प्रयागराज (ब्यूराे)।प्रयागराज में उमेश पाल व दो पुलिसकर्मियों की हत्या से पहले शूटरों ने बरेली जिला जेल में अशरफ से मुलाकात की थी। रविवार को जेल के सीसीटीवी फुटेज का एक वीडियो वायरल हो गया। इसमें उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने वाले कुछ आरोपित जेल से बाहर निकलते दिख रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि इस वीडियो के बारे में जेल प्रशासन को पहले ही पता चल चुका था। इसके बाद बरेली जेल के अधिकारियों और कई कर्मचारियों पर सस्पेंशन की गाज गिरी थी। संभावना जताई जा रही है कि इस मामले की जांच करने वाली टीम इन सभी के नामों का भी खुलासा कर सकती है।
करीब तीन साल से बरेली में था अशरफ
राजूपाल हत्याकांड का आरोपित पूर्व विधायक अशरफ प्रयागराज में कथित गिरफ्तारी के बाद बरेली जेल शिफ्ट कर दिया गया था। यहां से बरेली पहुंचने के बाद अशरफ ने यहां अपना नेटवर्क खड़ा कर लिया था। उसके रिलेटिव के अलावा कई मददगार भी वहां बन चुके थे। उमेश पाल हत्याकांड हुआ तो बरेली जेल अपने आप चर्चा में आ गयी। यहां चेकिंग हुई तो तमाम खामियां मिलीं। इसके बाद जांच बैठा दी गयी। प्राथमिक जांच रिपोर्ट में जेल के कई अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध मिली। इसी के आधार पर यहां आधा दर्जन से अधिक को सस्पेंड कर दिया गया था। अब जो वीडियो वायरल हुआ है वह भी कार्रवाई से पूर्व का ही है। इसमें अतीक का बेटा असद, गुड्डू मुस्लिम, गुलाम, उस्मान समेत नौ आरोपित अशरफ से मिलने जेल पहुंचे हुए थे।
बरेली में भी दर्ज है मुकदमा
जेल प्रशासन के कई जिम्मेदारों पर कार्रवाई के बाद प्रकरण गरम हो गया। इसके बाद बरेली में अशरफ, उसके साले सद्दाम, गुर्गे लल्ला गद्दी, जेल के सिपाही शिवहरि अवस्थी, कैंटीन संचालक दयाराम उर्फ नन्हे आदि के खिलाफ अपराधियों को संरक्षण देने का मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसमें से कई को पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था तो कुछ ने खुद सरेंडर किया था। नया वीडियो सामने आने के बाद कहा जा रहा है कि सद्दाम व लल्ला गद्दी के माध्यम से ही शूटर्स ने जेल में अवैध रूप से अशरफ से मुलाकात की थी। सूत्र बताते हैं कि अब वायरल हो रही वीडियो को जेल प्रशासन ने ही बरेली और प्रयागराज पुलिस को सौंपा था।