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खतरा: वोटर लिस्ट में दर्ज फर्जी नाम बने हैं प्रशासन के लिए सिरदर्द फ्लैग

नही होती पहचान, घर-घर जाकर सर्वे करने का बीएलओ को आदेश

पिछले अभियान में हटाए गए थे एक लाख से अधिक नाम

ALLAHABAD: चुनावी भाषा में इन्हें 'घोस्ट वोटर' भी कहते हैं। ये वे वोटर हैं जिनका संबंधित एरिया में अस्तित्व न होते हुए भी इनका नाम वोटर लिस्ट में दर्ज होता है और इनके नाम से चुनाव में जमकर वोट पड़ते हैं। कई बार ये भूतिया वोटर चुनावी हार-जीत में अहम भूमिका निभाते हैं। फिलहाल, यह निर्वाचन आयोग समेत जिला प्रशासन के लिए सिरदर्द बने हैं और इनका नाम सूची से हटाने के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई जा रही है।

जल्दी नही हटता नाम

अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसकी तैयारियां जोरो पर हैं। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर 15 सितंबर से मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान की शुरुआत हो चुकी है। 30 अक्टूबर तक दावे और आपत्ति मांगी गई है, जिसके आधार पर नए नाम जोड़े जाने के साथ फर्जी नाम हटाए जाएंगे। वर्तमान में जनपद की वोटर लिस्ट में कुल 42.86 लाख मतदाताओं के नाम दर्ज हैं। हमेशा की तरह इस बार भी फर्जी नाम हटाने की जगह नए नाम जोड़ने की कवायद पर अधिक जोर दिया जा रहा है।

घोस्ट वोटर्स की संख्या लाखों में

वोटर लिस्ट में बड़ी संख्या में घोस्ट वोटर्स मौजूद हैं। इनमें मर चुके, शिफ्ट हो चुके और डुप्लीकेट वोटर्स शामिल हैं। पिछले मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान में कुल 1.17 लाख घोस्ट वोटर्स हटाए गए थे। इसमें 48447 मृत, 48799 शिफ्टेड और 22468 रिपीटेड थे। जांच में इनका नाम सामने आया तो प्रशासनिक अधिकारी भी सन्न रह गए। इस बार भी माना जा रहा है कि सूची में अभी लाखों फर्जी वोटर्स मौजूद हैं, जिन्हें प्राथमिकता से हटाना जरूरी है

बन जाते हैं हार-जीत का कारण

कई बार देखने में आया है कि घोस्ट वोटर्स की मौजूदगी से चुनाव परिणाम पर काफी फर्क पड़ता है। जीता हुआ कैंडीडेट हार जाता है और फिर फर्जी वोटिंग के आरोप लगते हैं। आयोग भी ऐसे वोटर्स को रोकने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाता है, लेकिन नतीजा सिफर होता है। निर्वाचन अधिकारियों का कहना है कि इस बार आयोग के निर्देश पर बीएलओ को घर-घर जाकर वोटर लिस्ट का सत्यापन करने के आदेश दिए गए हैं। यदि किसी को फर्जी वोटर का नाम हटवाना है तो वह इसकी शिकायत निर्वाचन कार्यालय में लिखित तौर पर कर सकता है। इसके अलावा लोगों की भी जिम्मेदारी बनती है कि वे शिफ्टिंग के बाद अपना नाम स्वयं हटवा लें।

पिछली बार मिले थे

1.17

लाख घोस्ट वोटर्स हटाए गए थे

48447

वोटर हो चुके थे दिवंगत

48799

का बदल गया था ठिकाना

22468

नाम रिपीट थे वोटर लिस्ट में

निर्वाचन नियमों में घोस्ट वोटर की कोई परिभाषा नही होती है। हम ऐसे वोटर्स का अपमार्जन करते हैं। पिछले अभियान में कई फर्जी नाम हटाए गए। इस बार भी वोटर लिस्ट पुनरीक्षण में नाम जोड़ने के साथ हटाने पर जोर दिया जा रहा है।

केके बाजपेई, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी, इलाहाबाद