प्रयागराज (ब्‍यूरो)। पीसीएस प्री और आरओ-एआरओ प्री परीक्षा एक दिन में कराने और नार्मलाइजेशन को नामंजूर करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे प्रतियोगी छात्रों को बुधवार को भी उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की तरफ से कोई पॉजिटिव साइन नहीं मिला। नतीजा आंदोलन जारी रहा। शाम को कैंडिल मार्च निकाला गया। इसमें हजारों की संख्या में छात्र शामिल हुए। पुलिस चुपचाप सिर्फ शांति व्यवस्था कायम रखने पर फोकस करती रही। शाम को सोशल मीडिया पर एक अफवाह उड़ायी जाती रही कि सरकार के स्तर पर छात्रों के पक्ष में कोई पॉजिटिव फैसला आ सकता है। लेकिन, देर रात तक ऐसा कुछ सामने नहीं आया था।

प्रदेश के बाहर विस्तार
प्रयागराज में छात्रों के आंदोलन के बाद भी कोई पॉजिटिव रिस्पांस न हाने पर छात्रों के बीच विरोध की लहर प्रदेशभर में फैलने लगी है। आंदोलन करने वाले छात्रों की तरफ से दावा किया गया कि बुधवार को लखनऊ, मेरठ, वाराणसी, लखीमपुर खीरी और गोरखपुर में भी छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया और ज्ञापन सौंपा। छात्रों का कहना है कि गुरुवार से बिहार में भी आंदोलन का असर दिखने लगेगा। प्रतियोगियों ने आयोग पर छात्र विरोधी अडिय़ल रुख को देखते हुए मांग पूरी न होने तक आंदोलन जारी रखने का फैसला लिया है।

सड़क पर बनाई तस्वीर
तीन दिन के आंदोलन के बाद भी आयोग के अध्यक्ष की तरफ से बातचीत करके समाधान का रास्ता निकालने के लिए कोई प्रयास न किये जाने पर प्रतियोगी छात्रों ने अध्यक्ष संजय श्रीनेत की पेंङ्क्षटग सड़क पर बना दी। छात्रों ने मेयर गणेश केसरवानी से मुलाकात करके ज्ञापन सौंपा। छात्रों का दावा है कि मेयर ने उन्हें पूर्ण सहयोग का भरोसा दिलाया है।

नार्मलाइजेशन का विरोध
बुधवार को सोशल मीडिया पर नार्मलाइजेशन का नुकसान बताने वाले एक मैसेज वायरल किया गया। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट इस मैसेज की पुष्टि नहीं करता है। मैसेज में देश की तीन महत्वपूर्ण परीक्षाएं जिसमें नार्मलाइजेशन का फॉर्मूला लागू किया गया का निगेटिव रिस्पांस दर्शाया गया था। विरोध प्रदर्शन में शामिल छात्र भी इसे एग्जाम्पल के तौर पर इस्तेमाल करते हुए दिखे। कहना है कि यह प्रक्रिया उन्हें निष्पक्ष परिणामों से वंचित कर सकती है। तर्क दिया कि हर परीक्षा में अलग-अलग प्रश्न पत्र होते हैं और इनमें कठिनाई के स्तर में अंतर होता है। ऐसे में नार्मलाइजेशन प्रक्रिया से उन छात्रों को नुकसान हो सकता है, जिन्होंने कठिन प्रश्न पत्र हल किया हो। वे चाहते हैं कि परीक्षा को एक ही दिन में आयोजित किया जाए। जिससे सभी प्रतियोगियों के लिए समान प्रश्नपत्र हो और किसी तरह का भेदभाव न हो।

मंडलायुक्त व महापौर से मिले
महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रदीप मिश्र अंशुमन के नेतृत्व में कांग्रेस प्रतिनिधियों का एक दल मंडलायुक्त से मिला और इस फैसले के विरोध में ज्ञापन सौंपा। सांसद उज्जवल रमण ङ्क्षसह, पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण ङ्क्षसह, प्रदेश उपाध्यक्ष मनीष मिश्र, अनुसूचित जाति सेल के अध्यक्ष राम मनोरथ सरोज उपस्थित रहे।

ठकुराई गुट ने किया छात्रों का समर्थन
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (ठकुराई गुट) के प्रदेश महामंत्री लालमणि द्विवेदी ने छात्रों के हित में शीघ्र से शीघ्र निर्णय लेने की मांग की। कहा कि उत्तर प्रदेश में इतने सरकारी और सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थान हैं कि यह परीक्षा एक दिन में संपन्न हो सकती है.अच्छी छवि वाले वित्तविहीन संस्थाओं को भी परीक्षा केंद्र बनाया जा सकता है। ङ्क्षकतु जानबूझकर हठवादी रवैया अपनाया जा रहा है।

शिक्षक बांट रहे खाना
लोक सेवा आयोग के बाहर जुटे प्रदर्शनकारियों को तमाम कोङ्क्षचग संचालक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन कर रहे हैं। कई नामी कोङ्क्षचग संस्थान के कुछ शिक्षक प्रदर्शनकारियों को खाना और पानी भी मुहैय्या करवा रहे हैं। ऐसे कुछ वीडियो फुटेज पुलिस के पास भी पहुंचे हैं। पुलिस ऐसे लोगों की भूमिका की जांच करते हुए साक्ष्य संकलित कर रही है। धरना-प्रदर्शन के दौरान कई कोङ्क्षचग संस्थानों की ओर से दोहरा मापदंड अपनाए जाने से पुलिस भी हैरत में है। कहा गया है कि कुछ दिन पहले पुलिस अधिकारियों ने तमाम कोङ्क्षचग संचालकों के साथ पुलिस लाइन में बैठक की थी। तब अधिकांश ने पुलिस-प्रशासन का सहयोग करने की बात कही थी। मगर, देश की एक बड़ी कोचिंग ने सोमवार को ही एक्स पर पोस्ट करके छात्रों की मांग को जायज बता दिया।