना की गोद में जहां तक महाकुंभ के लिए तम्बुओं के शहर को बसाया जाएगा। उन इलाकों में वाटर सप्लाई की जिम्मेदारी जल निगम और सिंचाई विभाग के को सौंपी गई है। यह दोनों विभाग पाइप बिछाने से लेकर वाटर सप्लाई तक तक का काम देखेंगे। हालांकि इनमें से जल निगम के पास यहां वाटर सप्लाई की व्यवस्था का जिम्मा सर्वाधिक है। हालांकि गंगा का पानी कम होने के बाद इन विभागों के द्वारा किए जाने वाले कार्यों की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
मेला क्षेत्र में पेयजल व्यवस्था को लेकर जिम्मेदारियां बांटी गई हैं। जलकल विभाग द्वारा रेत पर लगने वाले मेला के बाहर वाटर सप्लाई की जाएगी। इसके इंतजाम किए जा चुके हैं। यदि जल निगम को जरूरत पड़ी तो यथा संभव अंदरूनी व्यवस्था में मदद दी जाएगी।
कुमार गौरव, महाप्रबंधक जलकल