- जिला मलेरिया विभाग ने सरकारी अस्पतालों को भेजे पत्र

- नगर क्षेत्र में 10-10 और सीएचसी में आरक्षित होंगे पांच बेड

बारिश के मौसम में संक्रामक रोग तेजी से फैलते हैं। इस मौसम में डेंगू और मलेरिया से भी सावधान रहने की जरूरत है। जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में इसके लिए बेड आरक्षित किए जाने हैं। जिला मलेरिया अधिकारी आनंद सिंह ने बताया कि डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम की तैयारी की जा रही है। जिला चिकित्सालयों में 10 बेड और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में पांच बेड का डेंगू वार्ड बनाकर आरक्षित किए जाएंगे। मच्छरदानीयुक्त बेड व अन्य सुविधाएं भी दी जाएंगी।

आनंद सिंह ने बताया कि अस्पतालों में फीवर हेल्प डेस्क बनाए जाएंगे। इसमें एक नर्स, फार्मासिस्ट तथा पैरा मेडिकल स्टाफ की तैनाती होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में पंपलेट बांटे जा रहे हैं। मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय यानी काल्विन अस्पताल, स्वरूपरानी चिकित्सालय, बेली अस्पताल, जिला महिला चिकित्सालय यानी डफरिन अस्पताल, सरोजनी नायडू बाल रोग चिकित्सालय सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में पत्र भेजकर डेंगू वार्ड बनाने के लिए कहा गया है।

मच्छरदानी रहेगी मेडिकेटेड

डेल्टा मेथरिल सल्यूशन 2.5 रसायन का घोल बनाकर मच्छरदानी को इसमें डुबाया जाएगा। यह रसायन बाजार में भी उपलब्ध है। इसका घोल पानी में तैयार किया जाता है। इसके बारे में मलेरिया विभाग से जानकारी ली जा सकती है। इस रसायन में मच्छरदानी डुबोने के बाद उसका असर एक साल तक रहता है। मच्छरदानी में रसायन लगा होने से मच्छर आसपास भी नहीं फटकते। कई बार मच्छरदानी में छेद होने या कहीं से खुलने की वजह से मच्छर अंदर चले जाते हैं। रसायनयुक्त मच्छरदानी के कारण इसकी संभावना नहीं रहेगी।