प्रयागराज ब्‍यूरो। इस सीजन में खुद को बचाकर चलिए, क्योंकि अगर वायरल फीवर की चपेट में आ गए तो जीवन के पांच दिन बिस्तर पर बीत सकते हैं। फिलहाल यह बीमारी तेजी से फैल रही है। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से दूसरे आसानी से बीमार हो रहे हैं। यही कारण है कि अस्पतालों की ओपीडी में लंबी लाइन लग रही है और दवाओं की कमी के चलते मरीजों को तीन दिन से अधिक का स्टाक नही दिया जा रहा है।

एक से दूसरे को बांट रहे हैं लक्षण
कभी बारिश तो कभी धूप। इस बार ऐसा मौसम लगातार बना है। यही कारण है कि वायरल फीवर तेजी से पनप रहा है। इस सीजन में लोगों के शरीर की इम्युनिटी घट जाती है और आसानी से वह वायरल की चपेट में आ जाता है। यही कारण है कि आसपास कोई व्यक्ति फीवर से पीडि़त है और वह खांस व छींक रहा है तो आसानी संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि वायरल फीवर के वायरस के प्रकोप से बचने में पांच दिन का समय लगता है। कभी कभी सात दिन भी ले लेता है।
यह हैं लक्षण
- तेज बुखार
- शरीर में दर्द
- गले में तेज दर्द
- खांसी
- कमजोरी
- सांस और पेट संबंधी दिक्कत

पांच सौ मरीज रोजाना दे रहे दस्तक
शहर के तीन सरकारी अस्प्तालों में रोजाना पांच सौ मरीज मरीज वायरल फीवर के दस्तक दे रहे हैं। इनकी वजह से ओपीडी में लंबी लाइन लग रही है। बेली और काल्विन अस्पताल में वायरल फीवर की दवाओं की कमी होने की वजह से मरीजों को तीन दिन से अधिक दवाएं नही दी जा रही है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मरीज अधिक है और सभी को दवाएं देनी हैं। जबकि मरीज पांच से सात दिन की दवाएं मांगते हैं। सभ्ीा को इतनी दवाएं देना संभव नही है।

इन तरीकों से फैलता है वायरल फीवर
- संक्रमित व्यक्ति का तौलिया, रुमाल समेत दूसरी वस्तु इस्तेमाल करना
- भीड़ वाली जगहों पर बिना मास्क चले जाना
- बाजार की बनी चीजों का खानपान में इस्तेमाल करना
- धूप से अचानक एसी में जाना या फ्रीज का ठंडा पानी पीना
- एसी के साथ तेज पंखा चलाकर रात में सोना

इन तरीको से जल्द मिलेगी निजात
बीमार होने पर अधिक से अधिक लिक्विड चीजों का इस्तेमाल करें
कटे हुए मौसमी फल खाने की जगह घर पर धोकर उन्हें खाएं
बुखार आते ही डॉक्टर को दिखाएं, खुद से मत ले दवाएं
अगर फीवर उतर जाए तो भी आराम करें, मेहनत करने पर दोबारा तेज फीवर आता है
बिना डॉक्टरी सलाह के कोई भी एंटी बायटिक का यूज न करें

बच्चे हो रहे अधिक शिकार
युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों से अधिक बच्चे वायरल फीवर का शिकार हो रहे हैं। कारण उनकी इम्युनिटी का कमजोर होना है। डॉक्टर्स का कहना है कि बच्चे आसानी से एक्सपोजर का शिकार हो जाते हैं। इसकी वजह से उनकी संख्या अधिक है। चिल्ड्रेन अस्पताल में रोजाना तीन दर्जन बच्चे वायरल बुखार से पीडि़त होकर पहुंच रहे हैं। अधिक बुखार होने पर कुछ बच्चों को एडमिट भी करना पड़ रहा है।

यह सीजन वायरल फीवर के फैलने के लिए मुफीद है। रोजाना काफी मरीज अस्पताल में आ रहे हैं। इनको ठीक होने में पांच से सात दिन लग जाता है। अगर हम लोग होशियार रहें तो वायरल फीवर से आसानी से बचा जा सकता है।
डॉ। मंसूर, फिजीशियन, बेली अस्पताल