प्रयागराज (ब्यूरो)। वर्तमान में प्रयागराज में कुल 101 केस एक्टिव हैं और इसमें से तीन मरीजों को एसआरएन अस्पताल के कोविड वार्ड में एडमिट कराया गया है। जिसमें से एक मरीज को ब्रेन हैमरेज और एक मरीज को बोन फ्रैक्चर है। इनकी सर्जरी होनी थी और जांच में कोरोना पाजिटिव पाए गए हैं। इसलिए इनका भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। तीसरे को कोरोना वैक्सीन नहीं लगी है और उसे माइल्ड निमोनिया है। उसका इलाज किया जा रहा है। तीनों में एक भी सीरियस नही है।
होम आइसोलेशन में चल रहा इलाज
98 मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा गया है। इनमें से 30 फीसदी को हल्का सर्दी-जुकाम का लक्षण है। कुछ बुखार आया था लेकिन अब वह नार्मल हैं। यह सभी कोरोना गाइड लाइन के तहत दवाओं का सेवन कर रहे हैं। साथ में काढ़ा और गर्म पानी ले रहे हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि जितने भी पाजिटिव आए हैं उनमें एक को छोड़कर सभी वैक्सीनेटेड हैं। इसलिए किसी को गंभीर लक्षण नहीं दिख रहे हैं। यह सभी जल्द ही कोरोना निगेटिव हो जाएंगे।
ओमिक्रॉन का एक भी केस नहीं!
एमएलएन मेडिकल कॉलेज की माइक्रो बायलाजी लैब से अब तक दस सैंपल जीनोम सिक्वंसिंग के लिए लखनऊ केजीएमसी भेजे गए हैं। अभी तक किसी की रिपोर्ट ओमिक्रॉन पाजिटिव नहीं आई है। लैब के अधिकारियों का कहना है कि जिस मरीज की सीटी वैल्यू वीक होती है उसका सैंपल जांच के लिए भेजा जाता है। बता दें कि जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए केजीएमसी भेजे गए सैंपल वहां से बंग्लुरू की लैब भेजे जाते हैं। वहां से अभी तक एक भी ओमिक्रॉन रिपोर्टिंग नहीं हुई है।
12 दिन में 105 पाजिटिव
कोरोना के आंकड़े वाकई डराने वाले हैं। पिछले बारह दिन में 105 नए पाजिटिव सामने आए हैं। आशंका जतायी जा रही है कि आने वाले दिनों में यह आंकड़ा और बड़ा हो सकता है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। कोविड प्रोटोकाल का पालन करते रहना है। मास्क लगाने के साथ सोशल डिसटेंसिंग का पालन करना होगा। ऐसा करने से संक्रमण कम फैलेगा और संभावित तीसरी लहर का खतरा भी टल जाएगा।
कोरोना से घबराने की जरूरत नही है। इस समय जो भी केस आ रहे हैं उनमें सामान्य लक्षण ही मिल रहे हैं। कोई भी मरीज सीरियस सामने नहीं आया है। अधिकतर मरीजों का इलाज होम आइसोलेशन में चल रहा है।
डॉ। नानक सरन सीएमओ प्रयागराज
तीन मरीज एसआरएन में एडमिट हैं। इनमें से एक को माइल्ड निमोनिया है। उसे कोविड वैक्सीन नहीं लगवाई है। बाकी दो नार्मल हैं। उनकी सर्जरी होना है। अधिक मरीज आते हैं तो उनके इलाज की पूर्ण व्यवस्था की गई है।
प्रो। एसपी सिंह प्रिंसिपल, एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रयागराज