प्रयागराज (ब्यूरो)। नियमानुसार कोरोना संक्रमण के दौरान आरआरटी यानी रैपिड रिस्पांस टीमों का गठन किया जाता है। यह टीमें संक्रमित मरीज के घर जाकर उसकी मानीटरिंग करती हैं और उन्हें दवा उपलब्ध कराती हैं। लेकिन दिल्ली, गाजियाबाद में कोरोना फैलने के बावजूद अभी तक आरआरटी टीमों का गठन नहीं किया गया है। सूत्र बताते हैं कि केवल एक आरआरटी टीम ही इस समय कार्य कर रही हैं। जबकि एक्टिव केसेज की संख्या वर्तमान में 20 हो चुकी है।
पांच हजार पर अटका है जांच का कांटा
कोरोना जांच की संख्या भी बढऩे का नाम नहीं ले रही है। एक्सपट्र्स का कहना है कि पश्चिमी उप्र में कोरोना के केसेज बढऩे के बाद प्रयागराज में भी जांच की संख्या में इजाफा होना चाहिए। लेकिन वर्तमान में औसतन पांच हजार जांच रोजाना हो रही है। न ही जांच सेंटर बढ़ाए गए हैं और न ही जांच की संख्या में इजाफा किया गया है। अभी से जांच की संख्या बढ़ाए जाने से कोरोना को भविष्य में बढऩे से रोका जा सकता है।
अस्पतालों में नहीं है रोक टोक
दूसरी ओर अस्पतालों मं कोरोना को लेकर किसी प्रकार की रोक टोक नहीं है।
अभी तक वहां पर हेल्प डेस्क भी संचालित नहीं की जा रही है। खासकर मरीजों को मास्क पहनने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। जिससे संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। इसी तरह तमाम विभागों में भी कोरोना हेल्प डेस्क बनाने के निर्देश जारी नही किए गए हैं।
नए वैरिएंट की नही है कोई जानकारी
पिछले साल अप्रैल-मई में फैले कोरोना के डेल्टा वैरिएंट ने कई लोगों की जान ली थी। इस बार भी देश के तमाम हिस्सों सहित यूपी में कोरोना फैलने लगा है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग को तेजी से बचाव कार्य पर ध्यान देना चाहिए। जिससे कोरोना को फैलने से रोका जा सके। वर्तमान में फैल रहे कोरोना के वैरिएंट की प्रकृति के बारे में फिलहाल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भी जानकारी नहीं है।
आरआरटी टीमें काम कर रही हैं। जांच की संख्या बढ़ाई जानी है। लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इस समय कोरोना प्रोटोकाल का पालन करना जरूरी है।
डॉ। एके तिवारी, जिला सर्विलांस अधिकारी,स्वास्थ्य विभाग प्रयागराज