प्रयागराज (ब्‍यूरो)। हर रोज म्योहाल चौराहे से होकर कचहरी व कटरा, बैंक रोड और इन स्थानों से कचहरी होकर म्योहाल सिविल लाइंस, हाईकोर्ट आने जाने वालों का तांता लगा रहता है। यात्रियों की सहूलियत के लिए म्योहाल से कचहरी मोड़ पर सांसद केसरी देवी पटेल के आवास से पहले स्मार्ट सिटी के तहत बस स्टॉप बनाया गया। इस बस स्टॉप पर यात्री शेड बनाए गया है। बस बस स्टॉप के सामने बस को खड़ी करने के लिए जगह नहीं छोड़ी गई है। बहरहाल यहां बसें रुकती ही नहीं, यदि रुकेंगी भी तो चालकों को बस रोड पर ही खड़ी करना पड़ेगा। यदि इस स्टॉप के सामने बस रोड खड़ी हो जाय तो जाम की स्थिति का बनना तय है। चूंकि इस बस स्टॉप पर बसें नहीं रुकती लिहाजा यात्री भी बसों का यहां वेट करना मुनासिब नहीं समझ रहे। ऐसी सिचुएशन में लाखों की लागत से स्मार्ट सिटी के तहत बनाई गई एक अहम व्यवस्था दम तोड़ रही है।

किसी भी चीज का स्ट्रक्चर खड़ा करना ही बड़ी बात नहीं होती। जरूरत होती है कि उस स्ट्रक्चर का फायदा उसे मिले जिसके लिए बनाया गया है। सिटी में बस स्टॉप कई जगह बनाए गए हैं। बसें ज्यादातर स्टॉप पर खड़ी नहीं होतीं। म्योहाल से कचहरी मोड़ पर यदि बस स्टॉप के सामने बस खड़ी हो जाय तो जाम की स्थिति बन जाएगी। बसें यहां खड़ी नहीं होतीं लिहाजा यात्री भी इस जगह बसों का वेट नहीं करते।
अभिषेक कुमार, बैरहना

म्योहाल से कचहरी मोड़ पर रोड के दोनों साइड बस स्टॉप बनाया गया है। यहां जब बसें रुकती नहीं तो लोग बहुत स्टॉपेज पर रुक कर ही क्या करेंगे। प्रशासन को चाहिए कि यहां बसें रुकें ऐसी व्यवस्था करे। जब बसें बीच में कहीं नहीं रुकेंगी तो यात्रियों की मजबूरी होगी कि वह इस स्टॉपेज पर बस का इंतजार करें। मगर अधिकारी इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं। यही वजह है कि यात्रियों को कहीं पर भी बसों को हाथ देकर रोकना पड़ता है।
सैंकी, झूंसी

स्मार्ट सिटी के तहत शहर में जगह-जगह बस स्टॉपेज बनाए गए हैं। मगर इसे बनाते वक्त कई स्थानों पर जिम्मेदार इस बात पर ध्यान नहीं दिए कि बसों को स्टॉपेज के सामने खड़ी करने के लिए स्पेश होना चाहिए। म्योहाल चौराहे से कचहरी मोड़ पर बनाए गए बस स्टॉप सेंटर की भी दशा कुछ ऐसी ही है। यहां बस स्टॉप का बोर्ड लगाकर यात्री शेड बना दिया गया। इस बस स्टॉप पर आज तक किसी भी बस को रुकते हुए या सवारी को उतारते एवं बैठाते नहीं देखा गया। पब्लिक को सुविधा जब नहीं मिले तो इसे हम पैसे की बर्बादी ही कहेंगे।
महेंद्र सिंह, मंडल प्रभारी अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एसोसिएशन

अधिकारी बजट और योजनाओं पर काम तो करते हैं। मगर किए गए काम का लाभ पब्लिक को मिल रहा या नहीं इस तरफ ध्यान नहीं देते। आप सिर्फ म्योहाल चौराहे से कचहरी मोड़ के बस स्टॉपेज को ही नहीं देखिए। शहर में बनाए गए गिरने 95 प्रतिशत बस स्टॉपेज इसी तरह वीरान पड़े हैं। सिटी बसों को बस स्टॉपेज के सिवाय बीच रोड पर कहीं भी नहीं रोका जाय अधिकारियों को यह आदेश विभाग को देना चाहिए। अधिकारी इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे, लिहाजा पब्लिक जहां तहां हाथ देकर पुराने ढर्रे पर बस रोककर बैठने को मजबूर है।
नितिन कुमार पांडेय