प्रयागराज ब्‍यूरो।

डिस्ट्रिक्ट बार चुनाव के लिए निर्देश
पूरे चुनाव की सीसीटीवी कैमरे से की जाए निगरानी
पोस्टर, बैनर के साथ दावतों के आयोजन पर भी रोक
वर्तमान कार्यकारिणी के पदाधिकारियों का कार्यकाल समाप्त
पुलिस कमिश्नर चुनाव प्रक्रिया पूरी कराने में करें सहयोग
जिला अधिवक्ता संघ की नई कार्यकारिणी के गठन के लिए मतदान अब 29 नवंबर को होगा। यह आदेश इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दिया है।
कोर्ट ने जिला अधिवक्ता संघ प्रयागराज के चुनाव में अराजकता को देखते हुए हाई कोर्ट सहित प्रदेश की सभी बार एसोसिएशनों के चुनाव में पोस्टर, बैनर सहित चुनाव प्रचार की सभी सामग्री पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा है कि वह इस संबंध में नौ बिंदुओं पर दिशा निर्देश जारी कर रही है। इसका पालन किया जाएगा। अगर प्रत्याशी इसका पालन नहीं करता है तो उसके लिए उसे बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश की ओर से दंडित किया जाएगा और अदालत की अवमानना का दोषी करार दिया जाएगा। यह आदेश जस्टिस एमसी त्रिपाठी और प्रशांत कुमार की बेंच ने अमित कुमार निगम व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।

हाई कोर्ट के अधिवक्ता करेंगे निगरानी
कोर्ट ने चुनाव कराने वाली पुरानी कमेटी भंग कर दी है और कहा है कि यह चुनाव इलाहाबाद हाईकोर्ट के तीन वरिष्ठ अधिवक्ताओं की निगरानी में आठ सदस्यीय एल्डर कमेटी कराएगी। कोर्ट ने कहा है कि पूरे चुनाव की सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग कराई जाएगी। कोर्ट ने निवर्तमान एल्डर्स कमेटी के अधिवक्ता विक्रांत पांडेय से भी कहा है कि चुनाव के संचालन के लिए आवश्यक धनराशि मुहैया कराई जाए और नवगठित एल्डर्स कमेटी को पूरा सहयोग दिया जाएगा। कोर्ट ने निवर्तमान पदाधिकारियों के चुनावी प्रक्रिया से दूर रहने और उन्हें पद पर बने रहने पर रोक लगा दी है। कहा है कि एल्डर कमेटी मंगलवार से अपना काम शुरू कर दे। पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया कि वह चुनाव में सहयोग करें, ताकि चुनाव प्रक्रिया में कोई बाधा न आए।

आठ सदस्यों की कमेटी
इसके पहले सुनवाई शुरू होते ही वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी, जिला अधिवक्ता संघ की ओर से राधाकांत ओझा, एल्डर कमेटी की ओर से विक्रांत पांडेय, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह, बार काउंसिल की ओर से अमरेंद्र सिंह ने पक्ष रखा। कोर्ट ने पुरानी एल्डर कमेटी को भंग करते हुए जो आठ सदस्यीय कमेटी बनाई है उसमें नरेंद्र देव पांडेय, राधा रमण मिश्र, हरि सागर मिश्र, दिनेश श्रीवास्तव, राजेंद्र श्रीवास्तव, राघव सिंह, सीता राम सिंह, प्रमोद सिंह नीरज शामिल हैं। कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व अध्यक्ष राधाकांत ओझा और पूर्व अध्यक्ष अमरेंद्र सिंह और अधिवक्ता भरत प्रताप सिंह की संयुक्त निगरानी कमेटी बनाते हुए उन्हें पूरे चुनाव की निगरानी करने को कहा है। प्रत्याशियों को निर्देश दिया है कि वह बैनर, पोस्टर या दीवार लेखन या प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी प्रकार के प्रलोभन जैसे कि रात्रिभोज, गेट-टुगेदर पार्टियों से बचें। अगर वे ऐसा करते हैं तो यह कदाचार की श्रेणी में माना जाएगा और कार्रवाई की जाएगी।