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-परेशान हैं डॉक्टर्स, 10 से 15 दिन तक परेशान कर रहे हैं लक्षण
-ओपीडी में 40 फीसदी तक पहुंची संख्या, दवा से ज्यादा परहेज की सलाह दे रहे डॉक्टर्स
ALLAHABAD: यह कैसा रोग है जो मरीजों के साथ डॉक्टर्स को भी परेशान कर रहा है। उनकी दवाएं भी बेअसर साबित हो रही हैं। बात हो रही सीजनल बीमारी की। तेजी से फैल रहा यह वायरल इंफेक्शन हजारों लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है। खुद डॉक्टर्स भी हैरान हैं कि मरीजों को ठीक होने में इतना समय क्यों लग रहा है। दूसरी ओर ओपीडी में मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है।
एक झटके में लग जाता है रोग
इस सीजन में वायरल इंफेक्शन तेजी से फैल रहा है। बीमारियां एक से दूसरे को आसानी से चपेट में ले रही हैं। खासकर जुकाम और बुखार के लक्षण लोगों को परेशान कर रहे हैं। अहम यह कि यह लक्षण ठीक होने में दस से पंद्रह दिन का समय ले रहे हैं। डॉक्टरों की दवाएं भी बहुत अधिक असर नहीं कर रही हैं। एक बार बुखार की चपेट में आने के बाद थोड़े-थोड़े समय में लक्षण उभरकर सामने आ जाते हैं।
लगातार डेवलप हो रहा रेजिस्टेंस
जानकारों का कहना है कि हर साल मौसम बदलने के दौरान सीजनल बीमारियां अपने चरम पर होती हैं। लगातार दवाओं के चलने से बीमारियों के वायरस हर साल पहले से अधिक मजबूत हो जाते हैं। उनमें रेजिस्टेंस डेवलप हो जाता है। ऐसे में दवाएं या तो बेअसर होती हैं या देर से आधा-अधूरा असर करती हैं। इस बीच बीमारी अपना चक्र पूरा करके जाती है। यही कारण है कि ठीक होने में दो सप्ताह का वक्त लग रहा है।
इन लक्षणों से बचकर रहना
-लगातार तेज बुखार।
-खांसी और तेज जुकाम।
-गले में खराश और दर्द।
-शरीर में दर्द और जकड़न।
-कमजोरी और थकावट।
दवाओं के साथ यह करना जरूरी
-वायरल की चपेट में आने पर जमकर पानी का सेवन करें।
-ताजा और घर का बना खाना ही खाएं।
-बहुत अधिक घूमने फिरने या मेहनत करने से बचें।
-ठंडे पानी से बचकर रहें।
-बाजार के ताजे फलों का ही सेवन करें।
कन्फ्यूजन पैदा कर रहे हैं लक्षण
वायरल इंफेक्शन के लक्षण लोगों में कन्फ्यूजन भी पैदा कर रहे हैं। डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ने के बीच दोनां के लक्षणों में समानता मरीजों की परेशानी का सबब बना हुआ है। यहां तक कि डॉक्टर्स भी वायरल इंफेक्शन के दौरान डेंगू और मलेरिया की जांच करा रहे हैं। बुखार और बदन दर्द ऐसे लक्षण हैं जो दोनों बीमारियों में एक साथ नजर आते हैं।
वायरल इंफेक्शन और डेंगू के लक्षण लगभग बराबर और इनका इलाज भी एक जैसा है। डॉक्टर्स दोनों में अंतर के लिए प्लेटलेट्स काउंट और ब्लीडिंग जैसे लक्षण को देखते हैं। इसके आधार पर डेंगू अलग से ब्लड चढ़वाया जाता है। वायरस में भी दवाओं के प्रति रेजिस्टेंस पैदा हो रहा है।
-डॉ। आशुतोष गुप्ता, चेस्ट फिजीशियन